पाषाण काल

Total Questions: 8

1. मनुष्य के आरंभिक विकास के प्रागैतिहासिक काल को सामान्यतः_______ के नाम से जाना जाता है। [MTS (T-I) 02 मई, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (d) पुरापाषाण युग (Old stone age)
Solution:मनुष्य के आरंभिक विकास का प्रागैतिहासिक काल, जिसे इतिहास में सबसे लंबा कालखंड माना जाता है, को पुरापाषाण युग (Paleolithic Age) के नाम से जाना जाता है। यह काल लगभग 25 लाख वर्ष पूर्व से लेकर 10,000 ईसा पूर्व तक फैला हुआ था। इस युग में मानव जीवन पूरी तरह से शिकार और खाद्य-संग्रह (Hunting and Gathering) पर निर्भर था।

मानव ने अल्पविकसित, खुरदरे और चिपटे हुए पत्थर के औजारों का उपयोग करना सीखा। मानव का प्रारम्भिक विकास, आग की खोज, और होमिनिड्स (hominids) से आधुनिक मानव (Homo Sapiens) में क्रमिक विकास इसी विशाल कालखंड में हुआ। पुरापाषाण युग को अध्ययन की सुविधा के लिए तीन चरणों—निम्न, मध्य और उच्च पुरापाषाण काल—में विभाजित किया जाता है।

2. शुतुरमुर्ग पुरापाषाण काल में भारत में पाए गए थे। शुतुरमुर्ग के अंडे के छिलके बड़ी मात्रा में पाए गए हैं - [JE मैकेनिकल परीक्षा 22 मार्च, 2021 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) पटने
Solution:भारत में शुतुरमुर्ग (Ostrich) पुरापाषाण काल के दौरान मौजूद थे, और इसके प्रमाण शुतुरमुर्ग के अंडे के छिलकों के रूप में मिले हैं। महाराष्ट्र में स्थित पटने (Patne) पुरातात्विक स्थल एक प्रमुख केंद्र है जहाँ उच्च पुरापाषाण काल से संबंधित शुतुरमुर्ग के अंडे के छिलकों के टुकड़े बड़ी मात्रा में पाए गए हैं।

इन छिलकों का उपयोग संभवतः आभूषण (जैसे मनके या मोती) बनाने के लिए किया जाता था, क्योंकि कुछ टुकड़ों पर नक्काशी या छेदों के निशान भी मिले हैं। यह खोज दर्शाती है कि शुतुरमुर्ग का वितरण अफ्रीका के साथ-साथ एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप के कुछ हिस्सों तक भी फैला हुआ था। अन्य विकल्प जैसे पटना, इनामगांव (ताम्रपाषाण), और चिरांद (नवपाषाण) इस संदर्भ में मुख्य स्थल नहीं हैं।

3. भारत में पुरापाषाण युग के कितने चरण हैं ? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 23 नवंबर, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (d) तीन
Solution:भारत में पुरापाषाण युग (Paleolithic Age) के अध्ययन को औजारों की प्रकृति, जलवायु में परिवर्तन और मानव के सांस्कृतिक विकास के आधार पर मुख्य रूप से तीन चरणों में विभाजित किया गया है:
  1. निम्न पुरापाषाण काल (Lower Paleolithic Age): इस काल के औजारों में मुख्य रूप से हस्त-कुल्हाड़ी (hand-axes) और विदारणी (cleavers) शामिल हैं।
  2. मध्य पुरापाषाण काल (Middle Paleolithic Age): इस चरण में फलक (flakes), वेधनी (borers), और खुरचनी (scrapers) जैसे छोटे और अधिक परिष्कृत औजारों का उपयोग शुरू हुआ।
  3. उच्च पुरापाषाण काल (Upper Paleolithic Age): यह चरण ब्लेड, ब्यूरिन (burins) और हड्डी के औजारों के उपयोग तथा गुफा चित्रों के प्रमाणों के लिए जाना जाता है, जो कलात्मक अभिव्यक्ति की शुरुआत को दर्शाता है।

4. संभवतः ...... मेहरगढ़ में कपास की खेती होती थी I [MTS (T-I) 14 जून, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (c) 7000 साल पहले
Solution:मेहरगढ़, जो वर्तमान पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है, भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे महत्वपूर्ण नवपाषाणकालीन स्थलों में से एक है। यह स्थल कृषि और पशुपालन के शुरुआती प्रमाणों के लिए जाना जाता है। पुरातात्विक साक्ष्यों से पता चलता है

कि मेहरगढ़ में संभवतः 7000 साल पहले (लगभग 5000 ईसा पूर्व) कपास की खेती शुरू हो गई थी। यह खोज विश्व में कपास की खेती के सबसे पुराने ज्ञात प्रमाणों में से एक है। मेहरगढ़ में मिले ये शुरुआती कृषि साक्ष्य दर्शाते हैं कि यह क्षेत्र बाद में विकसित हुई सिंधु घाटी सभ्यता के लिए एक महत्वपूर्ण आधारभूत केंद्र था।

5. निम्नलिखित में से कौन-सा एक नवपाषाण सांस्कृतिक स्थल नहीं है ? [कांस्टेबल GD 13 फरवरी, 2019 (II-पाली)]

Correct Answer: (d) कुंतासी
Solution:दिए गए विकल्पों में से, कुंतासी एक नवपाषाण (Neolithic) सांस्कृतिक स्थल नहीं है।
  • कोल्डिहवा (उत्तर प्रदेश) और बुर्जहोम (जम्मू और कश्मीर) दोनों महत्वपूर्ण नवपाषाणकालीन स्थल हैं, जहाँ कृषि और स्थिर जीवन शैली के साक्ष्य मिले हैं।
  • मेहरगढ़ (पाकिस्तान) भी एक प्रमुख नवपाषाण स्थल है।
  • इसके विपरीत, कुंतासी गुजरात में स्थित एक तटीय पुरातात्विक स्थल है जो मुख्य रूप से सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilization) के ताम्रपाषाण/कांस्य युग से संबंधित है। यह एक बंदरगाह और औद्योगिक केंद्र के रूप में कार्य करता था, इसलिए यह नवपाषाण संस्कृति की बजाय एक विकसित सभ्यता से जुड़ा हुआ है।

6. प्राचीन भारतीय इतिहास के किस काल में मिट्टी के बर्तनों का पता लगाया गया था ? [Phase-XI 28 जून, 2023 (IV-पाली)]

Correct Answer: (a) नवपाषाण
Solution:मिट्टी के बर्तनों (Pottery) का आविष्कार और व्यापक उपयोग प्राचीन भारतीय इतिहास के नवपाषाण युग (Neolithic Age) की एक प्रमुख विशेषता है। हालांकि मिट्टी के बर्तन (जैसे हाथों से बने) के शुरुआती प्रमाण उच्च पुरापाषाण और मध्यपाषाण काल में भी मिल सकते हैं, लेकिन कृषि की शुरुआत के कारण खाद्यान्नों के भंडारण, खाना पकाने और खाने के लिए बर्तनों की आवश्यकता बहुत बढ़ गई।

नवपाषाण युग में ही स्थिर जीवन, कृषि, और पशुपालन के साथ-साथ मिट्टी के बर्तनों का निर्माण एक व्यापक उद्योग के रूप में विकसित हुआ। इस काल में बर्तनों को पकाया जाने लगा, और बाद में चाक (potter's wheel) का उपयोग भी शुरू हुआ।

7. मनुष्य इतिहास में किस काल से खाद्य उत्पादक बना ? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 30 नवंबर, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (a) नवपाषाण युग
Solution:मनुष्य इतिहास में नवपाषाण युग (Neolithic Age) से खाद्य-संग्रहकर्ता (food-gatherer) से खाद्य उत्पादक (food-producer) बना। यह परिवर्तन नवपाषाण क्रांति के रूप में जाना जाता है।

इस काल में, मानव ने शिकार और जंगली पौधों को इकट्ठा करने के बजाय, व्यवस्थित तरीके से कृषि (खेती) करना और पशुपालन शुरू कर दिया। कृषि की शुरुआत ने मनुष्य को एक ही स्थान पर लंबे समय तक रहने, स्थायी बस्तियां (Settlements) बनाने, और अपनी खाद्य आपूर्ति को नियंत्रित करने में सक्षम बनाया, जिससे मानव सभ्यता के विकास की नींव पड़ी।

8. भारत में, महापाषाण कब्रें (megaliths) बनाने की प्रथा लगभग पहले शुरू हुई थी I [MTS (T-I) 15 मई, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (a) 3000 साल
Solution:महापाषाण (Megaliths) का अर्थ है "बड़ा पत्थर"। ये वे स्मारक या कब्रें हैं जिन्हें बड़े पत्थरों से बनाया गया था और ये आमतौर पर दक्कन (Deccan) और दक्षिण भारत में पाए जाते हैं। भारत में महापाषाण कब्रें बनाने की प्रथा लगभग 3000 साल पहले (यानी लगभग 1000 ईसा पूर्व) शुरू हुई थी और यह लगभग पहली शताब्दी ईस्वी तक जारी रही।

ये कब्रें मृतकों को दफनाने के बाद उनकी पहचान के रूप में बनाई जाती थीं, जिनमें अक्सर मिट्टी के बर्तन (काले और लाल मृदभांड) और लोहे के उपकरण भी रखे जाते थे। 1000 ईसा पूर्व आज से लगभग 3000 वर्ष पूर्व का समय है, जो महापाषाण संस्कृति के आरंभिक चरण को इंगित करता है।