Solution:गांधार कला शैली भारतीय उपमहाद्वीप की मूर्तिकला की एक प्रमुख शैली थी जो कुषाण काल के दौरान विकसित हुई थी, विशेषकर गांधार क्षेत्र (पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी अफगानिस्तान)।यह शैली भारतीय (हिंद) और यूनानी (ग्रीक) कला शैलियों का एक अनूठा और शानदार संयोजन (Indo-Greek) है। इस कला की विशेषता बुद्ध और बोधिसत्व की मूर्तियों में यूनानी-रोमन देवताओं की तरह दिखने वाले चेहरे, घुंघराले बाल, और यथार्थवादी कपड़े की सिलवटों को दर्शाना है, जबकि विषय वस्तु पूर्णतः भारतीय (बौद्ध धर्म) है।
विदेशी प्रभाव बुद्ध की मूर्तिकलाओं से प्रकट होता है जिसमें वे ग्रीक मूर्तिकलाओं के समान प्रतीत होती हैं। शाक्य और कुषाण दोनों गांधार स्कूल के महान संरक्षक थे।