Solution:अलीवर्दी खान की मृत्यु के बाद 1756 में उनके पोते सिराजुद्दौला बंगाल के नवाब बने। हालांकि, उन्हें अपने परिवार के सदस्यों और दरबारियों, जैसे घसीटी बेगम और मीर जाफर, से आंतरिक विरोध का सामना करना पड़ा।
इस आंतरिक संघर्ष ने अंग्रेजों को बंगाल की राजनीति में हस्तक्षेप करने का मौका दिया, जिसका परिणाम एक वर्ष बाद प्लासी के युद्ध में सिराजुद्दौला की हार के रूप में सामने आया।