अंतरराष्ट्रीय व्यापार

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1. 'उत्पत्ति के नियम' के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ? [69th B.P.S.C. (Pre) 2023]

1. उत्पत्ति के नियम किसी उत्पाद के राष्ट्रीय स्रोत को निर्धारित करने के लिए आवश्यक मानदंड हैं।

2. उत्पत्ति के नियम कस्टम एजेंसियों को यह जानने में मदद करते हैं कि किसी दिए गए उत्पाद पर कौन-से नियम और कौन-से शुल्क लागू होते हैं।

3. इनका उपयोग व्यापार सांख्यिकी के प्रयोजन के लिए किया जाता है।

4. उनका महत्व इस तथ्य से प्रमाणित होता है कि कई मामलों में कर और प्रतिबंध आयातों के स्रोतों पर निर्भर करते हैं।

उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?

 

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:उत्पत्ति के नियम (Rules of Origin) किसी उत्पाद के राष्ट्रीय स्रोत को निर्धारित करने के लिए आवश्यक मानदंड हैं। इनका महत्व इस तथ्य से पता चलता है कि, कई मामलों में शुल्क और प्रतिबंध आयात के स्रोत पर निर्भर करते हैं। उत्पत्ति के नियमों के संबंध में सरकारों के व्यवहार में व्यापक भिन्नता है। उत्पत्ति के नियम कस्टम एजेंसियों को यह जानने में मदद करते हैं कि किसी दिए गए उत्पाद पर कौन-से नियम और कौन-से शुल्क लागू होते हैं। इनका प्रयोग व्यापार सांख्यिकी के प्रयोजन के लिए किया जाता है। इनका महत्व इस तथ्य से प्रमाणित होता है कि कई मामलों में कर और प्रतिबंध आयातों के स्रोतों पर निर्भर करते हैं।

2. आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन पहल (SCRI) के बारे में निम्नलिखित कथनों को पढ़िए - [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021]

(i) अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संबंध में आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन एक दृष्टिकोण है, जो एक देश की किसी अप्रत्याशित स्थिति में आयात की निर्बाध आपूर्ति को सुनिश्चित करने में मदद करता है।

(ii) यह पांच देशों की एक पहल है, भारत उनमें से एक है।

सही कूट चुनिए -

 

Correct Answer: (a) केवल (i) सत्य है
Solution:भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्रियों ने 27 अप्रैल, 2021 को औपचारिक रूप से आयोजित त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठक में आपूर्ति श्रृंखला को बेहतर बनाने की पहल की औपचारिक शुरुआत की। यह पहल अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संबंध में आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन एक दृष्टिकोण है, जो एक देश की किसी अप्रत्याशित स्थिति में आयात की निर्बाध आपूर्ति को सुनिश्चित करने में मदद करता है।

3. भारत सरकार का कौन-सा मंत्रालय भारत की विदेश व्यापार नीति से संबंधित है? [M.P. P.C.S. (Pre.), 2019]

Correct Answer: (c) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
Solution:भारत सरकार का वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत की विदेश व्यापार नीति से संबंधित है। वर्तमान समय में पीयूष गोयल केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री हैं।

4. वाणिज्य विभाग की दीर्घकालीन दृष्टि में भारत को विश्व के व्यापार का मुख्य सहयोगी बनाना है- [U.P.P.C.S. (Mains), 2014, 2017 U. P. R. O./A.R.O. (Mains) 2014]

Correct Answer: (c) 2020 तक
Solution:वाणिज्य विभाग की दीर्घकालीन दृष्टि में वर्ष 2020 तक भारत को विश्व व्यापार का मुख्य सहयोगी बनाना तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संगठनों में भारत के बढ़ते महत्व के अनुरूप नेतृत्व की भूमिका में लाना था। साथ ही भारत के व्यापार और सेवाओं के निर्यात को वर्ष 2019-20 तक 900 अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना था। 31 मार्च, 2023 को जारी 'विदेश व्यापार नीति, 2023' में भारतीय निर्यात को वर्ष 2030 तक 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का पण्य निर्यात + 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का सेवा निर्यात) का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

5. वर्तमान में भारत के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? [I.A.S. (Pre) 2020]

1. भारत के माल का निर्यात, माल के आयात से कम है।

2. भारत के लोहे व इस्पात, रसायनों, उर्वरकों और मशीनों के आयात में हाल के वर्षों में कमी आयी है।

3. भारत की सेवाओं का निर्यात, सेवाओं के आयात से अधिक है।

4. भारत को कुल मिलाकर व्यापार/चालू खाते का घाटा हो रहा है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए :

 

Correct Answer: (d) केवल 1, 3 और 4
Solution:प्रश्नकाल हेतु विकल्प (d) सही उत्तर है। आर्थिक समीक्षा 2022-23 के अनुसार, वर्ष 2021-22 के दौरान, भारत ने लगभग 422 बिलियन डॉलर मूल्य का माल निर्यात किया और लगभग 613.05 बिलियन डॉलर मूल्य का माल आयात किया। अतः कथन 1 सही है। भारत के लोहे व इस्पात, रसायनों, उर्वरकों और मशीनों के आयात में हाल के वर्षों में वृद्धि दर्ज की गई है न कि कमी। अतः कथन 2 गलत है।

भारत की सेवाओं का निर्यात वर्ष 2021-22 के दौरान 254.5 बिलियन डॉलर का था, जबकि आयात 147 बिलियन डॉलर का रहा। अतः कथन 3 सही है।

आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में भारत के चालू खाता शेष (CAB) में 36.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 4.4 प्रतिशत) का घाटा दर्ज किया गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 9.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर (जीडीपी का 1.3 प्रतिशत) था। वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में चालू खाता घाटे (CAD) का बढ़ना मुख्य रूप से 83.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के उच्च पण्य व्यापार घाटे और निवल निवेश आय के निर्गम के कारण था। वित्त वर्ष 2022-23 की प्रथम छमाही की अवधि के लिए, भारत ने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 3.3 प्रतिशत का चालू खाता घाटा (CAD) दर्ज किया, जो वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में 0.2 प्रतिशत की तुलना में पण्य व्यापार घाटे में वृद्धि के कारण था। हालांकि चयनित देशों के लिए चालू खाता शेष की स्थिति के साथ तुलना से पता चलता है कि भारत का चालू खाता घाटा (CAD) मामूली और प्रबंधनीय सीमा के भीतर है। अतः कथन 4 भी सत्य है। संघ लोक सेवा आयोग ने इस प्रश्न को मूल्यांकन से बाहर कर दिया था।

6. 2011-12 में भारत का बाह्य व्यापार का आंकड़ा पहुंच गया लगभग- [U. P. R. O./A. R. O. (Pre) 2014]

Correct Answer: (e) इनमें से कोई नहीं
Solution:प्रश्नकाल में जारी आंकड़ों अनुसार, वित्तीय वर्ष 2011-2012 में भारत का कुल बाह्य व्यापार 3811360 करोड़ रुपये था। अतः उपर्युक्त प्रश्न का कोई भी विकल्प सही नहीं है। अप्रैल, 2024 में जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में भारत का समग्र निर्यात (वस्तुओं और सेवाओं को मिलाकर) वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) की तुलना में 0.04 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्शाता है। वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में कुल आयात वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल- 5 मार्च) की तुलना में (-)4.81 प्रतिशत की ऋणात्मक वृद्धि दर्शाता है। वित्त वर्ष 2023-24 एवं 2022-23 (अप्रैल-मार्च) के दौरान समग्र व्यापार निम्न है-
व्यापार निर्यात 2023-24 (अरब अमेरिकी डॉलर) 2022-23 (अरब अमेरिकी डॉलर)
वस्तुएं निर्यात 437.06
आयात 677.24
सेवाएं निर्यात 339.62
आयात 177.56
कुल व्यापार (वस्तुएं + सेवाएं) निर्यात 776.68
आयात 854.80
व्यापार संतुलन (-78.12)

7. 2011-12 में भारत का बाहरी व्यापार था- [U. P. P. C. S. (Mains) 2015]

Correct Answer: (e) 3811360 करोड़ से अधिक
Solution:प्रश्नकाल में जारी आंकड़ों अनुसार, वित्तीय वर्ष 2011-2012 में भारत का कुल बाह्य व्यापार 3811360 करोड़ रुपये था। अतः उपर्युक्त प्रश्न का कोई भी विकल्प सही नहीं है। अप्रैल, 2024 में जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में भारत का समग्र निर्यात (वस्तुओं और सेवाओं को मिलाकर) वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल-मार्च) की तुलना में 0.04 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्शाता है। वित्त वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में कुल आयात वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल- 5 मार्च) की तुलना में (-)4.81 प्रतिशत की ऋणात्मक वृद्धि दर्शाता है। वित्त वर्ष 2023-24 एवं 2022-23 (अप्रैल-मार्च) के दौरान समग्र व्यापार निम्न है-
व्यापार निर्यात 2023-24 (अरब अमेरिकी डॉलर) 2022-23 (अरब अमेरिकी डॉलर)
वस्तुएं निर्यात 437.06
आयात 677.24
सेवाएं निर्यात 339.62
आयात 177.56
कुल व्यापार (वस्तुएं + सेवाएं) निर्यात 776.68
आयात 854.80
व्यापार संतुलन (-78.12)

8. 'भारत के व्यापार सकल घरेलू उत्पाद' के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016]

Correct Answer: (e) इनमें से कोई नहीं
Solution:विश्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का व्यापार सकल घरेलू उत्पाद अनुपात वर्ष 2000 में 26.9 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2019 में बढ़कर 39.39 प्रतिशत हो गया है जो वर्ष 2000 की तुलना में 46.43 प्रतिशत अधिक है। वर्ष 2000 से 2019 के मध्य मात्र वर्ष 2008, 2011, 2012 एवं 2013 ही ऐसे वर्ष रहे जब व्यापार सकल घरेलू उत्पाद अनुपात 50 प्रतिशत से ऊपर रहा। भारत का व्यापार जीडीपी अनुपात 1970 में न्यूनतम (7.66 प्रतिशत) था जबकि वर्ष 2007 में यह 45.69 प्रतिशत था। वर्ष 2018 में व्यापार सकल घरेलू उत्पाद 43.62 प्रतिशत था जो वर्ष 2019 के 39.96 प्रतिशत से लगभग 3.66 प्रतिशतांक अधिक था। यह वर्ष 2020 में 37.81 प्रतिशत तथा वर्ष 2021 में 45.29 प्रतिशत रहा। अतः कोई भी विकल्प सही नहीं है।

9. भारत का कुल माल व्यापार (मर्चेंडाइज ट्रेड) जी.डी.पी. के प्रतिशत के रूप में वर्ष 2004-05 में 29.5% से बढ़कर 2012-13 में हो गया है- [U.P. P.C.S. (Mains) 2014 U.P. R.O./A.R.O. (Mains) 2014]

Correct Answer: (b) 40.6%
Solution:प्रश्नकाल के संदर्भ में विकल्प (b) सही उत्तर था। विश्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022, वर्ष 2021 एवं वर्ष 2020 की अवधि में भारत में वस्तु व्यापार (Merchandise Trade) एवं जीडीपी (GDP) अनुपात क्रमशः 34.4%, 30.7% तथा 24.3% है।

10. वर्ष 1990-91 में वस्तुओं निर्यात तथा आयात संयुक्त रूप से का जी.डी.पी. का 14.2 प्रतिशत था। वर्ष 2011-12 में वर्ष 1990-91 की तुलना में यह हो गया- [U.P.P.C.S. (Mains) 2013]

Correct Answer: (b) लगभग तीन गुना
Solution:प्रश्नकाल में विकल्प (b) सही उत्तर था। विश्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में पण्य व्यापार (Merchandise Trade) जीडीपी के प्रतिशत के रूप में 34.4 प्रतिशत रहा। अंतरराष्ट्रीय संस्था 'World Integrated Trade Solution' द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2021 में भारतीय वस्तुओं एवं सेवाओं का निर्यात तथा आयात जीडीपी (GDP) का क्रमशः 21.51 प्रतिशत तथा 24.15 प्रतिशत रहा।