अकबर (UPPCS) (भाग-2)

Total Questions: 28

11. अकबर के काल में महाभारत का फारसी अनुवाद जिसके निर्देशन में हुआ, वह है- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999]

Correct Answer: (d) फैजी
Solution:अकबर ने अपने राजकवि फैजी की अध्यक्षता में एक अनुवाद विभाग की स्थापना की थी। अकबर के आदेश से महाभारत के विभिन्न भागों का 'रज्मनामा' नाम से फारसी में अनुवाद फैजी के ही निर्देशन में नकीब खां, बदायूंनी, फैजी आदि विभिन्न विद्वानों के सम्मिलित प्रयासों से किया गया। इसके अतिरिक्त बदायूंनी ने 'रामायण' का, फैजी ने 'लीलावती' का तथा अबुल फजल ने 'कालियादमन' का फारसी में अनुवाद किया।

12. निम्नलिखित में से किसने महाभारत का फारसी में अनुवाद किया था? [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2016]

Correct Answer: (a) अब्दुल कादिर बदायूंनी
Solution:अकबर ने अपने राजकवि फैजी की अध्यक्षता में एक अनुवाद विभाग की स्थापना की थी। अकबर के आदेश से महाभारत के विभिन्न भागों का 'रज्मनामा' नाम से फारसी में अनुवाद फैजी के ही निर्देशन में नकीब खां, बदायूंनी, फैजी आदि विभिन्न विद्वानों के सम्मिलित प्रयासों से किया गया। इसके अतिरिक्त बदायूंनी ने 'रामायण' का, फैजी ने 'लीलावती' का तथा अबुल फजल ने 'कालियादमन' का फारसी में अनुवाद किया।

13. महाभारत के फारसी अनुवाद का शीर्षक है- [U.P. P.C.S. (Pre) 2001 & U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002 & U.P. P.C.S. (Pre) 2003]

Correct Answer: (b) रज्मनामा
Solution:अकबर ने अपने राजकवि फैजी की अध्यक्षता में एक अनुवाद विभाग की स्थापना की थी। अकबर के आदेश से महाभारत के विभिन्न भागों का 'रज्मनामा' नाम से फारसी में अनुवाद फैजी के ही निर्देशन में नकीब खां, बदायूंनी, फैजी आदि विभिन्न विद्वानों के सम्मिलित प्रयासों से किया गया। इसके अतिरिक्त बदायूंनी ने 'रामायण' का, फैजी ने 'लीलावती' का तथा अबुल फजल ने 'कालियादमन' का फारसी में अनुवाद किया।

14. 16वीं शताब्दी में संपन्न महामारत का फारसी अनुवाद कहलाता है- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (b) रज्मनामा
Solution:अकबर ने अपने राजकवि फैजी की अध्यक्षता में एक अनुवाद विभाग की स्थापना की थी। अकबर के आदेश से महाभारत के विभिन्न भागों का 'रज्मनामा' नाम से फारसी में अनुवाद फैजी के ही निर्देशन में नकीब खां, बदायूंनी, फैजी आदि विभिन्न विद्वानों के सम्मिलित प्रयासों से किया गया। इसके अतिरिक्त बदायूंनी ने 'रामायण' का, फैजी ने 'लीलावती' का तथा अबुल फजल ने 'कालियादमन' का फारसी में अनुवाद किया।

15. 'रज्मनामा' किस हिंदू ग्रंथ का फारसी अनुवाद है? [U.P.R.O./A.R.O. (Re. Exam) (Pre) 2016]

Correct Answer: (c) महाभारत
Solution:अकबर ने अपने राजकवि फैजी की अध्यक्षता में एक अनुवाद विभाग की स्थापना की थी। अकबर के आदेश से महाभारत के विभिन्न भागों का 'रज्मनामा' नाम से फारसी में अनुवाद फैजी के ही निर्देशन में नकीब खां, बदायूंनी, फैजी आदि विभिन्न विद्वानों के सम्मिलित प्रयासों से किया गया। इसके अतिरिक्त बदायूंनी ने 'रामायण' का, फैजी ने 'लीलावती' का तथा अबुल फजल ने 'कालियादमन' का फारसी में अनुवाद किया।

16. अकबर की इच्छानुसार किसने रामायण का फारसी में अनुवाद किया था? [U.P. P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (b) अब्दुल कादिर बदायूंनी
Solution:अकबर ने अपने राजकवि फैजी की अध्यक्षता में एक अनुवाद विभाग की स्थापना की थी। अकबर के आदेश से महाभारत के विभिन्न भागों का 'रज्मनामा' नाम से फारसी में अनुवाद फैजी के ही निर्देशन में नकीब खां, बदायूंनी, फैजी आदि विभिन्न विद्वानों के सम्मिलित प्रयासों से किया गया। इसके अतिरिक्त बदायूंनी ने 'रामायण' का, फैजी ने 'लीलावती' का तथा अबुल फजल ने 'कालियादमन' का फारसी में अनुवाद किया।

17. निम्नलिखित में से किसने रामायण का फारसी भाषा में अनुवाद किया था? [U.P.P.C.S. (Mains) 2015]

Correct Answer: (d) अब्दुल कादिर बदायूंनी
Solution:अकबर ने अपने राजकवि फैजी की अध्यक्षता में एक अनुवाद विभाग की स्थापना की थी। अकबर के आदेश से महाभारत के विभिन्न भागों का 'रज्मनामा' नाम से फारसी में अनुवाद फैजी के ही निर्देशन में नकीब खां, बदायूंनी, फैजी आदि विभिन्न विद्वानों के सम्मिलित प्रयासों से किया गया। इसके अतिरिक्त बदायूंनी ने 'रामायण' का, फैजी ने 'लीलावती' का तथा अबुल फजल ने 'कालियादमन' का फारसी में अनुवाद किया।

18. सम्राट अकबर द्वारा निम्न में से किसको 'जरी कलम' की उपाधि प्रदान की गई थी? [U.P. P.C.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (a) मुहम्मद हुसैन
Solution:अकबर के दरबार के प्रसिद्ध ग्रंथकर्ताओं (जिनकी एक सूची 'आइने अकबरी' में मिलती है) में सबसे प्रमुख कश्मीर का 'मुहम्मद हुसैन' था, जिसे अकबर ने 'जरी कलम' की उपाधि प्रदान की थी।

19. जैन साधु, जो अकबर के दरबार में कुछ वर्ष रहा और जिसे जगद्‌गुरु की उपाधि से सम्मानित किया गया, वह था- [U.P.P.C.S. (Mains) 2002]

Correct Answer: (b) हरिविजय सूरि
Solution:हरिविजय सूरि ही वह जैन साधु था, जो अकबर के दरबार में कुछ वर्ष तक रहा एवं जिसे 'जगद्‌गुरु' की उपाधि से सम्मानित किया गया। 1582 ई. में अकबर ने उक्त जैनाचार्य को जैन सिद्धांतों को समझने की इच्छा आहूत किया था। इनसे प्रभावित होकर अकबर ने कुछ दिनों के लिए मांस भक्षण बंद कर दिया था एवं पशु-पक्षियों के वध पर भी रोक लगा दी थी। मुगल दरबार में एक अन्य जैन विद्वान जिन चंद्र सूरी भी रहते थे, जिन्हें 'युग प्रधान' की उपाधि प्रदान की गई थी।

20. वह प्रसिद्ध जैन आचार्य कौन थे, जिनको अकबर ने बहुत सम्मानित किया था? [U.P.P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (b) हरिविजय सूरि
Solution:हरिविजय सूरि ही वह जैन साधु था, जो अकबर के दरबार में कुछ वर्ष तक रहा एवं जिसे 'जगद्‌गुरु' की उपाधि से सम्मानित किया गया। 1582 ई. में अकबर ने उक्त जैनाचार्य को जैन सिद्धांतों को समझने की इच्छा आहूत किया था। इनसे प्रभावित होकर अकबर ने कुछ दिनों के लिए मांस भक्षण बंद कर दिया था एवं पशु-पक्षियों के वध पर भी रोक लगा दी थी। मुगल दरबार में एक अन्य जैन विद्वान जिन चंद्र सूरी भी रहते थे, जिन्हें 'युग प्रधान' की उपाधि प्रदान की गई थी।