अलंकार (Part-3)

Total Questions: 54

21. निम्नलिखित पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? [P.G.T. परीक्षा, 2010]

एक म्यॉन में दो तलवारें कभी नहीं रह सकती हैं। किसी और पर प्रेम नारियाँ पति का क्या सह सकती हैं?

 

Correct Answer: (a) दृष्टान्त
Solution:जहाँ पहले कोई बात कहकर उससे मिलती-जुलती बात द्वारा दृष्टान्त दिया जाए, लेकिन समानता किसी शब्द द्वारा प्रकट न हो, वहाँ 'दृष्टान्त अलंकार' होता है। प्रस्तुत पंक्तियों का अर्थ है कि पति का किसी अन्य स्त्री पर अनुरक्त होना नारियाँ वैसे ही नहीं सह सकती जैसे एक म्याँन में दो तलवारें नहीं समा सकतीं।

22. "देख लौ साकेत नगरी है यही, स्वर्ग से मिलने गगन जा रही है।" में कौन-सा अलंकार है? [U.P. SI-2021]

Correct Answer: (b) अतिशयोक्ति
Solution:उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में 'अतिशयोक्ति अलंकार' का प्रयोग किया गया है। वस्तुतः जब किसी का वर्णन लोकसीमा से भी बढ़ा-चढ़ाकर किया जाता है, तो वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है। यह अर्थालंकार का एक भेद है।

23. बाँधा था विधु को किसने, इन काली जंजीरों से। मणिवाले फणियों का मुख, क्यों भरा हुआ हीरों से? इन काव्य-पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? [UPSSSC कनिष्ठ सहायक (द्वितीय पाली) परीक्षा 2019 U.P. SI-2021 M.P. Professional Exam.1912.2017]

Correct Answer: (d) अतिशयोक्ति
Solution:प्रश्नगत् काव्य-पंक्तियों में अतिशयोक्ति अलंकार है। जहाँ किसी का वर्णन इतना बढ़ा-चढ़ाकर किया जाए कि सीमा या मर्यादा का उल्लंघन हो जाए, वहाँ 'अतिशयोक्ति अलंकार' होता है।

24. काव्यांश में निहित अलंकार बताइए-"देख लो साकेत नगरी है यही, स्वर्ग से मिलने गगन को जा रही।" [MPSI (SI) Exam, 28th oct 2017 (02:00 PM)]

Correct Answer: (a) अतिशयोक्ति अलंकार
Solution:जब किसी व्यक्ति, वस्तु या परिस्थिति का वर्णन करने में सीमा या मर्यादा टूट जाए तो वहाँ पर अतिशयोक्ति अलंकार होता है। प्रश्नगत् काव्यांश अतिशयोक्ति अलंकार का उदाहरण है।

25. 'नित प्रति पून्योई रहत आनन-ओप उजास' में अलंकार है- [T.G.T. पुनर्परीक्षा, 2004]

Correct Answer: (d) अतिशयोक्ति
Solution:प्रस्तुत पंक्ति का अर्थ है नायिका के मुख पर व्याप्त उजाले से वहाँ रोज पूर्णिमा ही रहती है। मुख सौन्दर्य का बढ़ा-चढ़ा कर वर्णन किया गया है, अतः यहाँ अतिशयोक्ति अलंकार है।

26. काव्यांश में निहित अलंकार बताइएः [MPSI (SI) Exam, 28th oct 2017 (02:00 PM)]

स्वारथ सुकृतु न, श्रमु वृथा, देखि बिहंग बिचारि, बाज पराएँ पानि परि, तँ पच्छीनु न मारि।

 

Correct Answer: (c) अन्योक्ति अलंकार
Solution:जहाँ पर उपमान के वर्णन के माध्यम से उपमेय का वर्णन किया जाए वहाँ पर अन्योक्ति अलंकार होता है। इस अलंकार में कोई बात सीधे-सादे रूप में न कहकर, किसी के माध्यम से कही जाती है। प्रश्नगत काव्यांश इसी अलंकार का उदाहरण है।

27. जहाँ समानार्थक विशेषणों से प्रस्तुत के वर्णन द्वारा अप्रस्तुत का बोध कराया जाय, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है? [UGC हिन्दी तृतीय प्रश्न-पत्र जनवरी, 2017]

Correct Answer: (a) समासोक्ति
Solution:जहाँ समानार्थक विशेषणों से प्रस्तुत के वर्णन द्वारा अप्रस्तुत का बोध कराया जाए, वहाँ 'समासोक्ति अलंकार' होता है अर्थात् जहाँ प्रस्तुत के माध्यम से अप्रस्तुत का वर्णन हो रहा हो। जैसे-

"पीली पड़, निर्बल, कोमल, कृश देह लता कुम्हलाई, विवसना, लाज में लिपटी, साँसो में शून्य समाई।"

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

व्यतिरेक अलंकार में जहाँ उपमान की अपेक्षा उपमेय का उत्कर्ष वर्णन होता है। जैसे- "रघुवर जस प्रताप के आगे, चन्द, मन्द, रवि तापहिं त्यागे।"

विनोक्ति अलंकार में 'बिना' वाचक शब्द द्वारा एक के बिना दूसरे पदार्थ को शोभित या अशोभित कहा जाता हो; जैसे बिना दुःख के सुख निस्सार है।

सहोक्ति अलंकार में सह अर्थबोधक शब्दों की मदद से अनेक पदार्थों के साथ सम्बन्ध का वर्णन होता है।

28. इन पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है? [P.G.T. परीक्षा, 2010, 2011, T.G.T. परीक्षा, 2005, उ.प्र. कांस्टेबिल परीक्षा, 2006]

दृग उरझत टूटत कुटुम जुरत चतुर-चित प्रीति । परति गाँठि दुरजन हियें दई नई यह रीति।।

 

Correct Answer: (a) असंगति
Solution:प्रस्तुत पंक्तियों में असंगति अलंकार है। इस दोहे में कारण और कार्य में संगति न होने से यहाँ असंगति अलंकार है।

29. दिए गए वाक्य में प्रयुक्त अलंकार के भेद का चयन, दिए गए विकल्पों में से करें। [UPPCL JE Exam, 18-फरवरी, 2018 (द्वितीय पाली)]

तू रूप है किरन में, सौन्दर्य है सुमन में।

 

Correct Answer: (b) उल्लेख
Solution:'तू रूप है किरन में, सौन्दर्य है सुमन में' उल्लेख अलंकार का प्रयोग हुआ है।

30. जहाँ बिना कारण के ही कार्य की सम्भावना व्यक्त की गई हो, वहाँ कौन-सा अलंकार होता है? [UGC हिन्दी तृतीय प्रश्न-पत्र नवम्बर, 2017 T.G.T. परीक्षा, 2010, डायट (प्रवक्ता) परीक्षा, 2014]

Correct Answer: (a) विभावना
Solution:जहाँ बिना कारण के ही कार्य की सम्भावना व्यक्त की गई हो, वहाँ 'विभावना' अलंकार होता है। उदाहरण "बिनु पद चलै सुनै बिनु काना"।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

निदर्शना अलंकार - जहाँ वस्तुओं का सम्भव या असम्भव सम्बन्ध उपमा की कल्पना कराता हो, वहाँ निदर्शना अलंकार होता है।

असंगति अलंकार- वहाँ होता है, जहाँ कारण और कार्य में संगति का अभाव अर्थात् कारण कहीं और कार्य कहीं और होता है।

अर्थान्तरन्यास अलंकार- वहाँ होता है, जहाँ सामान्य का विशेष से अथवा विशेष का सामान्य से समर्थन होता है।

विरोधाभास अलंकार वहाँ होता है, जहाँ विरोध न होने पर भी विरोध का आभास होता है।

प्रदीप अलंकार- वहाँ होता है, जहाँ उपमान को उपमेय बना दिया जाता है।