आनुवंशिक इंजीनियरिंग तथा बायोटेक्नोलॉजी (Part – I)

Total Questions: 50

1. विज्ञान में हुए अभिनव विकासों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है? [I.A.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (a) विभिन्न जातियों की कोशिकाओं से लिए गए DNA के खंडों को जोड़कर प्रकार्यात्मक गुणसूत्र रचे जा सकते हैं।
Solution:प्रश्नगत कथनों में पहला कथन सही नहीं है, क्योंकि विभिन्न जातियों की कोशिकाओं से लिए गए DNA के खंडों को जोड़कर (पुनर्योजित डीएनए तकनीक के माध्यम से) प्रकार्यात्मक गुणसूत्र नहीं बल्कि प्रकार्यात्मक DNA ही तैयार किए जा सकते हैं। अन्य तीनों प्रश्नगत कथन सही हैं। कथन (2) DNA प्रिंटिंग और कृत्रिम जीन संश्लेषण, कथन (3) क्लोनिंग और कथन (4) ऊतक संवर्धन (Tissue Culture) से संबंधित सही तथ्य है।

2. 'पुनः संयोजित (रीकॉम्बिनेंट) वेक्टर वैक्सीन' से संबंधित हाल के विकास के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: [I.A.S. (Pre) 2021]

1. इन वैक्सीनों के विकास में आनुवंशिक इंजीनियरी का प्रयोग किया जाता है।

2. जीवाणुओं और विषाणुओं का प्रयोग रोगवाहक (वेक्टर) के रूप में किया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:'पुनः संयोजित (रीकॉम्बिनेंट) वेक्टर वैक्सीन' के विकास में जेनेटिक इंजीनियरिंग का उपयोग किया जाता है। जेनेटिक इंजीनियरिंग में आनुवंशिक सामग्री (डीएनए और आरएनए) के द्वारा टीका निर्माण शामिल है।

3. पुनर्योगज DNA प्रौद्योगिकी (आनुवंशिक इंजीनियरी) जीनों को स्थानांतरित होने देता है- [I.A.S. (Pre) 2013]

1. पौधों की विभिन्न जातियों में

2. जंतुओं से पौधों में

3. सूक्ष्म जीवों से उच्चतर जीवों में

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Correct Answer: (d) 1,2 और 3
Solution:पुनर्योगज डीएनए तकनीकों द्वारा किसी जीवाणु के जीन को मक्के के पौधे में स्थानांतरित किया जा सकता है। इस तकनीक द्वारा जीनों को पौधों की विभिन्न जातियों में तथा सूक्ष्म जीवों से उच्चतर जीवों में भी स्थानांतरित किया जा सकता है।

4. पुनर्योगज डी.एन.ए. तकनीक के चरण नीचे दिए गए हैं: [R.A.S./R.T.S. (Re. Exam) (Pre) 2013]

A. आनुवंशिक पदार्थ की पहचान एवं पृथक्करण

B. डी.एन.ए. का विखंडन

C. बाह्य जीन उत्पाद की प्राप्ति

D. प्रवाहिक प्रक्रिया

E. डी.एन.ए. खंड को वाहक में जोड़ना

F. इच्छित डी.एन.ए. खंडों का पृथक्करण

G. रुचि वाले जीन का परिवर्धन

H. पुनर्योगज डी.एन.ए. का पोषी कोशिका/जीव में स्थानांतरण चरणों का सही अनुक्रम है :

Correct Answer: (c) A→B→FG→E→H→C→D
Solution:किसी जीव से वांछित जीनों का विलगन, क्लोनन तथा किसी अन्य जीव में उनका स्थापन पुनर्योगज डी.एन.ए. प्रौद्योगिकी कहलाता है।

इस प्रक्रिया में शामिल चरणों का सही अनुक्रम है-

A. आनुवंशिक पदार्थ की पहचान एवं पृथक्करण

B. डी.एन.ए. का विखंडन

F. इच्छित डी.एन.ए. खंडों का पृथक्करण

G. रुचि वाले जीन का परिवर्धन

E. डी.एन.ए. खंड को वाहक में जोड़ना

H. पुनर्योगज डी.एन.ए. का पोषी कोशिका/जीव में स्थानांतरण

C. बाह्य जीन उत्पाद की प्राप्ति

D. प्रवाहिक प्रक्रिया

5. कथन (A): वैज्ञानिक DNA अणुओं को, चाहे वे अणुओं के किसी भी स्रोत से हों, इच्छानुसार अलग-अलग काट और एक साथ जोड़ सकते हैं। [I.A.S. (Pre) 2001]

कारण (R) : DNA के टुकड़ों को, रेस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लिएज तथा DNA लाईगेज का उपयोग कर, जोड़ा-तोड़ा जा सकता है।

Correct Answer: (a) दोनों (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) का सही कारण है।
Solution:

जेनेटिक इंजीनियरिंग [(आनुवंशिकी अभियांत्रिकी (Genetic Engi-neering)] द्वारा DNA को रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लिएज एंजाइम द्वारा टुकड़ों में खंडित तथा डी.एन.ए. लाइगेज (DNA ligase) एंजाइम द्वारा इन DNA के खंडों को परस्पर जोड़ा जा सकता है। रिस्ट्रिक्शन एंडोन्यूक्लिएज एंजाइम को सर्वप्रथम नाथन्स एवं स्मिथ ने हीमोफिलस इंफ्लूएंजी नामक जीवाणुओं से प्राप्त किया था, जिसके लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार (1978 ई.) दिया गया।

6. निम्नलिखित में से कौन-सा जोड़ा सही है? [R.A.S./R.T.S. (Re. Exam) (Pre) 2013]

Correct Answer: (a) डी.एन.ए. - आण्विक कैंची
Solution:लाइगेसेज एंजाइमों के ऐसे वर्ग को कहते हैं, जो सहसंयोजक बंध बनने की क्रिया को उत्प्रेरित करते हैं। लाइगेसेज (Ligases) जैविक अणुओं जैसे डी.एन.ए. (DNA) आदि के संश्लेषण एवं खंडित जैविक अणुओं की मरम्मत (Repair) आदि कार्यों के लिए सक्रिय होकर इन्हें परस्पर जुड़ने में उत्प्रेरक की भूमिका निभाते हैं। अतः लाइगेसेज को आण्विक सीवनकार (सिलने वाला) कहा जा सकता है।

7. प्रायः समाचारों में आने वाला Cas9 प्रोटीन क्या है? [I.A.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (a) लक्ष्य-साधित जीन संपादन (टारगेटेड जीन एडिटिंग) में प्रयुक्त आण्विक कैंची
Solution:Cas9 प्रोटीन (Cas9: CRISPR associated protein 9) वस्तुतः लक्ष्य-साधित जीन संपादन (Targeted Gene Editing) में प्रयुक्त आण्विक कैची है। इसका मुख्य कार्य डीएनए को काटना है। अतः स्पष्ट है कि यह कोशिका के जीनोम में परिवर्तन करने में सक्षम है। जीन संपादन की क्रिस्पर (CRISPR: Clustered, Regularly Interspaced Short Palindromic Repeats) /Cas9 तकनीक में CRISPR डीएनए अनुक्रमों के नियमित पुनरावृत्ति पैटर्न को दर्शाता है, जिसमें प्रत्येक पुनरावृत्ति के बाद के स्पेसर डीएनए खंड को एडिट करने हेतु Cas9 नामक संशोधित प्रोटीन का प्रयोग किया जाता है। इसके द्वारा किसी कोशिका के डीएनए को निर्धारित स्थान पर काटकर जीनों को हटाया या नए जीनों से प्रतिस्थापित किया जा सकता है तथा कोशिका में अपेक्षित प्रतिरोधी लक्षण प्राप्त किए जा सकते हैं।

8. 'RNA अंतर्बोप [RNA इंटरफेरेंस (RNAi)]' प्रौद्योगिकी ने पिछले कुछ वर्षों में लोकप्रियता हासिल कर ली है, क्यों? [I.A.S. (Pre) 2019]

1. यह जीन अनभिव्यक्तिकरण (जीन साइलेंसिंग) रोगोपचारों के विकास में प्रयुक्त होता है।

2. इसे कैंसर की चिकित्सा में रोगोपचार विकसित करने हेतु प्रयुक्त किया जा सकता है।

3. इसे हॉर्मोन प्रतिस्थापन रोगोपचार विकसित करने हेतु प्रयुक्त किया जा सकता है।

4. इसे ऐसी फसल पादपों को उगाने के लिए प्रयुक्त किया जा सकता है, जो विषाणु रोगजनकों के लिए प्रतिरोधी हो।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (a) 1, 2 और 4
Solution:RNA अंतक्षेप (RNAI: RNA interference) एक जैविक प्रक्रिया है, जिसमें RNA अणु लक्ष्यित mRNA (Messenger RNA) अणुओं को निष्प्रभावी कर जीन अभिव्यक्ति (Gene expression) को बाधित करते है। यह प्रौद्योगिकी जीन अनभिव्यक्तिकरण (Gene silencing) रोगोपचारों के विकास में प्रयुक्त होती है तथा इसे कैंसर रोगियों के उपचार में भी प्रभावी पाया गया है। साथ ही इसका विषाणु रोगजनकों (Viral pathogens) के लिए प्रतिरोधी फसल पादपों के विकास में भी प्रयोग किया जा रहा है। हार्मोन प्रतिस्थापन रोगोपचारों के विकास में RNA अंतक्षेप का कोई योगदान नहीं है। इस प्रकार प्रश्नगत कथन 1,2 और 4 सही हैं।

उल्लेखनीय है कि 10 अगस्त, 2018 को यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) द्वारा पहली बार RNA इंटरफेरेंस आधारित उपचार को स्वीकृति प्रदान की गई

9. मानव प्रजनन तकनीकी में अभिनव प्रगति के संदर्भ में, "प्राक्केंद्रिक स्थानांतरण" (Pronuclear Transfer) का प्रयोग किस लिए होता है? [I.A.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (d) संतान में सूत्रकणिका वाले रोगों का निरोध
Solution:मानव प्रजनन तकनीकी में अभिनव प्रगति के संदर्भ में, 'प्राक्केंद्रिक स्थानांतरण' (Pronuclear Transfer) का प्रयोग संतान में होने वाले सूत्रकणिका संबंधी आनुवंशिक (mt DNA) रोगों के प्रसार को रोकने हेतु किया जाता है।

10. आनुवंशिक रोगों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2021]

1. अंडों के अंतःपात्र (इन विट्रो) निषेचन से या तो पहले या बाद में सूत्रकणिका प्रतिस्थापन (माइटोकॉन्ड्रियल रिप्लेसमेंट) चिकित्सा द्वारा सूत्रकणिका रोगों (माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज) को माता-पिता से संतान में जाने से रोका जा सकता है।

2. किसी संतान में सूत्रकणिका रोग आनुवंशिक रूप से पूर्णतः माता से जाता है न कि पिता से।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?

Correct Answer: (a) केवल 1
Solution:सूत्रकणिका (माइटोकॉन्ड्रियल) रोग क्रोनिक (दीर्घकालिक), आनुवंशिक, अक्सर विरासत में मिले विकार होते हैं। यह तब होता है, जब माइटोकॉ न्ड्रिया शरीर को ठीक से काम करने हेतु पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा उत्पादन में असफल रहता है। अंडों के इन विट्रो निषेचन से या तो पहले या बाद में माइटोकॉन्ड्रियल रिप्लेसमेंट चिकित्सा द्वारा माइटोकॉन्ड्रियल डिजीज को माता-पिता से संतान में जाने से रोका जा सकता है। माइटोकॉन्ड्रियल रोग जन्मजात तथा बढ़े उम्र दोनों स्थिति में हो सकते हैं। अतः विकल्प (a) अभीष्ट उत्तर होगा।