आनुवंशिक इंजीनियरिंग तथा बायोटेक्नोलॉजी (Part – I)

Total Questions: 50

41. बैंगन की आनुवंशिक अभियांत्रिकी से उसकी एक नई किस्म Br-बैंगन विकसित की गई है। इसका लक्ष्य- [I.A.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (a) इसे नाशकजीव-सह बनाना है।
Solution:बीटी बैंगन (Bacillus thuringiensis Brinjal) आनुवंशिक अभियांत्रिकी से विकसित बैंगन की नई किस्म है। इसमें बैंगन में वैसिलस थूरिनजिएसिस नामक जीवाणु के विशेष जीन (Cry 1AC) को निवेशित किया जाता है, जिससे एक प्रकार का विष (Bt toxin) उत्पन्न होता है, जो बैंगन में लेपिडोप्टेरॉन कीटों यथा ब्रिजलफूट, फ्रूट बोरर, शूट बोरर आदि के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करता है। इस प्रकार बीटी-बैगन के विकास का उद्देश्य इसे नाशकजीव-सह बनाना है।

42. बीटी बैंगन है- [Uttarakhand Lower Sub. (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) आनुवंशिकी रूप से परिवर्तित बैगन
Solution:बीटी बैंगन (Bacillus thuringiensis Brinjal) आनुवंशिक अभियांत्रिकी से विकसित बैंगन की नई किस्म है। इसमें बैंगन में वैसिलस थूरिनजिएसिस नामक जीवाणु के विशेष जीन (Cry 1AC) को निवेशित किया जाता है, जिससे एक प्रकार का विष (Bt toxin) उत्पन्न होता है, जो बैंगन में लेपिडोप्टेरॉन कीटों यथा ब्रिजलफूट, फ्रूट बोरर, शूट बोरर आदि के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करता है। इस प्रकार बीटी-बैगन के विकास का उद्देश्य इसे नाशकजीव-सह बनाना है।

43. भारत में Bt बैंगन के प्रवेशन पर लोगों के विरोध के कारण क्या है? [I.A.S. (Pre) 2012]

1. Bt बैंगन की रचना इसके जीनोम में मृदा कवक के जीन को प्रवेश कराकर की गई है।

2. Bt बैंगन के बीज टर्मिनेटर बीज है, जिसके कारण किसानों को प्रत्येक मौसम के पहले बीज कंपनियों से बीज खरीदना पड़ता है।

3. एक आशंका है कि Bt बैंगन के उपभोग का स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।

4. यह भी चिंता है कि Bt बैगन के प्रवेशन से जैव विविधता पर विपरीत प्रभाव हो सकता है।

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए :

Correct Answer: (c) केवल 3 और 4
Solution:बीटी (Bacillus thuringiensis) मिट्टी में पाया जाने वाला एक ग्राम पॉजिटिव जीवाणु है। इसमें पाया जाने वाला एक विशेष जीन (Cry 1AC) यदि बैंगन में निवेश कर दिया जाए तो वह एक विष उत्पन्न करता है, जो बैंगन में लेपिडोप्टेरॉन कीटों जैसे ब्रिजलफूट, शूट बोरर और फ्रूट बोरर के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करता है और इस प्रकार उत्पादन में वृद्धि होती है। बी.टी. बैंगन फसल सुरक्षा की दृष्टि से अच्छा विकल्प हो सकता है, लेकिन ऐसी आशंका है कि बी.टी. विष से मानव स्वास्थ्य और जैव विविधता पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए जब जीन अभियांत्रिकी अनुमोदन समिति (GEAC) ने बी. टी. बैंगन की व्यावसायिक खेती के लिए अक्टूबर, 2009 में अनुमति प्रदान की तो इसे लेकर जनाक्रोश इतना भड़क उठा कि अंततोगत्वा सरकार ने 9 फरवरी, 2010 को इसकी खेती के फिलहाल स्थगन की घोषणा कर दी।

44. भारत में विकसित आनुवंशिकतः रूपांतरित सरसों (जेनेटिकली मॉडिफाइड सरसों/ GM सरसों) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2018]

1. GM सरसों में मृदा जीवाणु के जीन होते हैं, जो पादप को अनेक किस्मों के पीड़कों के विरुद्ध पीड़क-प्रतिरोध का गुण देते हैं।

2. GM सरसों में वे जीन होते हैं, जो पादप में पर-परागण और संकरण को सुकर बनाते हैं।

3. GM सरसों का विकास IARI और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (b) केवल 2
Solution:दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर जेनेटिक मैनीपुलेशन ऑफ क्रॉप प्लांट्स के वैज्ञानिकों ने GM सरसों का विकास किया है, जिसमें एक मृदा जीवाणु से दो जीन (barnase & barstar) प्रविष्ट कराए गए है. जो इसमें पर-परागण एवं संकरण को सुकर बनाते हैं। ये जीन पादप को अनेक किस्मों के पीड़कों के विरुद्ध पीड़क-प्रतिरोध का गुण नहीं देते हैं। अतः विकल्प (b) अभीष्ट उत्तर होगा।

45. पीड़कों को प्रतिरोध के अतिरिक्त, वे कौन-सी संभावनाएं है, जिनके लिए आनुवंशिक रूप से रूपांतरित पादपों का निर्माण किया गया है? [I.A.S. (Pre) 2012]

1. सूखा सहन करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना

2. उत्पाद में पोषकीय मान बढ़ाना

3. अंतरिक्ष यानों और अंतरिक्ष स्टेशनों में उन्हें उगने और प्रकाश-संश्लेषण करने के लिए सक्षम बनाना

4. उनकी शेल्फ लाइफ बढ़ाना

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए

Correct Answer: (c) केवल 1, 2 और 4
Solution:आनुवंशिक रूप से रूपांतरित पादपों को ऊतक संवर्धन तकनीक से उगाया जाता है और जेनेटिक इंजीनियरिंग के कमाल से उनमें नैसर्गिक जीनों के अतिरिक्त मनोवांछित जीन प्रविष्ट कराए जाते हैं, जिससे उनमें रोगरोधिता, कीटरोधिता या विषाणुरोधिता जैसे गुणों का समावेश हो जाता है। इससे भरपूर फसलें ली जा सकती हैं, पौष्टिकतायुक्त प्रोटीनें डाली जा सकती हैं और प्राकृतिक आपदाओं की मार झेलने में भी इन्हें सक्षम बनाया जा सकता है।

46. भारत में कृषि के संदर्भ में, प्रायः समाचारों में आने वाले 'जीनोम अनुक्रमण' (जीनोम सीक्वेंसिंग) की तकनीक का आसन्न भविष्य में किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है? [I.A.S. (Pre) 2017]

1. विभिन्न फसली पौधों में रोग प्रतिरोध और सूखा सहिष्णुता के लिए आनुवांशिक सूचकों का अभिज्ञान करने के लिए जीनोम अनुक्रमण का उपयोग किया जा सकता है।

2. यह तकनीक फसली पौधों की नई किस्मों को विकसित करने में लगने वाले आवश्यक समय को घटाने में मदद करती है।

3. इसका प्रयोग फसलों में पोषी-रोगाणु संबंधों को समझने के लिए किया जा सकता है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (d) 1,2 और 3
Solution:जीनोम अनुक्रमण की कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका है। इसका प्रयोग आनुवांशिक सूचकों की पहचान करने में किया जा सकता है, जो फसलो में रोग प्रतिरोधकता एवं सूखा सहिष्णुता जैसे गुणों को विकसित करने हेतु आवश्यक है। इससे नई फसलों को विकसित करने में कम समय लगता है। साथ ही यह फसलों में पोषी-रोगाणु संबंधों को समझने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

47. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए एवं दिए गए कूटों की सहायता से सही कथनों का चयन कीजिए- [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2016]

A. सर्वप्रथम व्यावसायीकरण किए जाने वाला, आनुवंशिक रूप से अभियांत्रिक कृत्त फसल उत्पाद, फ्लेवर सेवर टमाटर था।

B. फ्लेवर-सेवर के पके हुए फल अधिक अवधि के लिए दृढ़ रहते है एवं पौधे पर पकने के बाद बाजार में स्थानांतरित किए जा सकते हैं।

C. फ्लेवर-सेवर के पके हुए फलों में रंग होता है, किंतु पौधों पर पके फलों जैसे पूर्ण सुरुचिक सरणी का अभाव होता है।

कूट :

Correct Answer: (c) A एवं B
Solution:फ्लेवर-सेवर एक आनुवंशिक रूप से रूपांतरित टमाटर है। यह व्यावसायिक उद्देश्य हेतु उत्पादित पहली ऐसी आनुवंशिक रूप से अभियांत्रिक कृत फसल है, जिसे मानव उपभोग के लिए लाइसेंस प्रदान किया गया था। इस टमाटर में ऐसा जीन डाला गया था, जो पकने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। इसके फलस्वरूप टमाटर पौधे पर ही लंबे समय तक रहकर पक सकते हैं, जिससे उनमें अधिक स्वाद होता है। साथ ही बाजार में स्थानांतरण की प्रक्रिया के दौरान वे दृढ़ रहते हैं। पौधे पर पके फलों को बाजार में भेजने से हरे फलों को तोड़कर उन्हें कृत्रिम रूप से एथिलीन द्वारा पकाने की प्रक्रिया से बचा जा सकता है। उल्लेखनीय है कि एथिलीन द्वारा पके टमाटरों में रंग तो आ जाता है, लेकिन पौधे पर पके टमाटरों जैसे पूर्ण स्वाद नहीं आ पाते।

48. निम्नलिखित तकनीकों/परिघटनाओं पर विचार कीजिए : [I.A.S. (Pre) 2014]

1. फल वाले पादपों में मुकुलन और रोपण

2. कोशिकाद्रव्यी नर बंध्यता

3. जीन नीरवता

उपर्युक्त में से कौन-सा/से ट्रांसजेनिक फसलों को बनाने में प्रयुक्त होता है/होते हैं?

Correct Answer: (b) 2 और 3
Solution:ट्रांसजेनिक फसलों को बनाने में प्रयुक्त होता है-

(1) कोशिकाद्रव्यी नर बंध्यता (Cytoplasmic Male Sterility)

(2) जीन नीरवता (Gene Silencing)

मुकुलन एवं रोपण से पादपों की आनुवंशिक संरचना नहीं बदलती।

49. जीवों के निम्नलिखित प्रकारों पर विचार कीजिए: [I.A.S. (Pre) 2012]

1. जीवाणु

2. कवक

3. पुष्पीय पादप

उपर्युक्त जीव-प्रकारों में से किसकी/किनकी कुछ जातियों को जैव पीड़कनाशियों के रूप में प्रयोग किया जाता है?

Correct Answer: (d) 1,2 और 3
Solution:

बैसिलस थूरिनजिएंसिस एक जीवाणु है, जिसका प्रयोग जैव-कीटनाशक के तौर पर किया जाता है। 'ब्यूवेरिया वैसियाना' (Beauveria bassiana) नामक कवक भी एक प्रमुख जैव-कीटनाशक है। जैव कीटनाशक के रूप में प्रयुक्त होने वाले पुष्पीय पादप का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण नीम है। जैव कीटनाशकों का पर्यावरण पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है. क्योंकि इनके अवशेष बायोडिग्रेडेबल होते हैं।

50. इनमें से कौन-सा एक सूक्ष्मजीवी कीटनाशक है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (a) बैसिलस थूरिंजिएसिस
Solution:बीटी या बैसिलस थूरिनजिएंसिस (Bacillus thuringiensis) मृदा में पाया जाने वाला एक ग्राम पॉजिटिव जीवाणु है। यह अपने जीवन-काल की कुछ अवस्था में कीटनाशक प्रोटीन का उत्पादन करता है।