आनुवंशिक इंजीनियरिंग तथा बायोटेक्नोलॉजी (Part – II)

Total Questions: 42

31. शिशु का पितृत्व स्थापित करने के लिए निम्नलिखित में से किस एक तकनीक का प्रयोग किया जा सकता है? [I.A.S. (Pre) 1997 U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Pre) 2010]

Correct Answer: (d) DNA फिगर प्रिंटिंग
Solution:शिशु का पितृत्व स्थापित करने हेतु DNA फिंगर प्रिंटिंग (DNA Finger Printing) तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा इस तकनीक का उपयोग बलात्कार, हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियों के मामले सुलझाना, आनुवंशिक रोगों की पहचान करना, पशुओं के वंशावली विश्लेषण तथा वांछित पेड़-पौधों के चयन के लिए किया जाता है। यह जांच तकनीक इस तथ्य पर आधारित है कि किसी भी वंश एवं व्यक्ति के गुणसूत्रों को विशिष्ट आनुवंशिक गुण प्रदान करने वाले आधार, DNA का एक निश्चित स्वरूप होता है, जो कि उस व्यक्ति एवं वंश के संबंधियों के अनुरूप ही होगा तथा किसी भी दो व्यक्ति के डी.एन.ए. प्रतिरूप कभी भी एक समान नहीं हो सकते हैं। इस तकनीक से डॉ. लाल जी सिंह का नाम जुड़ा है।

32. पैतृकता सिद्ध करने के लिए निम्न में से कौन सहायक है? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2002]

Correct Answer: (d) डी.एन.ए. अंगुलीछाप
Solution:शिशु का पितृत्व स्थापित करने हेतु DNA फिंगर प्रिंटिंग (DNA Finger Printing) तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा इस तकनीक का उपयोग बलात्कार, हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियों के मामले सुलझाना, आनुवंशिक रोगों की पहचान करना, पशुओं के वंशावली विश्लेषण तथा वांछित पेड़-पौधों के चयन के लिए किया जाता है। यह जांच तकनीक इस तथ्य पर आधारित है कि किसी भी वंश एवं व्यक्ति के गुणसूत्रों को विशिष्ट आनुवंशिक गुण प्रदान करने वाले आधार, DNA का एक निश्चित स्वरूप होता है, जो कि उस व्यक्ति एवं वंश के संबंधियों के अनुरूप ही होगा तथा किसी भी दो व्यक्ति के डी.एन.ए. प्रतिरूप कभी भी एक समान नहीं हो सकते हैं। इस तकनीक से डॉ. लाल जी सिंह का नाम जुड़ा है।

33. मानवों की पहचान को सुनिश्चित करने के लिए जैव प्रौद्योगिकी आधारित अत्याधुनिक तकनीक को काम में लाया जाता है: [R.A.S/R.T.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (c) डी.एन.ए. फिंगर प्रिंटिंग
Solution:मातृत्व, पितृत्व या व्यक्तिगत पहचान को निर्धारित करने के लिए आजकल डी.एन.ए. फिंगर प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है।

34. डी.एन.ए. फिंगर प्रिंटिंग का उपयोग किन निम्न क्षेत्रों में होता है? [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]

Correct Answer: (d) उपरोक्त सभी क्षेत्रों में
Solution:मानव शरीर की असंख्य कोशिकाएं शुक्राणु (Sperm) और अंडाणु (Ovum) के मिलने से बने युग्मज (Zygote) के अनगिनत विभाजन से बनती हैं। इस आदिकोशिका में माता और पिता द्वारा प्रदत्त गुणसूत्रों की संख्या समान होती है तथा इन गुणसूत्रों को विशेष आनुवंशिक गुणों को प्रदान करने वाला कारक डी.एन.ए. है। मनुष्य के डी.एन.ए. में चार प्रकार के नाइट्रोजनी क्षार होते हैं, जिनका अनुक्रम भिन्न-भिन्न होता है। परंतु एक मनुष्य की सभी कोशिकाओं में इनका अनुक्रम समान होता है, जो उस मनुष्य एवं उसके वंश के संबंधियों के समान ही होता है। इस कारण एक व्यक्ति विशेष को अन्य व्यक्तियों से अलग किया जा सकता है। नाइट्रोजनी क्षारों के अनुक्रम के आधार पर किसी व्यक्ति को पहचान की विधि को 'डी.एन.ए.' फिंगर प्रिंटिंग कहते हैं। इस तकनीक का विकास वर्ष 1985 में सर एलेक जेफेज ने किया। इस तकनीक का प्रयोग न्यायालयी विश्लेषण, पैतृक आनुवंशिकता निर्धारण, संकटापन्न प्राणियों के रक्षण आदि में किया जाता है।

35. डी.एन.ए. फिंगर प्रिंटिंग के उपयोग द्वारा इंग्लैंड में पहला अपराध किस वर्ष में हल किया गया था? [U.P.P.C.S. (Mains) 2006]

Correct Answer: (c) 1983
Solution:डी.एन.ए. फिंगर प्रिंटिंग तकनीक में किसी व्यक्ति के जैविक अंशों जैसे, रुधिर, बाल, लार, वीर्य या अन्य कोशिका स्रोतों के सहारे उसके डी. एन.ए. की पहचान की जाती है। वर्ष 1983 में इंग्लैंड में डी.एन.ए. फिंगर प्रिंटिंग द्वारा एक लड़की की हत्या का मामला हल किया गया था।

36. किसी व्यक्ति के जीवमितीय पहचान हेतु, अंगुली-छाप क्रमवीक्षण के अलावा, निम्नलिखित में से कौन-सा/से प्रयोग में लाया जा सकता है/ लाए जा सकते हैं? [I.A.S. (Pre) 2014]

1. परितारिका क्रमवीक्षण

2. दृष्टिपटल क्रमवीक्षण

3. वाक् अभिज्ञान

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Correct Answer: (d) 1,2 और 3
Solution:जीवमितीय पहचान (Biometric Identification) किसी व्यक्ति के गुणों या विशेषताओं के आधार पर कंप्यूटर की सहायता से उसकी पहचान निर्धारित करने का एक तरीका है, जिसका प्रयोग प्रवेश को नियंत्रित करने हेतु किया जाता है। बायोमीट्रिक्स इंस्टीट्यूट के अनुसार, जीवमितीय या बायोमीट्रिक पहचान के निम्न प्रकार है

• डीएनए मिलान (Matching),

• कान के आकार के आधार पर,

• परितारिका (Iris) के आधार पर,

• दृष्टिपटल (Retina) के आधार पर,

• चेहरे की पहचान, अंगुली-छाप आधारित,

• अंगुली के 3D ज्यामितीय विन्यास के आधार पर,

• व्यक्ति की चाल के आधार पर, हाथ की ज्यामितीय विशेषताओं के आधार पर,

• गंध के आधार पर,

• टाइपिंग के अनोखेपन पर आधारित,

• वाक् अभियान (Voice Recognition) पर आधारित,

• अंगुली या हथेली की नसों के विन्यास के आधार पर।

37. अंगुलियों के निशानों की बहुरंगीय सतह पर उभारने (develop करने) हेतु निम्न में से क्या प्रयुक्त होता है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2013]

Correct Answer: (d) फ्लोरोसेंट पाउडर
Solution:

अंगुलियों के निशान को बहुरंगीय सतह पर उभारने हेतु फ्लोरोसेंट पाउडर प्रयुक्त होता है।

38. कौन ट्रांसजेनिक्स द्वारा नहीं पाया जा सकता है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (c) क्लोनीकृत जंतुओं का उत्पादन।
Solution:क्लोन (Clone) का तात्पर्य है- प्रतिरूप। इसके अंतर्गत जीन से छेड़छाड़ किए बिना समान रूप एवं नस्ल उत्पन्न की जाती है, जबकि ट्रांसजेनिक (पराजीनी) के अंतर्गत जीन का स्थानांतरण एवं प्रतिरोपण (Plantation) किया जाता है। जेनेटिक इंजीनियरिंग द्वारा अब इच्छित गुणों वाले जीनों का प्रवेश पौधों में भी कराया जाता है। ऐसे पौधे जिनमें बाह्य डी.एन.ए. शामिल हो, ट्रांसजेनिक्स कहलाते हैं। ट्रांसजेनिक चूहे, खरगोश, सुअर इत्यादि पैदा किए जा चुके हैं।

39. जीन के भीतर अनुक्रम-आधार परिवर्तन कहलाता है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (c) उत्परिवर्तन
Solution:उत्परिवर्तन सभी जीवों के वंशागत परिवर्तन है। यह स्वतः या अप्राकृतिक रूप से प्रेरित किए जा सकते हैं। उत्परिवर्तन किसी जीन के अंदर अनुक्रम-आधार परिवर्तन के फलस्वरूप होता है।

40. जब एक जीन दो या दो से अधिक भिन्न-भिन्न लक्षणों को एक साथ नियंत्रित करता है, यह तथ्य कहलाता है- [I.A.S. (Pre) 2002]

Correct Answer: (b) बहुप्रभाविता
Solution:जब एक जीन (Gene) दो या दो से अधिक भिन्न-भिन्न लक्षणों को एक साथ नियंत्रित करता है, तो यह तथ्य बहुप्रभाविता (pleiotropism) कहलाता है। इसका एक ज्वलंत उदाहरण है लाल रक्त कोशाओं (R.B.Cs.) का हंसियाकार कोशिका अरक्तता रोग (Sickle cell Anaemia), जिसमें R.B.C. का आकार हंसियानुमा हो जाता है। यह रोग एक अप्रभावी जीन (Recessive gene) के कारण होता है।