आनुवंशिक इंजीनियरिंग तथा बायोटेक्नोलॉजी (Part – II)

Total Questions: 42

41. जीन चिकित्सा में, एक त्रुटिपूर्ण जीन के कार्य को ठीक करने हेतुः [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]

Correct Answer: (e) (*)
Solution:जीन उपचार (Gene Therapy) का उद्देश्य शरीर की सामान्य क्रियाओं को बनाए रखने के लिए शरीर की कोशिकाओं में सामान्य जीनों को प्रवेश कराकर, त्रुटिपूर्ण जीन को कार्य करने से रोककर तथा पूरे त्रुटिपूर्ण जीन को सही जीन से बदलकर बीमारी का निदान करना होता है। सोमेटिक जीन थेरेपी मानव की आनुवंशिक बीमारियों के उपचार हेतु प्रयुक्त की जा रही है।

42. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिए- [I.A.S. (Pre) 2001]

सूची-I (आनुवंशिकी में उपलब्धि)

सूची-II (वैज्ञानिक)

(A) जीवाणुओं में पारक्रमण और संयुग्मन की खोज

1. खुराना

(B) यौन-सहलग्न वंशागति की स्थापना2. कोर्नबर्ग 
(C) E. coli से DNA पॉलीमरेज का वियोजन3. लैडरबर्ग 
(D) संपूर्ण आनुवंशिक कूट की स्थापना4. मॉर्गन
  5. ओकोआ

 

ABCD
(a)4321
(b)3415
(c)4315
(d)3421
Correct Answer: (d)
Solution:जीवाणुओं में पारक्रमण (Transduction) तथा संयुग्मन (Conjugation) की खोज क्रमशः लैडरबर्ग एवं जिंडर (1951) तथा लैडरबर्ग एवं टाटम (1946) द्वारा की गई। यौन सहलग्न वंशागति की स्थापना मार्गन द्वारा, E.coli से DNA पॉलीमरेज का वियोजन कार्नबर्ग द्वारा तथा संपूर्ण आनुवंशिक कूट (Genetic Code) की स्थापना भारतीय मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. हरगोविंद खुराना द्वारा की गई थी।