Solution:उदारीकरण होने तक उद्योग (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1951 के तहत नए औद्योगिक उपक्रम की स्थापना करने, वर्तमान उपक्रम द्वारा नई मद का विनिर्माण करने, उद्योग के स्थल में परिवर्तन करने, वर्तमान क्षमता में पर्याप्त रूप से विस्तार करने और अन्य सभी प्रयोजनों के लिए औद्योगिक लाइसेंस प्राप्त करने की जरूरत होती थी। लेकिन नई औद्योगिक नीति के तहत इन प्रक्रियाओं को उदार बनाया गया है और इसमें बहुत से उद्योगों को औद्योगिक लाइसेंस प्राप्त करने से छूट दी गई है। अनिवार्य लाइसेंसिंग के अंतर्गत शामिल मदों की सूची की नियमित आधार पर समीक्षा की जाती है। वर्तमान में, लघु उद्योग क्षेत्र द्वारा विशेष विनिर्माण के लिए कोई भी मद आरक्षित नहीं है, जबकि निम्नलिखित दो उद्योग विशेष रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के लिए आरक्षित हैं।क. परमाणु ऊर्जा (उत्पादन, पृथक्करण या विशेष विखंडनीय सामग्रियों और पदार्थों और सुविधाओं का संचालन) और,
ख. केवल रेल का संचालन : रेलवे में अन्य निर्माण, संचालन और रख-रखाव गतिविधियों के लिए निजी निवेश की अनुमति दी गई है।
वर्तमान में, केवल निम्नलिखित चार उद्योगों के लिए औद्योगिक लाइसेंस की आवश्यकता है-
1. तंबाकू के सिगार और सिगरेट और तंबाकू के वैकल्पिक पदार्थ, (हालांकि, स्वास्थ्य आधार पर इन मदों के लिए लाइसेंस जारी नहीं किए जा रहे हैं)।
2. केवल रेलवे प्रचालन - रेलवे में अन्य निर्माण, प्रचालन और रख- रखाव गतिविधियां हेतु निजी निवेश की अनुमति दी गई है।
3. विस्फोटक फ्यूज, सुरक्षा फ्यूज, बारूद, नाइट्रोसेलुलोज और माचिस सहित औद्योगिक विस्फोटक ।
4. विनिर्दिष्ट खतरनाक रसायन अर्थात (क) हाइड्रोसिनेनिक एसिड और इसके व्युत्पन्न, (ख) फॉसजीन और इसके व्युत्पन्न और (ग) आइसोसाइनेट्स और हाइड्रोकार्बन के डायसोसायनेट्स अन्यत्र विनिर्दिष्ट नहीं (उदाहरण मिथाइल आइसोसाइनेट)।