कांग्रेस में गरम दल और नरम दल (UPPCS)

Total Questions: 39

1. महात्मा गांधी के पदार्पण से पूर्व भारत में राष्ट्रीय आंदोलन की दिशा को निम्नलिखित में से किन अंतरराष्ट्रीय घटनाओं ने प्रभावित किया था? [I.A.S. (Pre) 1994]

1. 1898 के इटली-अबीसीनिया युद्ध ने

2. चीन के बॉक्सर आंदोलन ने

3. आयरलैंड के क्रांतिकारी आंदोलन ने

4. रूस-जापान के युद्ध में जापान की विजय ने

Correct Answer: (d) 1, 2, 3 और 4
Solution:भारत में राष्ट्रीय आंदोलन की दिशा को महात्मा गांधी के पदार्पण के पूर्व इटली-अबीसीनिया युद्ध (जिसमें इटली की औपनिवेशिक शक्ति पराजित हुई), 1899-1901 के दौरान चीन में साम्राज्यवादियों के विरुद्ध चलाए गए बॉक्सर आंदोलन तथा रूस पर जापान की विजय, इन सबने प्रभावित किया; किंतु इनमें वर्ष 1905 में जापान की रूस पर विजय का सर्वाधिक प्रभाव पड़ा। जापान ने वर्ष 1905 में जारशाही रूस को हराकर स्वयं को सैनिक दृष्टि से एक शक्तिशाली यूरोपीय - देश से श्रेष्ठ सिद्ध कर दिया था। इससे इस मिथ्या भ्रम का निवारण हो गया कि गोरी जाति के लोग अजेय हैं।

2. कांग्रेस के नरम दल के नेताओं की आंदोलन की पद्धति थी- [48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008]

Correct Answer: (b) राजवांमबध्य आंदोलन
Solution:कांग्रेस के नरम दल के नेताओं की आंदोलन की प्रमुख पद्धति राजवांमबध्य आंदोलन (Constitutional Agitation) अर्थात् प्रशासन में भारतीयों की भागीदारी की मांग तथा जनता में राजनीतिक जागरूकता उत्पन्न करना था।

3. निम्नलिखित में किस आंदोलन के कारण भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विभाजन हुआ जिसके परिणामस्वरूप 'नरम दल' और 'गरम दल' का उद्भव हुआ? [I.A.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (a) स्वदेशी आंदोलन
Solution:स्वदेशी आंदोलन तथा विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार के बंगाल से बाहर प्रसार को लेकर कांग्रेस के उग्रपंथी तथा नरमपंथी धड़ों के मध्य मतभेद व्याप्त था। गरमपंथी आंदोलनकारी स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन को बंगाल तक ही सीमित न रखकर उसे देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचाना चाहते थे। वे केवल विदेशी माल के बहिष्कार से ही संतुष्ट नहीं थे, बल्कि वे चाहते थे कि अंग्रेजी हुकुमत को किसी भी तरह का सहयोग न दिया जाए।

4. अधिकतर नरमपंथी नेता थे- [43rd B.P.S.C. (Pre) 1999]

Correct Answer: (b) शहरी क्षेत्रों से
Solution:उदारवादी राजनीति या राजनीतिक भिक्षावृत्ति के युग में अधिकांश नरमपंथी नेता यथा-दादाभाई नौरोजी, फिरोजशाह मेहता, दिनशा वाचा, व्योमेश बनर्जीचंद्र और सुरेंद्रनाथ बनर्जी आदि शहरी क्षेत्रों से संबद्ध थे। इस काल में कांग्रेस पर समृद्धशाली मध्यवर्गीय बुद्धिजीवियों का जिनमें वकील, डॉक्टर, इंजीनियर, पत्रकार एवं साहित्यिक व्यक्ति सम्मिलित थे, का अधिकार था। उपाधियां और बड़े-बड़े पद इन लोगों के लिए आकर्षण रखते थे। कांग्रेस में आने वाले ये प्रतिनिधि बड़े-बड़े नगरों से आते थे और जनसाधारण से इनका कोई संपर्क नहीं था।

5. निम्नलिखित में से किसने 1904 से लगातार भारत को 'स्वशासन' देने पर बल दिया? [U.P.P.C.S (Mains) 2016]

Correct Answer: (d) दादाभाई नौरोजी
Solution:दादाभाई नौरोजी ने भारत के लिए 'स्वशासन' या 'स्वराज' की मांग वर्ष 1904 में इंटरनेशनल सोशलिस्ट कांग्रेस में पहली बार रखी थी। वर्ष 1905 में कांग्रेस के बनारस अधिवेशन के अपने संदेश में भी स्वशासन (Self Government) की बात कही थी। वर्ष 1906 के कांग्रेस अधिवेशन में अपने अध्यक्षीय भाषण में स्वराज की मांग रखी थी।

6. निम्न में कौन उग्रपंथी नहीं था ? [44th B.P.S.C. (Pre) 2000]

Correct Answer: (d) गोपाल कृष्ण गोखले
Solution:गोपाल कृष्ण गोखले उदारवादी खेमे से संबद्ध थे। वह समभाव और मृदु न्यायप्रियता में विश्वास करते थे। उन्हें पूर्ण विश्वास था कि देश का पुनरुद्धार उत्तेजना के बवंडरों में नहीं हो सकता। वे साधन और साध्य दोनों की पवित्रता में विश्वास करते थे।

7. इनमें से कौन उग्र राष्ट्रवाद के उल्लेखनीय नेताओं में से नहीं था ? [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014]

Correct Answer: (a) गोपाल कृष्ण गोखले
Solution:गोपाल कृष्ण गोखले उदारवादी खेमे से संबद्ध थे। वह समभाव और मृदु न्यायप्रियता में विश्वास करते थे। उन्हें पूर्ण विश्वास था कि देश का पुनरुद्धार उत्तेजना के बवंडरों में नहीं हो सकता। वे साधन और साध्य दोनों की पवित्रता में विश्वास करते थे।

8. निम्नलिखित में से कौन उग्र राष्ट्रवादी नेता नहीं था? [U.P.P.C.S (Mains) 2016]

Correct Answer: (d) जी.के. गोखले
Solution:गोपाल कृष्ण गोखले उदारवादी खेमे से संबद्ध थे। वह समभाव और मृदु न्यायप्रियता में विश्वास करते थे। उन्हें पूर्ण विश्वास था कि देश का पुनरुद्धार उत्तेजना के बवंडरों में नहीं हो सकता। वे साधन और साध्य दोनों की पवित्रता में विश्वास करते थे।

9. किसने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर प्रार्थना, याचना तथा विरोध की राजनीति करने का आरोप लगाया ? [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002 U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2002]

Correct Answer: (b) बाल गंगाधर तिलक
Solution:वर्ष 1906 के बाद भारतीय राजनीति में कांग्रेस के अंदर उग्रवादी दल के उदय के साथ-साथ देश में क्रांतिकारी उग्रवादी दलों का आविर्भाव हुआ। उग्रवादी विचारधारा के चार प्रमुख नेता थे-बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, बिपिन चंद्र पाल तथा अरबिंद घोष। इन नेताओं ने स्वराज्य प्राप्ति को ही अपना लक्ष्य बनाया। उन्हें उदारवादी नेताओं की तरह संवैधानिक दायरे के अंदर अपनी मांगें मनवाने में विश्वास नहीं था। तिलक ने कहा कि-"हमारा उद्देश्य आत्मनिर्भरता है, भिक्षावृत्ति नहीं।" उन्होंने कांग्रेस पर प्रार्थना, याचना तथा विरोध की राजनीति करने का आरोप लगाया।

10. किसने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विरुद्ध 'अनुनय, विनय और विरोध' की राजनीति का दोष लगाया था? [U.P.P.C.S (Pre) 2005 U.P.P.C.S. (Mains) 2002]

Correct Answer: (a) बी.जी. तिलक
Solution:वर्ष 1906 के बाद भारतीय राजनीति में कांग्रेस के अंदर उग्रवादी दल के उदय के साथ-साथ देश में क्रांतिकारी उग्रवादी दलों का आविर्भाव हुआ। उग्रवादी विचारधारा के चार प्रमुख नेता थे-बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, बिपिन चंद्र पाल तथा अरबिंद घोष। इन नेताओं ने स्वराज्य प्राप्ति को ही अपना लक्ष्य बनाया। उन्हें उदारवादी नेताओं की तरह संवैधानिक दायरे के अंदर अपनी मांगें मनवाने में विश्वास नहीं था। तिलक ने कहा कि-"हमारा उद्देश्य आत्मनिर्भरता है, भिक्षावृत्ति नहीं।" उन्होंने कांग्रेस पर प्रार्थना, याचना तथा विरोध की राजनीति करने का आरोप लगाया।