कार्बन और उसके भिन्न रूप

Total Questions: 36

31. 'शुष्क बर्फ' है- [Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006 R.A.S./R.T.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (b) जमी हुई कार्बन डाइऑक्साइड
Solution:ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ या शुष्क हिम कहा जाता है। यह गर्म करने पर सीधे ही गैस में परिवर्तित हो जाता है। इसका उपयोग आइसक्रीम के निर्माण में तथा प्रभावकारी शीतलक के रूप में किया जाता है।

32. शुष्क बर्फ होता है- [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013]

Correct Answer: (c) ठोस कार्बन डाइऑक्साइड
Solution:ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ या शुष्क हिम कहा जाता है। यह गर्म करने पर सीधे ही गैस में परिवर्तित हो जाता है। इसका उपयोग आइसक्रीम के निर्माण में तथा प्रभावकारी शीतलक के रूप में किया जाता है।

33. जल गैस है [Chattishgarh P.C.S. (Pre) Exam. 2016]

Correct Answer: (a) CO + H₂
Solution:जल गैस या वाटर गैस एक कृत्रिम गैस (Synthesis gas) है। इसमें कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और हाइड्रोजन (H₂) मिश्रित होती है। जल गैस (CO + H₂) से मेथिल एल्कोहल का निर्माण होता है-

34. सोडा वाटर की बोतल खोलने पर निकलने वाली गैस है- [63rd B.P.S.C. (Pre) 2017]

Correct Answer: (a) कार्बन डाइऑक्साइड
Solution:

सोडा वाटर की बोतल खोलने पर निकलने वाली गैस कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) है, जो उच्चदाब पर सोडा बोतल में अंतःक्षेपित (Infused) की जाती है।

35. CO समूह का आबंध क्रम क्या है? [B.P.S.C. (Pre) 2019]

Correct Answer: (d) 3
Solution:आबंध क्रम (Bond Order) एक संख्या है, जो हमें यह बताती है कि अणु या समूह बनाने वाले दो परमाणुओं के मध्य उपस्थित बंधन कितना मजबूत है। आबंध क्रम का अधिक होना अधिक मजबूती तथा आबंध क्रम का कम होना कम मजबूती प्रदर्शित करता है। CO समूह का आबंध क्रम 3 है।

36. निम्नलिखित पदार्थों को उनके पहली बार प्रयोगशाला में संश्लेषण के कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए - [U.P.P.C.S. (Pre) 2019]

1. ब्लैक गोल्ड

2. फुलेरीन

3. ग्रैफीन

4. केवलार

नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर चुनिए-

कूट :

 

A

B

C

D

(a)

1

2

3

4

(b)

4

2

3

1

(c)

2

4

3

1

(d)

4

1

2

3

Correct Answer: (b)
Solution:अमेरिका स्थित ड्यूपॉट लेबोरेटरीज में वर्ष 1965 में केवलार का संश्लेषण सर्वप्रथम स्टेफनी क्वोलेक ने किया था। सर्वप्रथम फुलेरीन की खोज वर्ष 1985 में ब्रिटेन के हैरोल्ड डब्ल्यू, क्रोटो तथा अमेरिकी वैज्ञानिकों रिचर्ड ई. स्मैली तथा रॉबर्ट एफ. कर्ल जूनियर द्वारा की गई थी।

ग्रैफीन को सर्वप्रथम वर्ष 2004 में मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में दो अनुसंधानकर्ताओं आंद्रे गीम तथा कोस्त्या नोवेसेलोब द्वारा संश्लेषित किया गया था।

वर्ष 2019 में मुंबई स्थित टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने नैनो प्रौद्योगिकी की तकनीकों का प्रयोग कर सुनहरे गोल्ड को ब्लैक गोल्ड में रूपांतरित करने में सफलता प्राप्त की।