किसान आंदोलन और किसान सभा (UPPCS)

Total Questions: 36

21. बिहार किसान सभा से कौन जुड़ा था? [64th B.P.S.C. (Pre) 2018]

Correct Answer: (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
Solution:बिहार प्रांतीय किसान सभा से स्वामी सहजानंद सरस्वती, कार्यानंद शर्मा, यदुनंदन शर्मा आदि अनेक किसान नेता जुड़े थे।

22. स्वामी सहजानंद सरस्वती ने 'भूमि और जलमार्ग के राष्ट्रीयकरण' की मांग के साथ अखिल भारतीय संयुक्त किसान सभा गठन किया- [56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015]

Correct Answer: (a) उनकी मृत्यु से ठीक पहले
Solution:अखिल भारतीय किसान सभा का गठन स्वामी सहजानंद सरस्वती द्वारा वर्ष 1936 में किया गया था। स्वामी सहजानंद की मृत्यु वर्ष 1950 में हुई थी। स्वामी सहजानंद सरस्वती ने अखिल भारतीय संयुक्त किसान सभा का गठन अपनी मृत्यु से ठीक पहले किया था। इस सभा का उद्देश्य भूमि, जलमार्ग और ऊर्जा के सभी स्रोतों का राष्ट्रीयकरण था।

23. निम्नलिखित में से किस एक कांग्रेसी नेता ने प्रथम अखिल भारतीय किसान सभा में भाग लिया था? [U.P. P.C.S. (Mains) 2017]

Correct Answer: (a) जवाहरलाल नेहरू
Solution:अखिल भारतीय किसान सभा (1936) को जवाहरलाल नेहरू ने भी संबोधित किया था। इसी अधिवेशन में स्वामी सहजानंद सरस्वती को इस सभा का अध्यक्ष और एन.जी. रंगा को महासचिव चुना गया था।

24. इनमें से कौन बिहार में किसान आंदोलन के साथ जुड़े थे? [44th B.P.S.C. (Pre) 2000]

Correct Answer: (a) राजेंद्र प्रसाद
Solution:प्रश्नगत विकल्पों में डॉ. राजेंद्र प्रसाद बिहार में किसान आंदोलन से जुड़े थे। ये संविधान सभा के अध्यक्ष थे। संविधान लागू होने के बाद वे भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने।

25. सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए। [U.P. P.C.S. (Mains) 2006]

सूची-Iसूची-II
A. बारदोली सत्याग्रह1. स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती
B. भारतीय किसान संस्थान2. सरदार वल्लभभाई पटेल
C. बंगाल प्रजा पार्टी3. फजलुल हक
D. बाकाश्त संघर्ष4. एन.जी. रंगा

 

      A        B        C        D
(a)4321
(b)2431
(c)1423
(d)4132
Correct Answer: (b)
Solution:वर्ष 1928 में सूरत जिले के बारदोली तालुके में गांधीवादी आंदोलन और सत्याग्रह को पर्याप्त सफलता मिली। यहां मेहता बंधु सरीखे गांधीजी के अनुयायियों ने वर्ष 1922 से ही निरंतर अभियान चला रखा था। वर्ष 1928 में यहां कृषक आंदोलन का नेतृत्व वल्लभभाई पटेल ने किया था, जो बारदोली सत्याग्रह के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसी आंदोलन में सफलता के कारण पटेल को बारदोली की महिलाओं ने 'सरदार' की उपाधि प्रदान की। भारतीय किसान संस्थान की स्थापना एन.जी. रंगा ने की थी। वर्ष 1929 में फजलुल हक ने प्रजा पार्टी (जो बाद में बंगाल प्रजा पार्टी बनी) की स्थापना की। यही पार्टी आगे चलकर 'कृषक प्रजा पार्टी' के नाम से जानी गयी। बिहार का बाकाश्त (स्वयं खेती की भूमि) संघर्ष स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती से संबंधित है।

26. 'बारदोली सत्याग्रह' का सफल नेतृत्व किसने किया ? [67th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam), 2021]

Correct Answer: (a) वल्लभभाई पटेल
Solution:वर्ष 1928 में सूरत जिले के बारदोली तालुके में गांधीवादी आंदोलन और सत्याग्रह को पर्याप्त सफलता मिली। यहां मेहता बंधु सरीखे गांधीजी के अनुयायियों ने वर्ष 1922 से ही निरंतर अभियान चला रखा था। वर्ष 1928 में यहां कृषक आंदोलन का नेतृत्व वल्लभभाई पटेल ने किया था, जो बारदोली सत्याग्रह के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसी आंदोलन में सफलता के कारण पटेल को बारदोली की महिलाओं ने 'सरदार' की उपाधि प्रदान की। भारतीय किसान संस्थान की स्थापना एन.जी. रंगा ने की थी। वर्ष 1929 में फजलुल हक ने प्रजा पार्टी (जो बाद में बंगाल प्रजा पार्टी बनी) की स्थापना की। यही पार्टी आगे चलकर 'कृषक प्रजा पार्टी' के नाम से जानी गयी। बिहार का बाकाश्त (स्वयं खेती की भूमि) संघर्ष स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती से संबंधित है।

27. बारदोली सत्याग्रह (1928) का नेतृत्व किया- [I.A.S. (Pre) 2003 Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (a) सरदार वल्लभभाई पटेल ने
Solution:वर्ष 1928 में सूरत जिले के बारदोली तालुके में गांधीवादी आंदोलन और सत्याग्रह को पर्याप्त सफलता मिली। यहां मेहता बंधु सरीखे गांधीजी के अनुयायियों ने वर्ष 1922 से ही निरंतर अभियान चला रखा था। वर्ष 1928 में यहां कृषक आंदोलन का नेतृत्व वल्लभभाई पटेल ने किया था, जो बारदोली सत्याग्रह के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसी आंदोलन में सफलता के कारण पटेल को बारदोली की महिलाओं ने 'सरदार' की उपाधि प्रदान की। भारतीय किसान संस्थान की स्थापना एन.जी. रंगा ने की थी। वर्ष 1929 में फजलुल हक ने प्रजा पार्टी (जो बाद में बंगाल प्रजा पार्टी बनी) की स्थापना की। यही पार्टी आगे चलकर 'कृषक प्रजा पार्टी' के नाम से जानी गयी। बिहार का बाकाश्त (स्वयं खेती की भूमि) संघर्ष स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती से संबंधित है।

28. निम्न में से किस आंदोलन में सरदार वल्लभभाई पटेल ने मुख्य भूमिका निभाई ? [U.P. P.C.S. (Pre) 2002 U.P. P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (d) बारदोली सत्याग्रह
Solution:वर्ष 1928 में सूरत जिले के बारदोली तालुके में गांधीवादी आंदोलन और सत्याग्रह को पर्याप्त सफलता मिली। यहां मेहता बंधु सरीखे गांधीजी के अनुयायियों ने वर्ष 1922 से ही निरंतर अभियान चला रखा था। वर्ष 1928 में यहां कृषक आंदोलन का नेतृत्व वल्लभभाई पटेल ने किया था, जो बारदोली सत्याग्रह के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसी आंदोलन में सफलता के कारण पटेल को बारदोली की महिलाओं ने 'सरदार' की उपाधि प्रदान की। भारतीय किसान संस्थान की स्थापना एन.जी. रंगा ने की थी। वर्ष 1929 में फजलुल हक ने प्रजा पार्टी (जो बाद में बंगाल प्रजा पार्टी बनी) की स्थापना की। यही पार्टी आगे चलकर 'कृषक प्रजा पार्टी' के नाम से जानी गयी। बिहार का बाकाश्त (स्वयं खेती की भूमि) संघर्ष स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती से संबंधित है।

29. वल्लभभाई पटेल को सरदार की उपाधि किसने दी ? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (a) महात्मा गांधी
Solution:वर्ष 1928 में सूरत जिले के बारदोली तालुके में गांधीवादी आंदोलन और सत्याग्रह को पर्याप्त सफलता मिली। यहां मेहता बंधु सरीखे गांधीजी के अनुयायियों ने वर्ष 1922 से ही निरंतर अभियान चला रखा था। वर्ष 1928 में यहां कृषक आंदोलन का नेतृत्व वल्लभभाई पटेल ने किया था, जो बारदोली सत्याग्रह के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसी आंदोलन में सफलता के कारण पटेल को बारदोली की महिलाओं ने 'सरदार' की उपाधि प्रदान की। भारतीय किसान संस्थान की स्थापना एन.जी. रंगा ने की थी। वर्ष 1929 में फजलुल हक ने प्रजा पार्टी (जो बाद में बंगाल प्रजा पार्टी बनी) की स्थापना की। यही पार्टी आगे चलकर 'कृषक प्रजा पार्टी' के नाम से जानी गयी। बिहार का बाकाश्त (स्वयं खेती की भूमि) संघर्ष स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती से संबंधित है।

30. महात्मा गांधी ने वल्लभभाई पटेल को 'सरदार' की उपाधि उनकी बड़ी संगठन क्षमता के कारण किस आंदोलन में दी थी? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (b) बारदोली सत्याग्रह में
Solution:वर्ष 1928 में सूरत जिले के बारदोली तालुके में गांधीवादी आंदोलन और सत्याग्रह को पर्याप्त सफलता मिली। यहां मेहता बंधु सरीखे गांधीजी के अनुयायियों ने वर्ष 1922 से ही निरंतर अभियान चला रखा था। वर्ष 1928 में यहां कृषक आंदोलन का नेतृत्व वल्लभभाई पटेल ने किया था, जो बारदोली सत्याग्रह के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसी आंदोलन में सफलता के कारण पटेल को बारदोली की महिलाओं ने 'सरदार' की उपाधि प्रदान की। भारतीय किसान संस्थान की स्थापना एन.जी. रंगा ने की थी। वर्ष 1929 में फजलुल हक ने प्रजा पार्टी (जो बाद में बंगाल प्रजा पार्टी बनी) की स्थापना की। यही पार्टी आगे चलकर 'कृषक प्रजा पार्टी' के नाम से जानी गयी। बिहार का बाकाश्त (स्वयं खेती की भूमि) संघर्ष स्वामी श्रद्धानंद सरस्वती से संबंधित है।