कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र (आर्थिक विकास)

Total Questions: 50

11. निम्नांकित में से कौन भारत में सहकारी कृषि के विचार का समर्थक नहीं था ? [U.P.P.C.S. (Pre) 1996]

Correct Answer: (c) चरण सिंह
Solution:चौधरी चरण सिंह ने नेहरू के सोवियत शैली से आर्थिक विकास का विरोध किया। चौधरी चरण सिंह का विचार था कि सहकारी फार्म भारत में सफल नहीं हो सकते हैं। अतः चरण सिंह को भारत में सहकारी कृषि का समर्थक नहीं माना जाता है।

12. निम्नलिखित में से कौन-सा एक, 'लघु कृषक बड़े खेत' की संकल्पना का सर्वोत्तम वर्णन है? [I.A.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (b) किसी क्षेत्र के अनेक सीमांत कृषक अपने आपको समूहों में व्यवस्थित कर चुनिन्दा कृषि संक्रियाओं में समाकलन और संगति लाते हैं।
Solution:'छोटे किसान बड़े खेत' (Small Farmer Large Field) का विचार छोटे किसानों की आजीविका में सुधार हेतु अपनाया गया एक समन्वित मॉडल है, जिसमें किसी क्षेत्र के अनेक सीमांत कृषक अपने आपको समूहों में व्यवस्थित कर चुनिन्दा कृषि संक्रियाओं में समाकलन और संगति लाते हैं।

13. बुलक कैपिटलिस्ट' (बैल-पूंजीपति) किसे कहा जाता है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2017]

Correct Answer: (c) उन किसानों को जिनके पास कुछ साधन तो हैं पर धनाढ्य नहीं हैं।
Solution:उन किसानों को जिनके पास कुछ साधन तो हैं, पर धनाढ्य नहीं हैं, 'बुलक कैपिटलिस्ट' (Bullock Capitalists) कहा जाता है। लॉयड तथा सुसेन रुडोल्फ (1987) के अनुसार, 'बुलक कैपिटलिस्ट ऐसे स्वनियोजित तथा स्ववित्तपोषित उत्पादक होते हैं जिनके पास बैलों की जोड़ी के साथ-साथ पर्याप्त बड़ी जोत भी होती है।

14. निम्नलिखित में से कौन-सा भारत में भूमि सुधार का हिस्सा नहीं है? [U. P. P. C. S. (Pre) (Re-Exam) 2015]

Correct Answer: (d) बहुफसलीय योजना
Solution:भारत में आजादी के समय एक ऐसी कृषि व्यवस्था मौजूद थी, जिसमें भूमि का स्वामित्व कुछ हाथों में केंद्रित था। अतः देश को समृद्ध बनाने हेतु भूमि सुधार को अति आवश्यक माना गया तथा इस हेतु जमींदारी प्रथा का उन्मूलन, मध्यस्थों की समाप्ति, भूमि जोतों की अधिकतम सीमा का निर्धारण एवं काश्तकारी सुधार के कार्यक्रम अपनाए गए।

15. निम्नांकित में से कौन-सा उपाय कृषि-संरचना को कृषि-विकास के लिए प्रेरक बनाने हेतु अपनाया गया है? [U.P. P.C.S. (mains) 2017]

Correct Answer: (d) उपरोक्त सभी
Solution:भारत में आजादी के समय एक ऐसी कृषि व्यवस्था मौजूद थी, जिसमें भूमि का स्वामित्व कुछ हाथों में केंद्रित था। अतः देश को समृद्ध बनाने हेतु भूमि सुधार को अति आवश्यक माना गया तथा इस हेतु जमींदारी प्रथा का उन्मूलन, मध्यस्थों की समाप्ति, भूमि जोतों की अधिकतम सीमा का निर्धारण एवं काश्तकारी सुधार के कार्यक्रम अपनाए गए।

16. भारत में पट्टेदारी सुधार के उपायों के संदर्भ में, कौन-सा कथन सही है/हैं? [U.P.P.C.S. (Pre), 2019]

1. लगान का विनियमन

2. अवधि की सुरक्षा

3. पट्टेदारी पर स्वामित्व की घोषणा

नीचे दिए हुए कूटों में से सही उत्तर चुनिए -

 

Correct Answer: (d) 1, 2 और 3
Solution:सामान्य रूप से भूमि सुधारों (Land Reforms) तथा विशेष रूप से पट्टेदारी सुधारों (Tenancy Reforms) का उद्देश्य सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण से पट्टों या जोतों के स्वामित्व का पुनर्वितरण तथा भूमि के अनुकूलतम उपयोग की दृष्टि से प्रचालनात्मक जोतों को पुनर्संगठित करना है। भूमि सुधारों के तहत मध्यवर्तियों का उन्मूलन और पट्टेदारी सुधार जिसके तहत लगान का विनियमन, पट्टेदारों हेतु पट्टा अवधि की सुरक्षा तथा उन्हें पट्टेदारी का स्वामित्व प्रदान करना शामिल हैं। इस पूरी अवधारणा का उद्देश्य वास्तविक कृषकों को अधिकार प्रदान कर उन्हें राज्य के प्रत्यक्ष संपर्क में लाना है। पट्टेदारी की सुरक्षा और लगान के विनियमन के साथ वास्तविक कृषकों को पट्टेदारी पर स्वामित्व प्रदान करना कृषकों को उनके श्रम का समुचित प्रतिफल उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक है।

17. भारत में सीमांत कृषि-भूमि जोत का आकार है- [Uttrakhand P.C.S. (Pre) 2016 63rd B.P.S.C. (Pre) Exam 2017]

Correct Answer: (d) 1 हेक्टेयर से कम
Solution:कृषि संगणना 2015-16 के अनुसार, भारत में सीमांत जोत (Marginal land holding) का आकार 1 हेक्टेयर से कम है। अर्द्ध जोतों का आकार 1-2 हेक्टेयर, अर्द्ध- मध्यम जोतों का आकार 2-4 हेक्टेयर, मध्यम जोतों का आकार 4-10 हेक्टेयर तथा बृहद् जोतों का आकार 10 हेक्टेयर या इससे अधिक होता है। भारत में सकल जोतों में 68.5 प्रतिशत सीमांत जोतें, 17.60 प्रतिशत लघु जोतें, 9.60 प्रतिशत अर्द्ध- मध्यम जोतें, 3.8 प्रतिशत मध्यम जोतें तथा 1 प्रतिशत से भी कम (0.6%) बृहद जोतें हैं।
क्र.सं.आकार-समूहवर्ग (हे. में)
I.सीमांतBelow 0.50 <br> 0.50 - 1.00 (0.50 < 1.00)
II.सूक्ष्म1.00 - 2.00 (1.00 < 2.00)
III.अर्ध-मध्यम2.00 - 3.00 (2.00 < 3.00) <br> 3.00 - 4.00 (3.00 < 4.00)
IV.मध्यम4.00 - 5.00 (4.00 < 5.00) <br> 5.00 - 7.50 (5.00 < 7.50) <br> 7.50 - 10.00 (7.50 < 10.00)
V.वृहद10.00 - 20.00 (10.00 < 20.00) <br> 20.00 एवं अधिक

18. एक किसान, जिसके पास 1 से 2 हेक्टेयर तक जोत है, जाना जाता है- [U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2021]

Correct Answer: (d) लघु कृषक
Solution:कृषि संगणना 2015-16 के अनुसार, भारत में सीमांत जोत (Marginal land holding) का आकार 1 हेक्टेयर से कम है। अर्द्ध जोतों का आकार 1-2 हेक्टेयर, अर्द्ध- मध्यम जोतों का आकार 2-4 हेक्टेयर, मध्यम जोतों का आकार 4-10 हेक्टेयर तथा बृहद् जोतों का आकार 10 हेक्टेयर या इससे अधिक होता है। भारत में सकल जोतों में 68.5 प्रतिशत सीमांत जोतें, 17.60 प्रतिशत लघु जोतें, 9.60 प्रतिशत अर्द्ध- मध्यम जोतें, 3.8 प्रतिशत मध्यम जोतें तथा 1 प्रतिशत से भी कम (0.6%) बृहद जोतें हैं।
क्र.सं.आकार-समूहवर्ग (हे. में)
I.सीमांतBelow 0.50 <br> 0.50 - 1.00 (0.50 < 1.00)
II.सूक्ष्म1.00 - 2.00 (1.00 < 2.00)
III.अर्ध-मध्यम2.00 - 3.00 (2.00 < 3.00) <br> 3.00 - 4.00 (3.00 < 4.00)
IV.मध्यम4.00 - 5.00 (4.00 < 5.00) <br> 5.00 - 7.50 (5.00 < 7.50) <br> 7.50 - 10.00 (7.50 < 10.00)
V.वृहद10.00 - 20.00 (10.00 < 20.00) <br> 20.00 एवं अधिक

19. बिहार में कृषि भूमि की जोतों का औसतन आकार दूसरे राज्यों की तुलना में है- [63rd B.P.S.C. (Pre) 2017]

Correct Answer: (b) न्यूनतम से द्वितीय
Solution:कृषि संगणना, 2015-16 के अनुसार, बिहार में कृषि भूमि की जोतों का औसत आकार 0.39 हेक्टेयर है, जो दूसरे राज्यों की तुलना में न्यूनतम से द्वितीय (केरल के बाद 0.18 हेक्टेयर) है।

20. भारत में धीमी कृषि विकास गति के लिए निम्नलिखित में से कौन प्रभावी कारण है? [U.P. P.C.S (Mains) 2016]

Correct Answer: (a) ग्रामीण निर्धनता
Solution:ग्रामीण निर्धनता कृषकों को कृषि में उन्नत तकनीक के निवेश को हतोत्साहित करती है। कृषिरत अधिकांश भारतीय जनता शहरों के बजाय गांवों में निवास करती है। अतः शहरी निर्धनता का कृषि विकास पर प्रभाव अल्प या नगण्य है, जबकि शहर से गांवों की ओर पलायन सर्वथा असत्य है। अतः अभीष्ट उत्तर विकल्प (a) है।