Solution:संघ सरकार के वर्ष 2011-12 के बजट में किसानों के लिए बैंक ऋण के समयानुसार, भुगतान पर ब्याज सब्सिडी 2% से बढ़ाकर 3% कर दी गई। इस प्रकार प्रभावी ब्याज दर 7-3-4% रह गई। अगस्त, 2022 में सरकार द्वारा सभी वित्तीय संस्थानों के लिए लघु अवधि के कृषि ऋणों पर ब्याज अनुदान को 2 प्रतिशत से घटाकर 1.5 प्रतिशत करने की मंजूदी प्रदान की गई है। इस प्रकार 1.5 प्रतिशत का ब्याज अनुदान उधार देने वाले संस्थानों (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी क्षेत्र के बैंक, लघु वित्त बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक और वाणिज्यिक बैंकों से सीधे तौर पर जुड़े कंप्यूटरीकृत पीएसीएस) को किसानों के लिए वर्ष 2022-23 से वर्ष 2024-25 तक 3 लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि ऋण देने के लिए प्रदान किया गया है।
हालांकि किसान समय पर ऋण चुकाते समय 4 प्रतिशत सालाना की ब्याज दर पर अल्पकालीन कृषि ऋण लेते रहेंगे। किसानों को सस्ती दर पर बिना किसी बाधा के ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई थी, ताकि
उन्हें किसी भी समय ऋण पर कृषि उत्पादों और सेवाओं को खरीदने के लिए सशक्त बनाया जा सके। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसान बैंक को न्यूनतम ब्याज दर का भुगतान कर सकते हैं, भारत सरकार ने ब्याज अनुदान योजना (आईएसएस) शुरू की, जिसका नाम बदलकर अब संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) कर दिया गया है, ताकि कम ब्याज दरों पर किसानों को लघु अवधि के ऋण प्रदान किए जा सकें।
इस योजना के तहत कृषि और अन्य संबद्ध गतिविधियों-पशुपालन, डेयरी, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन आदि में लगे किसानों के लिए 7 प्रतिशत की सालाना दर से 3 लाख रुपये तक का अल्पकालिक कृषि ऋण उपलब्ध है। शीघ्र और समय पर ऋण की अदायगी के लिए किसानों को अतिरिक्त 3 प्रतिशत अनुदान (शीघ्र अदायगी प्रोत्साहन-पीआरआई) भी दिया जाता है। अतः यदि कोई किसान अपना ऋण समय पर चुकाता है, तो उसे 4 प्रतिशत सालाना की दर से ऋण मिलता हैं। किसानों को यह सुविधा देने के लिए भारत सरकार इस योजना की पेशकश करते हुए वित्तीय संस्थानों को ब्याज अनुदान (आईएस) प्रदान करती है। यह सहायता केंद्र द्वारा 100 प्रतिशत वित्त पोषित है।