कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र (भाग – 5) (आर्थिक विकास)

Total Questions: 28

1. 4 जुलाई, 2018 से धान का प्रति कुंतल न्यूनतम समर्थित मूल्य (एम.एस.पी.) 2018-19 के दौरान है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (c) रु. 1750
Solution:प्रश्नकाल में विकल्प (c) सही उत्तर था। 8 जून, 2022 को जारी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य विपणन वर्ष 2022-23 हेतु धान (सामान्य) का मूल्य 2040 रुपये तथा धान (ग्रेड A) का मूल्य 2060 रुपये घोषित किया गया है।

2. भारत के किस राज्य ने हाल में फलों एवं सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण का फैसला किया है? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016]

Correct Answer: (a) केरल
Solution:अक्टूबर, 2020 में केरल सरकार ने फलों एवं सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के निर्धारण का फैसला किया जो 1 नवंबर, 2020 से प्रभावी है। फलों एवं सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण करने वाला केरल देश का पहला राज्य है। केरल सरकार ने कुल 16 फलों एवं सब्जियों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण का फैसला किया, जिनका आधार मूल्य (Base Price) उत्पादन लागत (Production Cost) से 20 प्रतिशत अधिक होगा, जिससे किसानों को अपने उत्पादन लागत के साथ-साथ लाभ भी प्राप्त हो सके। मई, 2022 में केरल सरकार द्वारा 5 अन्य फसलों को भी एमएसपी में शामिल करने की घोषणा की गई।

3. मूंगफली के लिए भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य 1995-96 के लिए रु.- [U.P.P.C.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (a) 900 है
Solution:प्रश्नकाल में विकल्प (a) सही उत्तर था। 7 जून, 2023 को जारी खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (विपणन वर्ष 2023-24) में मूंगफली का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6377 रुपये घोषित किया गया, जबकि वर्ष 2022-23 हेतु यह 5850 रुपये घोषित था।

4. मूल्य जिस पर सरकार खाद्यान्न का क्रय करती है, है- [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]

Correct Answer: (d) अधिप्राप्ति मूल्य
Solution:सरकार अधिप्राप्ति मूल्यों या वसूली मूल्यों (Procurement Prices) पर कृषकों से कृषि उपज का क्रय करती है। अधिप्राप्ति मूल्य सामान्यतः न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊंचे होते हैं।

5. सार्वजनिक वितरण प्रणाली को बनाए रखने और सुरक्षित भंडार के निर्माण के लिए जिन कीमतों पर सरकार खाद्यान्न खरीदती है, वे [I.A.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (b) वसूली कीमतों के नाम से जानी जाती हैं
Solution:सरकार अधिप्राप्ति मूल्यों या वसूली मूल्यों (Procurement Prices) पर कृषकों से कृषि उपज का क्रय करती है। अधिप्राप्ति मूल्य सामान्यतः न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊंचे होते हैं।

6. निम्नलिखित में से कौन-सी एक नकद फसल नहीं है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2012]

Correct Answer: (c) सोयाबीन
Solution:प्रश्नगत विकल्पों में तंबाकू, कपास और रबर तो नकदी फसलों के अंतर्गत आते हैं, जबकि सोयाबीन नकदी फसल नहीं है।

7. संघ सरकार के 2011-12 के बजट में किसानों के लिए बैंक ऋण के समयानुसार भुगतान पर प्रभावी ब्याज दर है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (c) 4 प्रतिशत
Solution:संघ सरकार के वर्ष 2011-12 के बजट में किसानों के लिए बैंक ऋण के समयानुसार, भुगतान पर ब्याज सब्सिडी 2% से बढ़ाकर 3% कर दी गई। इस प्रकार प्रभावी ब्याज दर 7-3-4% रह गई। अगस्त, 2022 में सरकार द्वारा सभी वित्तीय संस्थानों के लिए लघु अवधि के कृषि ऋणों पर ब्याज अनुदान को 2 प्रतिशत से घटाकर 1.5 प्रतिशत करने की मंजूदी प्रदान की गई है। इस प्रकार 1.5 प्रतिशत का ब्याज अनुदान उधार देने वाले संस्थानों (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी क्षेत्र के बैंक, लघु वित्त बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक और वाणिज्यिक बैंकों से सीधे तौर पर जुड़े कंप्यूटरीकृत पीएसीएस) को किसानों के लिए वर्ष 2022-23 से वर्ष 2024-25 तक 3 लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि ऋण देने के लिए प्रदान किया गया है।

हालांकि किसान समय पर ऋण चुकाते समय 4 प्रतिशत सालाना की ब्याज दर पर अल्पकालीन कृषि ऋण लेते रहेंगे। किसानों को सस्ती दर पर बिना किसी बाधा के ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई थी, ताकि

उन्हें किसी भी समय ऋण पर कृषि उत्पादों और सेवाओं को खरीदने के लिए सशक्त बनाया जा सके। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसान बैंक को न्यूनतम ब्याज दर का भुगतान कर सकते हैं, भारत सरकार ने ब्याज अनुदान योजना (आईएसएस) शुरू की, जिसका नाम बदलकर अब संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) कर दिया गया है, ताकि कम ब्याज दरों पर किसानों को लघु अवधि के ऋण प्रदान किए जा सकें।

इस योजना के तहत कृषि और अन्य संबद्ध गतिविधियों-पशुपालन, डेयरी, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन आदि में लगे किसानों के लिए 7 प्रतिशत की सालाना दर से 3 लाख रुपये तक का अल्पकालिक कृषि ऋण उपलब्ध है। शीघ्र और समय पर ऋण की अदायगी के लिए किसानों को अतिरिक्त 3 प्रतिशत अनुदान (शीघ्र अदायगी प्रोत्साहन-पीआरआई) भी दिया जाता है। अतः यदि कोई किसान अपना ऋण समय पर चुकाता है, तो उसे 4 प्रतिशत सालाना की दर से ऋण मिलता हैं। किसानों को यह सुविधा देने के लिए भारत सरकार इस योजना की पेशकश करते हुए वित्तीय संस्थानों को ब्याज अनुदान (आईएस) प्रदान करती है। यह सहायता केंद्र द्वारा 100 प्रतिशत वित्त पोषित है।

8. किसी फार्म के चल लागत पूंजी में निम्नलिखित में से क्या शामिल नहीं है? [U. P. R. O./A.R.O. (Pre) 2014]

Correct Answer: (d) भूमि-राजस्व
Solution:किसी फार्म के चल लागत पूंजी में भूमि राजस्व शामिल नहीं होगा, जबकि बीज, उर्वरक तथा सिंचाई जल इत्यादि इसकी चल लागत पूंजी में शामिल होंगे क्योंकि ये सभी कृषि आगत (Agricultural Inputs) में शामिल हैं।

9. निम्नलिखित में से कौन ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अंशदान नहीं देता है? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2013]

Correct Answer: (c) निजी धन उधार देने का प्रचलन
Solution:ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन, कुटीर उद्योग एवं अच्छे उपकरण की उपलब्धता प्रमुख रूप से योगदान करते हैं। गांवों में निजी धन उधार देने का प्रचलन जरूर है, परंतु इसका योगदान ग्रामीण अर्थव्यवस्था में उक्त तीनों की अपेक्षा सीमित ही है। अतः विकल्प (c) सर्वाधिक उपयुक्त उत्तर है।

10. निम्नलिखित में से कौन कृषि वित्त का प्रमुख सिद्धांत है? [U.P. P.C.S (Mains) 2016]

Correct Answer: (d) उपरोक्त सभी
Solution:कृषि वित्त के प्रमुख सिद्धांत हैं उद्देश्य, व्यक्ति, उत्पादकता नियोजन, संगठन आदि।