गवर्नर/गवर्नर जनरल/वायसराय (UPPCS)

Total Questions: 50

11. निम्नलिखित में किसने बंगाल में द्वैध-शासन प्रणाली (Dual Government) को समाप्त किया? [47th B.P.S.C. (Pre) 2005 & 41st B.P.S.C. (Pre) 1996]

Correct Answer: (c) वॉरेन हेस्टिंग्स
Solution:वॉरेन हेस्टिंग्स के कार्य में 1772 ई. में 'कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स' ने दोहरी शासन प्रणाली को समाप्त करने का निर्णय लिया तथा कलकत्ता परिषद एवं उसके प्रधान को आज्ञा दी कि वे स्वयं दीवान बनें और बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा के प्रबंध को अपने हाथ में ले लें। वॉरेन हेस्टिंग्स ने दोनों उप-दीवानों मुहम्मद रजा खां और राजा शिताब राय को पदच्युत कर दिया। द्वैध शासन की शुरुआत बंगाल में क्लाइव के समय में 1765 ई. में हुई थी।

12. बंगाल में द्विशासन प्रणाली किसके द्वारा लागू की गई? [66th B.P.S.C (Pre) 2020]

Correct Answer: (c) रॉबर्ट क्लाइव
Solution:वॉरेन हेस्टिंग्स के कार्य में 1772 ई. में 'कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स' ने दोहरी शासन प्रणाली को समाप्त करने का निर्णय लिया तथा कलकत्ता परिषद एवं उसके प्रधान को आज्ञा दी कि वे स्वयं दीवान बनें और बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा के प्रबंध को अपने हाथ में ले लें। वॉरेन हेस्टिंग्स ने दोनों उप-दीवानों मुहम्मद रजा खां और राजा शिताब राय को पदच्युत कर दिया। द्वैध शासन की शुरुआत बंगाल में क्लाइव के समय में 1765 ई. में हुई थी।

13. किस गवर्नर जनरल पर महाभियोग का मुकदमा चलाया गया ? [M.P. P.C.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (a) वॉरेन हेस्टिंग्स
Solution:वॉरेन हेस्टिंग्स के अन्यायपूर्ण तथा निरंकुश कार्यों के कारण उस पर महाभियोग का मुकदमा चलाया गया, जो 1788 से 1795 ई. तक चलता रहा; किंतु ब्रिटिश संसद ने उसकी सेवाओं को देखते हुए उसे सभी दोषों से मुक्त कर दिया। यह भी कहा गया कि वॉरेन हेस्टिंग्स ने यह सब कुछ साम्राज्य के हित के लिए किया, न कि अपने लिए। वॉरेन हेस्टिंग्स पर लगे महाभियोग के बारे में विद्वानों के मत भिन्न हैं; किंतु वी.ए. स्मिथ का निर्णय अधिक मान्य है। वह लिखते हैं-" उसके थोड़े से दोष जहां तक वे वास्तव में दोष थे, उस राजनीतिज्ञ के दोष थे जिस पर सहसा ही संकट आ पड़ा हो तथा जिस पर इतनी कठिन उलझनें आ पड़ी हों कि कभी-कभी मानवीय समझ में भूल-चूक हो जानी आवश्यक ही थी।"

14. निम्नलिखित में से किस पर ब्रिटिश संसद में महाभियोग का मुकदमा चलाया गया था? [U.P. P.C.S. (Mains) 2006 & U.P. P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (c) वॉरेन हेस्टिंग्स
Solution:वॉरेन हेस्टिंग्स के अन्यायपूर्ण तथा निरंकुश कार्यों के कारण उस पर महाभियोग का मुकदमा चलाया गया, जो 1788 से 1795 ई. तक चलता रहा; किंतु ब्रिटिश संसद ने उसकी सेवाओं को देखते हुए उसे सभी दोषों से मुक्त कर दिया। यह भी कहा गया कि वॉरेन हेस्टिंग्स ने यह सब कुछ साम्राज्य के हित के लिए किया, न कि अपने लिए। वॉरेन हेस्टिंग्स पर लगे महाभियोग के बारे में विद्वानों के मत भिन्न हैं; किंतु वी.ए. स्मिथ का निर्णय अधिक मान्य है। वह लिखते हैं-" उसके थोड़े से दोष जहां तक वे वास्तव में दोष थे, उस राजनीतिज्ञ के दोष थे जिस पर सहसा ही संकट आ पड़ा हो तथा जिस पर इतनी कठिन उलझनें आ पड़ी हों कि कभी-कभी मानवीय समझ में भूल-चूक हो जानी आवश्यक ही थी।"

15. वेलोर का विद्रोह किस गवर्नर जनरल के समय हुआ था? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) सर जॉर्ज बार्लो
Solution:1806 ई. में वेल्लोर (वेलोर) की मद्रास सेना के भारतीय सैनिकों ने एक विशेष प्रकार की पगड़ी पहनने, दाढ़ी मुंडवाने तथा तिलक न लगाने के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। इस समय गवर्नर जनरल सर जॉर्ज बालों था। इसी के काल में बैंक ऑफ कलकत्ता की भी स्थापना की गई। वेल्लोर के विद्रोह को 1857 ई. की क्रांति का पूर्वगामी भी माना जाता है।

16. भारत में न्यायिक संगठन की स्थापना किसने की? [U.P. P.C.S. (Pre) 1991]

Correct Answer: (b) लॉर्ड कॉर्नवालिस
Solution:दीवानी और फौजदारी न्यायालय के श्रेणीबद्ध संगठन के जरिए न्याय प्रदान करने की एक नई व्यवस्था की नींव अंग्रेजों ने रखी। इस व्यवस्था को वॉरेन हेस्टिंग्स ने आरंभ किया, मगर कॉर्नवालिस ने इसे और सुदृढ़ बनाया। 1793 ई. की 'कॉर्नवालिस संहिता' शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत पर आधारित थी, जिसके तहत कर और न्याय प्रशासन को पृथक कर दिया गया।

17. निम्नलिखित में से किस गवर्नर जनरल ने भारत की प्रसंविदाबद्ध सिविल सेवा (कोवेनैन्टेड सिविल सर्विस ऑफ इंडिया) का सृजन किया, जो कालांतर में भारतीय सिविल सेवा के नाम से जानी गई? [I.A.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (c) कॉर्नवालिस
Solution:भारत की प्रसंविदाबद्ध सिविल सेवा या लोक सेवा का सृजन कॉर्नवालिस द्वारा किया गया। बंगाल का गवर्नर जनरल बनने के बाद कॉर्नवालिस ने प्रशासन को पुनर्गठित किया तथा राजस्व बोर्डों को भंग कर इसके संबंध में नए नियम बनाए तथा कंपनी के अधिकारियों के व्यक्तिगत व्यापार के संबंध में भी नए नियम बनाए। उसने 'कॉर्नवालिस कोड' के माध्यम से दीवानी तथा न्यायिक क्षेत्रों में स्पष्ट विभाजन किया, जिसने आगे चलकर भारतीय सिविल सेवा का रूप लिया।

18. भारतीय लोक सेवा का प्रवर्तन किया गया- [U.P. P.C.S.(Spl.) (Mains) 2004]

Correct Answer: (b) कॉर्नवालिस के शासनकाल में
Solution:भारत की प्रसंविदाबद्ध सिविल सेवा या लोक सेवा का सृजन कॉर्नवालिस द्वारा किया गया। बंगाल का गवर्नर जनरल बनने के बाद कॉर्नवालिस ने प्रशासन को पुनर्गठित किया तथा राजस्व बोर्डों को भंग कर इसके संबंध में नए नियम बनाए तथा कंपनी के अधिकारियों के व्यक्तिगत व्यापार के संबंध में भी नए नियम बनाए। उसने 'कॉर्नवालिस कोड' के माध्यम से दीवानी तथा न्यायिक क्षेत्रों में स्पष्ट विभाजन किया, जिसने आगे चलकर भारतीय सिविल सेवा का रूप लिया।

19. 18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में किसे प्रायः "कंपनी बहादुर की शानो-शौकत" का स्थानीय प्रतिनिधि कहा जाता था ? [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2021]

Correct Answer: (b) दरोगा
Solution:1793 ई. में लॉर्ड कॉर्नवालिस ने जमींदारों को उनके पुलिस कर्तव्यों से अलग कर प्रत्येक बीस से तीस वर्ग मील के क्षेत्र में थाना स्थापित किया तथा दरोगा नामक पुलिस अधिकारी नियुक्त किया। दरोगा की नियुक्ति एवं पर्यवेक्षण मजिस्ट्रेट द्वारा किया जाता था। किसान दरोगा को "कंपनी बहादुर की शानो-शौकत" का स्थानीय प्रतिनिधि मानते थे।

20. लॉर्ड कॉर्नवालिस की कब्र कहां स्थित है? [U.P.P.C.S (Mains) 2011]

Correct Answer: (a) गाजीपुर
Solution:लॉर्ड कॉर्नवालिस 1786-1793 ई. एवं 30 जुलाई, 1805 से 5 अक्टूबर, 1805 तक बंगाल का गवर्नर जनरल रहा। इसे भारत में इस्तमरारी अथवा स्थायी बंदोबस्त, न्यायिक संहिता एवं भारतीय लोक सेवा के प्रवर्तक के रूप में जाना जाता है। इसकी मृत्यु 5 अक्टूबर, 1805 को गाजीपुर (उ.प्र.) में हुई थी। यहीं पर इसकी कब्र स्थित है।