गुप्त एवं गुप्तोत्तर युग (UPPCS) (Part-2)

Total Questions: 50

31. गुप्त काल के दौरान भारत में बलात् श्रम (विष्टि) के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है? [I.A.S (Pre) 2019]

Correct Answer: (a) इसे राज्य के लिए आय का एक स्रोत, जनता द्वारा दिया जाने वाला एक प्रकार का कर, माना जाता था।
Solution:चंद्रगुप्त द्वितीय के उदयगिरि गुहालेख, प्रभावती गुप्ता के रिद्धपुर अभिलेख समेत अनेक गुप्तकालीन अभिलेखों में विष्टि (बेगार, बलात् श्रम) को अन्य करों के साथ रखा गया है। यद्यपि बेगार प्रथा का प्रमाण मौर्य युग से ही मिलता है; किंतु गुप्त काल में वह विभिन्न अवसरों पर राजा द्वारा प्राप्त किए जाने वाले कर का एक रूप बन गया था। इसके तहत मजदूरों, शिल्पियों एवं कृषकों को अनिवार्य रूप से राजा या राज्य के लिए श्रम करना ही होता था, जिसके बदले उन्हें कोई भुगतान नहीं दिया जाता था। यह प्रथा मध्य प्रदेश और काठियावाड़ में सबसे ज्यादा प्रचलित थी। बेगार की यह प्रथा पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलती रहती थी; किंतु इसमें ज्येष्ठ उत्तराधिकार जैसा नियम नहीं था, यह सभी श्रमिकों पर लागू होती थी।

32. कहा जाता है कि शतरंज का खेल उद्भूत (originate) हुआ था- [U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2004]

Correct Answer: (d) भारत में
Solution:शतरंज का खेल भारत में उद्भूत हुआ था। महाभारत में इसे 'चतुरंग' के नाम से जाना जाता था। भारत से यह ईरान एवं तत्पश्चात यूरोप में पहुंचा।

33. शूद्रक द्वारा लिखी हुई प्राचीन भारतीय पुस्तक 'मृच्छकटिकम्' का विषय था- [I.A.S. (Pre) 2003]

Correct Answer: (a) एक धनी व्यापारी और एक गणिका की पत्री की प्रेम-गाथा
Solution:शूद्रक कृत 'मृच्छकटिकम्' नामक रचना से गुप्तकालीन शासन व्यवस्था एवं नगर जीवन के विषय में रोचक सामग्री मिलती है। इससे तत्कालीन समाज में होने वाले परिवर्तनों पर प्रकाश पड़ता है। यथा- इससे पता चलता है कि उज्जयिनी में कुछ शूद्र अधिकारी थे, अब उन्हें महाकाव्यों एवं पुराणों के श्रवण का अधिकार भी मिल गया था। वस्तुतः इस ग्रंथ में चारुदत्त नामक ब्राह्मण सार्थवाह एवं एक गणिका की पुत्री वसंतसेना की प्रेम-गाथा को शब्दों का रूप दिया गया है।

34. प्राचीन सांख्य दर्शन में किसका महत्वपूर्ण योगदान है? [M.P.P.C.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (a) कपिल
Solution:'सांख्य दर्शन' प्रमुख भारतीय दार्शनिक पद्धतियों में से एक है। महर्षि कपिल को सांख्य दर्शन का प्रतिष्ठापक आचार्य माना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने सांख्य-सूत्र नामक ग्रंथ की रचना की थी।

35. कपिल मुनि द्वारा प्रतिपादित दार्शनिक प्रणाली है- [U.P.P.C.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (b) सांख्य दर्शन
Solution:'सांख्य दर्शन' प्रमुख भारतीय दार्शनिक पद्धतियों में से एक है। महर्षि कपिल को सांख्य दर्शन का प्रतिष्ठापक आचार्य माना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने सांख्य-सूत्र नामक ग्रंथ की रचना की थी।

36. सांख्य' दर्शन प्रतिपादित किया गया है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2010]

Correct Answer: (c) कपिल द्वारा
Solution:'सांख्य दर्शन' प्रमुख भारतीय दार्शनिक पद्धतियों में से एक है। महर्षि कपिल को सांख्य दर्शन का प्रतिष्ठापक आचार्य माना जाता है। कहा जाता है कि उन्होंने सांख्य-सूत्र नामक ग्रंथ की रचना की थी।

37. भारत में दार्शनिक विचार के इतिहास के संबंध में, सांख्य संप्रदाय से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2013]

1. सांख्य पुनर्जन्म या आत्मा के आवागमन के सिद्धांत को स्वीकार नहीं करता है।

2. सांख्य की मान्यता है कि आत्म-ज्ञान ही मोक्ष की ओर ले जाता है न कि कोई बाह्य प्रभाव अथवा कारक।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

 

 

Correct Answer: (b) केवल 2
Solution:सांख्य पुनर्जन्म अथवा आत्मा के आवागमन के सिद्धांत को स्वीकार करता है। सांख्य दर्शन में अज्ञानता को ही दुःखों का कारण तथा आत्म ज्ञान को उनसे मुक्ति का एकमात्र उपाय बताया गया है। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

38. निम्नलिखित कथनों को पढ़िए तथा सही विकल्प को चुनिए- कथन I: कपिल सांख्य पद्धति के सबसे पुराने प्रणेता हैं। कथन II : कपिल यह बताते हैं कि किसी व्यक्ति का जीवन प्रकृति की शक्तियों द्वारा गढ़ा जाता है, किसी दैवी सत्ता द्वारा नहीं। [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (a) कथन I एवं कथन II दोनों ही सही हैं।
Solution:महर्षि कपिल सांख्य दर्शन के प्रणेता हैं। सांख्य दर्शन के अनुसार, जीवन प्रकृति की शक्तियों द्वारा निर्मित और संचालित होता है। यह दर्शन युक्तियुक्त चिंतन और तर्क में विश्वास करता है।

39. योग दर्शन के प्रतिपादक हैं- [U.P.P.C.S. (Pre) 1997 U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2002 U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2003 U.P.P.C.S. (Pre) 2007]

Correct Answer: (a) पतंजलि
Solution:महर्षि पतंजलि को योग दर्शन का प्रतिष्ठापक आचार्य माना जाता है। यद्यपि भारतीय परंपरा में योग-साधना का इतिहास अत्यंत प्राचीन है. उपनिषद, महाभारत, भगवद्‌गीता, जैन और बौद्ध मतों में योग संबंधी क्रियाओं का विवेचन प्राप्त होता है, तथापि सर्वप्रथम महर्षि पतंजनि ने ही सुसंबद्ध दार्शनिक सिद्धांत के रूप में योग का विवेचन किया इसीलिए इन्हें योग दर्शन का प्रणेता कहा जाता है।

40. योग के आविष्कारक थे- [Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (pre) 2007]

Correct Answer: (c) पतंजलि
Solution:महर्षि पतंजलि को योग दर्शन का प्रतिष्ठापक आचार्य माना जाता है। यद्यपि भारतीय परंपरा में योग-साधना का इतिहास अत्यंत प्राचीन है. उपनिषद, महाभारत, भगवद्‌गीता, जैन और बौद्ध मतों में योग संबंधी क्रियाओं का विवेचन प्राप्त होता है, तथापि सर्वप्रथम महर्षि पतंजनि ने ही सुसंबद्ध दार्शनिक सिद्धांत के रूप में योग का विवेचन किया इसीलिए इन्हें योग दर्शन का प्रणेता कहा जाता है।