ग्रीन हाउस गैस का प्रभाव

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1. निम्नलिखित में से कौन-सा पिछली शताब्दी में पृथ्वी के औसत तापमान में वृद्धि प्रदर्शित करता है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2012]

Correct Answer: (d) 0.9 डिग्री सेल्सियस
Solution:1900 ई. के बाद से पृथ्वी के औसत तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस (1.8 डिग्री फॉरेनहाइट) से अधिक की वृद्धि हुई, जिसमें अधिकांश वृद्धि वर्ष 1975 के बाद देखी गई। अतः विकल्प (d) निकटतम उत्तर होगा।

2. पिछली सदी में वैश्विक औसत तापमान में कितनी वृद्धि हुई है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (b) 1.8° F
Solution:1900 ई. के बाद से पृथ्वी के औसत तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस (1.8 डिग्री फॉरेनहाइट) से अधिक की वृद्धि हुई, जिसमें अधिकांश वृद्धि वर्ष 1975 के बाद देखी गई। अतः विकल्प (d) निकटतम उत्तर होगा।

3. हरित गृह प्रभाव (ग्रीन हाउस इफेक्ट) के अभाव में भू-सतह का औसत तापमान होगा- [U.P.P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (b)-18°C
Solution:हरित गृह प्रभाव (ग्रीन हाउस इफेक्ट) के अभाव में भू-सतह का औसत तापमान - 18°C या - 0.4F होगा। कार्बन डाइऑक्साइड, जलवाष्प, नाइट्रस ऑक्साइड, मीथेन, ओजोन आदि प्रमुख ग्रीन हाउस गैसें हैं।

4. यदि किसी महासागर का पादप प्लवक किसी कारण से पूर्णतया नष्ट हो जाए, तो इसका क्या प्रभाव होगा? [I.A.S. (Pre) 2012]

1. कार्बन सिंक के रूप में महासागर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

2. महासागर की खाद्य श्रृंखला पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

3. महासागर का जल-घनत्व प्रबल रूप से घट जाएगा।

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए :

Correct Answer: (a) केवल 1 और 2
Solution:यदि किसी महासागर का पादप प्लवक किसी कारण से पूर्णतया नष्ट हो जाए, तो कार्बन सिंक के रूप में महासागर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। पादप प्लवक का सागर में वही महत्व है, जो स्थल पर घासों का होता है। अतः इससे महासागर की खाद्य श्रृंखला का प्रभावित होना स्वाभाविक है।

5. ग्लोबीय तापवृद्धि से संबंधित निम्नलिखित कथनों में से कौन सही हैं? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2002]

1. ग्लोबीय तापवृद्धि का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम यह है कि इससे ध्रुवीय बर्फ की टोपियों के पिघलने के बाद समुद्र की सतह में वृद्धि होगी।

2. यदि ग्लोवीय तापवृद्धि के वर्तमान स्तर पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो वर्ष 2070 तक समुद्र की सतह एक मीटर तक बढ़ना संभावित है।

3. विश्व के समस्त मूंगे के द्वीप डूब जाएंगे।

4. यह संभावना है कि वर्ष 2044 तक फिजी डूब जाएगा और समुद्र तल के बढ़ने से इसी वर्ष तक नीदरलैंड्स पर एक गंभीर संकट छा जाएगा।

Correct Answer: (c) 1, 3 और 4
Solution:जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (IPCC) के अनुसार, वर्ष 1990 और 2100 के मध्य तापमान में 1.4-5.8°C की वृद्धि होने का अनुमान व्यक्त किया गया है। इस वैश्विक ताप वृद्धि के परिणामस्वरूप ध्रुवीय क्षेत्रों सहित विश्व के 144 में से 142 पर्वतीय हिमटोपियों के पिघलने की आशंका है, जिससे समुद्र सतह में वृद्धि अवश्यंभावी है। IPCC के अनुसार, वर्ष 1990-2100 के बीच समुद्र सतह में 0.33 से 0.45 मीटर वृद्धि का अनुमान लगाया गया है न कि । मी. का। फिजी में समुद्र तल में वृद्धि दर 0.15 मी. (6 इंच) प्रति वर्ष है। इससे फिजी के डूबने का संकट आसन्न है।

6. भूमंडलीय उष्णता (Global warming) के परिणामस्वरूप- [U.P.P.C.S. (Pre) 2001, 2003 U.P.U.D.A/L.D.A. (Pre) 2003]

1. सार्वभौमिक संपर्क बेहतर हो गए।

2. हिमनदी द्रवीभूत होने लगी।

3. समय से पूर्व आम में बौर आने लगा।

4. स्वास्थ्य पर कुप्रभाव पड़ा।

निम्नांकित कूट से सही उत्तर चुनिए -

Correct Answer: (b) 2, 3 तथा 4 सही हैं।
Solution:भूमंडलीय उष्णता या तापन का प्रभाव हिम क्षेत्रों में तेजी से पिघलती बर्फ के रूप में देखा जा सकता है। मौसम में तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं और सागर तट के समीपवर्ती क्षेत्र तेजी से डूब रहे हैं। स्कैंडिनेविया के अनेक यूरोपीय देश अपने अनेक ऐसे तटों को गंवा चुके हैं। समय से पूर्व आम में बौर आना वैश्विक तापन से ही संबंधित है तथा वैश्विक तापन से स्वास्थ्य भी कुप्रभावित हो रहा है।

7. निम्नलिखित में से कौन-सा वैश्विक तापवृद्धि (ग्लोबल वार्मिंग) का प्रभाव है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2020]

1. समुद्र जल तल का बढ़ना

2. हिमनदी का पिघलना

3. बीमारियों का फैलना

4. प्रवाल भित्ति का विरंजन होना

सही उत्तर का चुनाव नीचे दिए गए कूट से कीजिए।

Correct Answer: (d) 1, 2, 3 और 4
Solution:वैश्विक तापवृद्धि या ग्लोबल वार्मिंग पृथ्वी पर जीवन के समक्ष गंभीर चुनौती है। इसके कारण ग्लेशियरों के पिघलने की दर बढ़ेगी, समुद्री जल स्तर में वृद्धि होगी, प्रवाल भित्ति का विरंजन होगा तथा चक्रवात, तूफान, बवंडर, बाढ़ और बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ेगा।

8. निम्नांकित में से कौन एक सर्वाधिक भंगुर पारिस्थितिक तंत्र है, जो वैश्विक तापन द्वारा सबसे पहले प्रभावित होगा? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (a) आर्कटिक एवं ग्रीनलैंड हिम चादर
Solution:दिए गए विकल्पों में आर्कटिक एवं ग्रीनलैंड हिम चादर (Arctic and Greenland Ice sheet) वैश्विक तापन द्वारा सबसे पहले प्रभावित होने वाले सर्वाधिक भंगुर पारिस्थितिक तंत्र हैं। वस्तुतः इस क्षेत्र में वैश्विक तापन के कारण बर्फ का पिघलना शेष पृथ्वी को प्रभावित कर रहा है।

9. वैज्ञानिक दृष्टिकोण यह है कि विश्व तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर पर 2°C से अधिक नहीं बढ़ना चाहिए। यदि विश्व तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 3°C के परे बढ़ जाता है, तो विश्व पर उसका संभावित असर क्या होगा? [I.A.S. (Pre) 2014]

1. स्थलीय जीवमंडल एक नेट कार्बन स्रोत की ओर प्रवृत्त होगा।

2. विस्तृत प्रवाल मर्त्यता घटित होगी।

3. समी भूमंडलीय आर्द्रभूमि स्थायी रूप से लुप्त हो जाएंगी।

4. अनाजों की खेती विश्व में कहीं भी संभव नहीं होगी।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए ।

Correct Answer: (b) केवल 1 और 2
Solution:'आईपीसीसी' (Intergovernmental Panel on Climate Change) द्वारा प्रकाशित "Assessing Key Vulnerabilities and the risk from Climate Change" नामक रिपोर्ट के अनुसार, यदि विश्व-तापमान पूर्व- औद्योगिक स्तर से 2°C बढ़ जाता है, तो विश्वभर में 'प्रवाल मर्त्यता' (Coral Mortality) घटित होगी। यदि विश्व का तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 3°C से अधिक बढ़ जाता है, तो स्थलीय जीवमंडल एक नेट कार्बन स्रोत की ओर प्रवृत्त होगा।

10. वैश्विक ऊष्मन के फलस्वरूप निम्नलिखित में किसकी बारंबारता और प्रचंडता बढ़ रही है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2018]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी की
Solution:वैश्विक ऊष्मन पृथ्वी पर जीवन के समक्ष सबसे गंभीर चुनौती है। IPCC के अनुसार, वैश्विक ऊष्मन से ग्लेशियर के पिघलने की दर बढ़ेगी, समुद्री जल स्तर में वृद्धि होगी, सूखा और बाढ़ की बारंबारता एवं तीव्रता में वृद्धि होगी, चक्रवात, तूफान, बवंडर आदि की बारंबारता एवं तीव्रता में वृद्धि होगी।