छन्द

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1. निम्नलिखित में से कौन-सा विकल्प काव्य में छन्द के महत्त्व से सम्बन्धित गलत विकल्प है? [DSSSB.P.G.T. (परीक्षा)-2021]

Correct Answer: (a) छन्द सरस न होने के कारण मन को भाते नहीं हैं।
Solution:उपर्युक्त में छन्द के महत्त्व के सन्दर्भ में गलत विकल्प है- 'छन्द सरस न होने के कारण मन को भाते नहीं हैं।' वस्तुतः छन्द अक्षरों की संख्या एवं क्रम, मात्रा-गणना तथा यति-गति से सम्बद्ध विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्य रचना होती है। ऐसा नहीं है कि छन्द सरस न होने पर मन को अच्छे न लगे। छन्दशास्त्रीय नियमों पर आधारित काव्य सरस न होने पर भी अच्छे लगते हैं।

2. छन्दों की गणना किससे की जाती है? [BPSC, स्कूल टीचर परीक्षा-2023]

Correct Answer: (c) वर्ण और मात्रा
Solution:छन्दों की गणना वर्ण और मात्रा के आधार पर होती है। वर्ण की गणना से वर्णिक छन्द तथा मात्रा की गणना से मात्रिक छन्द बनते हैं।

3. छन्दशास्त्र ग्रन्थ 'सुवृत्त तिलक' के रचयिता कौन हैं? [रेडियो ऑपरेटर (उ.प्र. पुलिस) परीक्षा, 2024]

Correct Answer: (c) क्षेमेन्द्र
Solution:छन्दशास्त्र ग्रन्थ 'सुवृत्ततिलक' के रचयिता आचार्य क्षेमेन्द्र हैं। औचित्यविचारचर्चा, कविकण्ठाभरण तथा आचार्य क्षेमेन्द्र की चर्चित रचनाएँ हैं। बृहत्कथामञ्जरी

4. 'छन्दानुशासन' के रचयिता कौन हैं? [रेडियो ऑपरेटर (उ.प्र. पुलिस) परीक्षा, 2024]

Correct Answer: (a) हेमचन्द्र
Solution:'छन्दानुशासन' के रचयिता हेमचन्द्र हैं। हेमचन्द्र आदिकालीन जैन विद्वान्, व्याकरणविद्, कोशकार इत्यादि थे। इनका प्रारम्भिक नाम चंग देव था। सिद्ध-हेम-शब्दानुशासन इनकी व्याकरण पुस्तक है। 'छन्दानुशासन' छन्दशास्त्र पर आधारित रचना है।

5. 'प्राकृत पैंगलम' के छन्द किस रस से सम्बन्धित हैं? [BPSC, स्कूल टीचर परीक्षा-2023]

Correct Answer: (b) वीर रस
Solution:'प्राकृत पैंगलम' संग्रह ग्रन्थ है, जिसमें बब्बर, विद्याधर, जज्जल, शारंगधर इत्यादि की रचनाएँ संगृहीत हैं। इसकी भाषा पुरानी ब्रज भाषा, खड़ी बोली, राजस्थानी, अवधी तथा मैथिली का मिश्रण है। यह भाषा एवं छन्द शास्त्रीय पुस्तक है। इसके छन्द अधिकांशतः वीर रस से सम्बन्धित हैं। इसमें कहीं-कहीं श्रृंगार रस का प्रयोग भी किया गया है।

6. 'छन्दशास्त्र' के प्रणेता आचार्य माने जाते हैं- [T.G.T. परीक्षा, 2011]

Correct Answer: (b) पिंगल
Solution:छन्दशास्त्र के प्रणेता आचार्य पिंगल माने जाते हैं। छन्द का दूसरा नाम पिंगल है। पिंगलाचार्य के 'छन्दसूत्र' में छन्द का सुसम्बद्ध वर्णन होने के कारण इसे 'छन्दशास्त्र' का आदि ग्रन्थ माना जाता है।

7. इनमें से कौन-सी छन्दशास्त्र की प्रथम पुस्तक है? [दिल्ली केन्द्रीय विद्यालय (P.G.T.) परीक्षा, 2015]

Correct Answer: (b) छन्दसूत्र
Solution:छन्दशास्त्र की प्रथम पुस्तक पिंगल कृत 'छन्दसूत्र' है, जबकि 'नाट्यशास्त्र' जो नाट्य पर लिखी गयी प्रथम पुस्तक है, जिसके प्रणेता भरतमुनि हैं। 'काव्य प्रकाश' मम्मट की, 'रसिक प्रिया' केशवदास की कृति है।

8. छन्द के कितने भेद हैं? [MPSI (SI) Exam, 01 Nov 2017 (09:00 AM)]

Correct Answer: (a) 4
Solution:छन्द के चार भेद होते हैं, जो इस प्रकार हैं:-

वर्णिक छन्द- इसमें छन्द के सभी चरणों में वर्णों की संख्या समान होती है।

वर्णिक वृत्त छन्द- इसमें वर्णों की गणना होती है।

मात्रिक छन्द- इस छन्द के सभी चरणों में मात्राओं की संख्या समान होती है।

मुक्त छन्द- जिस छन्द में वर्णिक या मात्रिक प्रतिबन्ध न हो।

9. 'द्रुतविलम्बित' में गणों का क्रम क्या होता है? [U.P. SI-2021]

Correct Answer: (c) नगण, भगण, भगण, रगण
Solution:'द्रुतविलम्बित' छन्द में गणों का क्रम क्रमशः नगण, भगण, भगड़, रगण होता है। यह वर्णिक समवृत्त छन्द है, जिसमें गणों के क्रम में कुल 12 वर्ण होते हैं। संक्षिप्त में इसके गणों का क्रम इस प्रकार है-

10. छन्द के अंगों के आधार पर 'गण' किसे कहते हैं? [MPSI (SI) Exam, 06 Sep 2016 (09:00 AM)]

Correct Answer: (a) तीन वर्णों के समूह को
Solution:निश्चित चरण, वर्ण, मात्रा, गति, यति, तुक और गण आदि के द्वारा नियोजित पद्य रचना को 'छन्द' कहते हैं। वर्णिक छन्दों की गणना 'गण' के क्रमानुसार की जाती है। तीन वर्षों का एक 'गण' होता है। गणों की संख्या 'आठ' होती है, जो इस प्रकार हैं- यगण, मगण, तगण, रगण, जगण, भगण, नगण और सगण।