छन्द

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11. दोहा छन्द में यति कहाँ होती है। [MPSI (SI) Exam, 06 Sep 2016 (02:00 PM)]

Correct Answer: (b) चरण के अन्त में
Solution:दोहा अर्धसम मात्रिक छन्द है। इसके पहले और तीसरे चरण में 13 तथा दूसरे और चौथे चरण में 11 मात्राएँ होती हैं। दूसरे और चौथे चरण के अन्त में लघु होना आवश्यक है। दोहा छन्द में 'यति' चरण के अन्त में होती है। पद्य पाठ करते समय गीत को बाधित कर जो विश्राम दिया जाता है, उसे 'यति' कहते हैं।

12. छन्द की हर पंक्ति को 'चरण' या '........' कहा जाता है। [MPSI (SI) Exam, 06 Sep 2016 (09:00 AM)]

Correct Answer: (a) पाद
Solution:छन्द की हर पंक्ति को 'चरण'या 'पाद' कहा जाता है। हिन्दी साहित्य कोश के अनुसार "अक्षर, अक्षरों की संख्या एवं क्रम, मात्रा, मात्रा-गणना तथा यति-गति आदि से सम्बन्धित विशिष्ट नियमों से नियोजित पद्य रचना 'छन्द' कहलाती है।"

13. छन्द से सम्बन्धित गणों की सही संख्या है- [UPSSSC आबकारी सिपाही परीक्षा, 2016 (प्रथम पाली)]

Correct Answer: (c) आठ
Solution:छन्द से सम्बन्धित गणों की सही संख्या आठ (8) है। तीन वर्षों को मिलाकर एक गण बनता है।

14. छन्द पढ़ते समय आने वाले विराम को क्या कहते हैं? [BPSC School Teacher Exam, 2024 UPSSSC ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा, 2016]

Correct Answer: (d) यति
Solution:छन्द पढ़ते समय आने वाले विराम को 'यति' कहते हैं। छन्द के लय-प्रवाह को 'गति' कहते हैं। छन्द के प्रत्येक चरण के अन्त में समान स्वर-व्यंजन की योजना को 'तुक' कहते हैं। छन्द के तीन-तीन वर्णों के समुदाय को 'गण' कहते हैं। छन्द के चरणों का विभाजन 'पाद' कहलाता है।

15. चरण में वर्णों की संख्या (कम से अधिक) के आधार पर इन वर्णिक छन्दों का सही अनुक्रम कौन-सा है? [UGC हिन्दी द्वितीय प्रश्न-पत्र जून, 2013]

Correct Answer: (d) इन्द्रवज्रा - वसन्ततिलका मन्दाक्रान्ता शार्दूल विक्रीडित
Solution:वर्णिक छन्दों का बढ़ते क्रम में (चरण में वर्णों की संख्या के आधार पर) अनुक्रम इस प्रकार है-

इन्द्रवज्रा के प्रत्येक चरण में 11 वर्ण होते हैं।

वसन्ततिलका के प्रत्येक चरण में 14 वर्ण होते हैं।

मन्दाक्रान्ता 17 वर्णों का छन्द होता है-

मगण भगण नगण तगण गुरु- गुरु

शार्दूल विक्रीडित सटाना 19 वर्णों का छन्द होता है।

अन्य महत्त्वपूर्ण छन्द व उनकी मात्राएँ-

दोहा, सोरठा तथा कुण्डलिया 24-24 मात्राओं के छन्द होते हैं।

16. अराति-सैन्य सिन्धु में सुबाडवाग्नि से जलो, प्रवीर हो जयी बनो, बढ़े चलो, बढ़े चलो।।' [P.G.T. परीक्षा, 2000]

में कौन-से गण हैं?

 

Correct Answer: (a) जगण रगण जगण रगण जगण गुरु
Solution:प्रस्तुत पंक्तियों में जगण, रगण, जगण, रगण, जगण, गुरु नामक गण हैं। यह पंचचामर वर्णिक छन्द का उदाहरण है। रावण विरचित शिवताण्डव स्त्रोत' भी इसी छन्द में है।

17. 'बात बड़ी सरस थे कहते बिहारी, छोटे-बड़े सकल का हित चाहते थे। अत्यन्त प्यार संग थे मिलते सबों से, वे थे सहायक बड़े दुःख के दिनों के।" में कौन-सा छन्द है? [U.P. SI-2021]

Correct Answer: (a) वसन्ततिलका
Solution:उपर्युक्त पंक्तियों में 'वसन्ततिलका' वर्णिक छन्द का प्रयोग किया गया है।

18. 'वसन्ततिलका' का दूसरा नाम क्या है? [U.P. SI-2021]

Correct Answer: (a) सिंहोत्रता
Solution:'वसन्ततिलका' वर्णिक सम छन्द है, जिसे सिंहोत्रता भी कहा जाता है। इस छन्द के प्रत्येक चरण में 14 वर्ण होते हैं, जिनका क्रम इस प्रकार है-

19. इनमें से कौन-सा छन्द वर्णिक है? [U.P. SI-2021]

Correct Answer: (b) सवैया
Solution:सवैया वर्णिक छन्द का प्रकार है। वस्तुतः 'सवैया' विषम वर्णिक छन्द है, क्योंकि इसका कोई एक निश्चित लक्षण नहीं होता है। इसके चरण में 22 से लेकर 26 तक वर्ण होते हैं। अपनी मधुरता,

20. वर्णिक छन्दों में किसका विचार होता है? [P.G.T. परीक्षा, 2000]

Correct Answer: (a) वर्ण का
Solution:केवल वर्णों की गणना के आधार पर रचा गया छन्द 'वर्णिक छन्द' कहलाता है। वर्णिक छन्द के दो भेद होते हैं- साधारण और दण्डक।