डी.ए./एल.डी.ए. (मुख्य) परीक्षा 2006 सामान्य अध्ययन (Part-I)

Total Questions: 50

1. निम्न में से कौन सा स्थल चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है?

Correct Answer: (b) भीम बेटका
Solution:व्याख्या- भीमबेटका गुफा चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है। यह स्थल मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित है। भीमबेटका की गुफाएं प्रागैतिहासिक काल की चित्रकारियों के लिए प्रसिद्ध है। भारत में यहीं से चित्रकारी युक्त सर्वाधिक 500 शिलाश्रय प्राप्त हुए हैं। यूनेस्को ने भीमबेटका शैल चित्रों को वर्ष 2003 में विश्व विरासत सूची में सम्मिलित किया है।

2. 'विशाल स्नानागार' किस पुरातत्व-स्थल से पाया गया था?

Correct Answer: (c) मोहनजोदड़ो
Solution:व्याख्या-वृहत् स्नानागार मोहनजोदडों का सर्वाधिक उल्लेखनीय स्मारक है जो 11.88 मी. लम्बा, 7.01 मी. चौड़ा तथा 2.43 मी. गहरा है। इसके उत्तर तथा दक्षिण की ओर सीढ़ियाँ बनी है। इसका उपयोग धार्मिक समारोहों के अवसर पर किया जाता था। इससे सूचित होता है कि सैधव सभ्यता के धार्मिक कार्यों के लिए तथा शरीर संस्कार के लिए स्वच्छता का अत्यन्त ऊँचा आदर्श था। मार्शल ने इसे तत्कालीन विश्व का एक 'आश्चर्यजनक' निर्माण बताया है।

3. जीविकोपार्जन हेतु 'वेद-वेदांग' पढ़ाने वाला अध्यापक कहलाता था-

Correct Answer: (c) उपाध्याय
Solution:व्याख्या-वैदिक काल में जीविकोपार्जन हेतु 'वेद-वेदांग' पढ़ाने वाला अध्यापक 'उपाध्याय' कहलाता था। पाणिनी ने चार प्रकार के अध्यापकों का उल्लेख किया है, जो आचार्य, प्रवक्ता, श्रेणिय तथा अध्यापक कहलाते थे, जिसमें आचार्य अध्यापक की सबसे बड़ी पदवी थी। यजुर्वेद के मन्त्रों का उच्चारण करने वाला पुरोहित 'अध्वर्यु', कहलाता था।

4. आंध्र-सातवाहन राजाओं की सबसे लम्बी सूची किस पुराण में मिलती है?

Correct Answer: (c) मत्स्य पुराण
Solution:व्याख्या-सातवाहन वंश के इतिहास के लिए मत्स्य तथा वायु पुराण विशेष रूप से उपयोगी है। मत्स्य पुराण में गौतमी पुत्र शातकर्णी को तेइसवाँ राजा माना गया है। अतः सातवाहन राजाओं की सबसे लम्बी सूची मत्स्य पुराण में ही मिलती है, जबकि वायु पुराण में मुख्य रूप से गुप्त राजाओं के नाम मिलते हैं तथा विष्णु पुराण में मौर्य वंश के राजाओं का उल्लेख मिलता है।

5. निम्नलिखित में से किस वंश के साम्राज्य की सीमाएँ भारत के बाहर तक फैली थी?

Correct Answer: (c) कुषाण वंश
Solution:व्याख्या-कनिष्क के सिंहासनारूढ़ होने के समय कुषाण साम्राज्य में अफगानिस्तान-सिंध का भाग एवं बैक्ट्रिया तथा पर्शिया सम्मिलित था। भारत में कुषाण राज्य दक्षिण में साँची तथा पूर्व में मगध तक विस्तृत था जबकि मौर्य वंश के समय उसके राज्य में भारत, पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के भू-भाग ही सम्मिलित थे। कुषाणों का साम्राज्य अमुदरिया से गंगा तक मध्य एशिया के खुरासान से वाराणसी तक हो गया था।

6. 'इण्डिका' का मूल लेखक था-

Correct Answer: (b) मेगास्थनीज
Solution:व्याख्या-इण्डिका नामक पुस्तक के मूल लेखक मेगास्थनीज था। मेगास्थनीज को यवन नरेश सेल्यूकस निकेटर ने चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में लगभग 305 ई.पू. में अपने राजदूत के रूप में भेजा था।

7. निम्न में से किस राज्य ने 'एक रुपये में एक किलो चावल ' योजना शुरू की है?

Correct Answer: (d) तमिलनाडु
Solution:व्याख्या- डी.एम. के. पार्टी ने तमिलनाडु में अपने चुनाव घोषणा पत्र में सर्वप्रथम वर्ष 2009 में 'एक रुपये में एक किलो चावल' देने का वादा, मतदाताओं से किया था। सत्ता में आने के बाद उन्होंने इसको लागू किया।

8. नागार्जुन किस बौद्ध सम्प्रदाय के थे?

Correct Answer: (c) माध्यमिक
Solution:व्याख्या-माध्यमिक (शून्यवाद) के प्रवर्तक नागार्जुन हैं, इनकी प्रसिद्ध रचना 'माध्यमिक कारिका' है, इसे सापेक्षवाद भी कहा जाता है। सापेक्षवाद के अनुसार प्रत्येक वस्तु किसी-न-किसी कारण से उत्पन्न हुई है और वह उसी पर निर्भर है। नागार्जुन ने 'प्रतीत्यसमुत्पाद' को ही शून्यता कहा है। इस मत में महात्मा बुद्ध द्वारा प्रतिपादित मध्यम-मार्ग को विकसित किया गया है।

9. किस सिख गुरु को अकबर ने 500 बीघा जमीन दी थी?

Correct Answer: (b) रामदास
Solution:व्याख्या- चौथे गुरु रामदास पर अकबर की कृपा रही और उसने उन्हें 1577 ई. में 500 बीघा जमीन दी जिसमें एक प्राकृतिक तालाब भी था यहीं पर अमृतसर नगर बसा और स्वर्ण मंदिर बना। 1581 में गुरु राम दास की मृत्यु हुई। उन्होंने अपने तीसरे पुत्र अर्जुनदेव को गद्दी सौंपी। उस समय से गुरु गद्दी पैतृक आधार पर निश्चित होने लगी। सातवें गुरु हरराय ने दारा को विजयी होने का आशीर्वाद दिया था। नवें गुरु तेग बहादुर ने औरंगजेब की धार्मिक नीति का खुले रूप में विरोध किया।

10. निम्न में से किस शासक ने सर्वप्रथम जजिया कर समाप्त किया था?

Correct Answer: (a) जैन उल-अबीदीन
Solution:व्याख्या-1420 ई. में अलीशाह का भाई शाही खाँ 'जैन-उल- अबीदीन' के नाम से सिंहासन पर बैठा। वह कश्मीर का सबसे महान् शासक हुआ और उसकी धार्मिक उदारता के कारण बहुत से इतिहासकारों ने उसकी तुलना मुगल बादशाह अकबर से की। जैन-उल-अबीदीन ने अपनी धार्मिक सहिष्णुता नीति के तहत हिन्दुओं को जजिया कर से मुक्त कर दिया।