ताम्रपाषाण कालीन कृषक संस्कृतियां

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1. कैल्कोलिथिक अवस्था का सही अर्थ क्या है?

Correct Answer: (d) पत्थर और तांबे के उपयोग की अवस्था।
Solution:धातुओं में सबसे पहले तांबे का उपयोग हुआ। कई संस्कृतियों का जन्म पत्थर और तांबे के उपकरणों का साथ-साथ प्रयोग करने के कारण हुआ, इन संस्कृतियों को ताम्रपाषाणिक (कैल्कोलिथिक) कहते हैं। जिसका अर्थ है पत्थर और तांबे के उपयोग की अवस्था।

2. निम्नलिखित में से तिथिक्रम की दृष्टि से भारत में ताम्रपाषाण बस्तियों की कौन-सी श्रृंखलाएं पाई गयी हैं?

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:कालक्रमानुसार भारत में हड़प्पा की कांस्य युगीय संस्कृति पहले आती है और अधिकांश ताम्रपाषाणयुगीन संस्कृतियां बाद में, हालांकि तकनीकि दृष्टि से ताम्रपाषाण अवस्था हड़प्पा काल से पहले होनी चाहिए। अतः विकल्प (d) सत्य है।

3. ताम्रपाषाण संस्कृतियों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें :

कथन (1) इनके विशिष्ट प्रकार के चित्रित मृद्भांड हैं।

कथन (2) ये मृद्भांड आम तौर पर लाल रंग पर काले रंग से चित्रित थे

उपर्युक्त कथनों के आधार पर सही विकल्प का चयन करें-

Correct Answer: (c) 1 और 2
Solution:ताम्रपाषाणिक संस्कृतियों की सबसे प्रमुख विशेषता है उनके विशिष्ट प्रकार के चित्रित मृद्भांड सभी संस्कृतियों के लोग आमतौर पर लाल रंग पर काले रंग से चित्रित मिट्टी के बर्तनों (मृद्भाण्डों) का प्रयोग करते थे। अतः विकल्प सही (c) है।

4. निम्नलिखित में से किन हड़प्पाई अंचल के स्थलों को प्राक्हड़प्पीय स्तरों में शामिल किया जाता है?

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:हड़प्पाई अंचल के कुछ स्थलों के प्राक्-हड़प्पीय स्तरों को आरंभिक हड़प्पा संस्कृति भी कहते हैं, ताकि इसे परिपक्व नगरीय सिंधु सभ्यता में पृथक् किया जा सके, इस तरह राजस्थान के कालीबंगा, हरियाणा के बनावली, पाकिस्तान के सिंध प्रांत के कोटदीजी की प्राक्-हड़प्पीय अवस्था स्पष्टतः ताम्रपाषाणिक है।

5. निम्नलिखित क्षेत्रों में से भारत में ताम्रपाषाण बस्तियां क्षेत्रों में पाई गयी हैं।

(1) दक्षिण-पूर्वी राजस्थान

(2) पश्चिमी मध्यप्रदेश

(3) पश्चिमी महाराष्ट्र

(4) दक्षिणी-पूर्वी भारत

उपर्युक्त कथनों के आधार पर सही विकल्प का चयन करें-

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:भारत में ताम्रपाषाण बस्तियां मुख्यतः चार भागों में विभाजित की गई हैं- (1) दक्षिणी-पूर्वी राजस्थान (2) पश्चिमी मध्य प्रदेश (3) पश्चिमी महाराष्ट्र (4) दक्षिणी-पूर्वी भारत।

अतः अभीष्ट उत्तर विकल्प (d) होगा।

6. ताम्रपाषाणिक संस्कृति के संदर्भ में सबसे विस्तृत उत्खनन किस क्षेत्र में हुआ है?

Correct Answer: (c) पश्चिमी महाराष्ट्र
Solution:ताम्रपाषाणिक संस्कृति के संदर्भ में सर्वाधिक विस्तृत उत्खनन पश्चिमी महाराष्ट्र में हुआ है। अतः विकल्प (c) सत्य है।

7. जोरवे संस्कृति का विस्तार किस प्रदेश में है?

Correct Answer: (b) महाराष्ट्र
Solution:ईसा-पूर्व 1400-700 के आस-पास की जोरवे संस्कृति विदर्भ के कुछ भाग तक कोंकण के तट-प्रदेश को छोड़ सारे महाराष्ट्र में फैली थी।

प्रो. मक्खन लाल ने, कक्षा 11 प्राचीन भारत, में जोरवे संस्कृति का कालखंड लगभग 1500 ई. पू. से 900 ई.पू. के मध्य बताया है।

8. निम्नलिखित बस्तियों पर विचार करें :

(1) प्रकाश

(2) दायमाबाद

(3) इनामगांव

(4) चंदौली

उपर्युक्त में से किन बस्तियों का संबंध जोरवे संस्कृति से है।

Correct Answer: (d) सभी
Solution:प्रकाश, दायमाबाद और इनामगांव जोरवे संस्कृति की सुप्रसिद्ध बस्तियां हैं। इसमें से सबसे बड़ी बस्ती दायमाबाद है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 20 हेक्टेयर है। चंदौली का संबंध भी जोरवे से है।

9. निम्नलिखित में से जोरवे संस्कृति के कौन-से स्थल नगरीकरण की अवस्था तक पहुंच गये थे?

Correct Answer: (c) (a) और (b) दोनों
Solution:वैसे तो जोरवे संस्कृति ग्रामीण थी, फिर भी इसकी कई बस्तियां, जैसे दायमाबाद और इनामगांव नगरीकरण के स्तर तक पहुंच-सी गई थीं। अतः विकल्प (c) सत्य है।

10. कायथा संस्कृति का विकास किस नदी तथा उसकी सहायक नदियों के क्षेत्र में हुआ है?

Correct Answer: (c) चंबल
Solution:कायथा संस्कृति की बस्तियां संख्या की दृष्टि से बहुत कम हैं, और अधिकतर चंबल और उसकी सहायक नदियों के क्षेत्र में पाई गई हैं। अतः विकल्प (c) सत्य है।