ताम्रपाषाण कालीन कृषक संस्कृतियां

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11. किस ताम्रपाषाण संस्कृति को तांबा वाली जगह के नाम से जाना जाता है?

Correct Answer: (b) अहार
Solution:अहार का प्राचीन नाम तांबवती अर्थात् तांबा वाली जगह है। यहां पर कई सपाट कुल्हाड़ियां, चूड़ियां और पत्तरें मिली हैं, जो सभी तांबे की हैं। अतः विकल्प (b) सत्य है।

12. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें :

कथन (1) अहार में सूक्ष्म पाषाण औजारों का इस्तेमाल नहीं  होता था।

कथन (2) अहार के लोग काले-लाल रंग के बर्तन बनाते थे, जो सफेद डिजाइनों से सजे होते थे।

उपर्युक्त कथनों के आधार पर सत्य कथन का चयन करें-

Correct Answer: (c) 1 और 2
Solution:अन्य समकालीन ताम्रपाषाणिक कृषक संस्कृतियों के विपरीत, अहार में वास्तव में सूक्ष्मपाषाण औजारों का इस्तेमाल नहीं होता था तथा अहार संस्कृति वाले लोग काले-लाल रंग के बर्तनों को बनाते थे, जो सफेद डिजाइनों से सजे होते थे।

13. निम्नलिखित में से कौन-सी ताम्रपाषाणिक बस्ती अहार संस्कृति के अंतर्गत नहीं आती है?

Correct Answer: (d) सोनगांव
Solution:अहार, बालाथल और गिलुंद, कई हेक्टेयर में बसी बस्तियां हैं जो कि अहार संस्कृति की तीन बड़ी बस्तियां हैं। बस्तियों को बनाने के लिए लोग पत्थरों, कच्ची ईंटों और गारे का प्रयोग करते थे। बालाथल एक मात्र ऐसी बस्ती है जो परकोटे से घिरी पाई गई है। सोनगांव जोरवे संस्कृति का स्थल है अतः विकल्प (d) सत्य है।

14. चमकीले लालभांड किस संस्कृति की पहचान हैं?

Correct Answer: (c) (a) और (b) दोनों
Solution:प्रभास और रंगपुर के मिट्टी के बर्तन हड़प्पा संस्कृति से लिए हुए हैं; लेकिन उनकी सतह चमकदार हैं, जिसकी वजह से उन्हें चमकीले लालभांड भी कहा जाता है।

15. निम्नलिखित में से किस बस्ती को मालवा संस्कृति के अंतर्गत नहीं रखा जाता है?

Correct Answer: (b) नासिक
Solution:मालवा संस्कृति की प्रमुख बस्तियां, नवदाटोली, एरण व नागदा है, नवदाटोली का क्षेत्रफल 10 हेक्टेयर है, जो कि देश की सबसे बड़ी ताम्रपाषाणिक बस्ती में से एक है। नागदा से एक कच्ची ईंटों का बुर्ज प्राप्त हुआ है तथा एरण के चारों ओर एक खाई के साथ-साथ परकोटा बना हुआ था।

16. 'निम्नलिखित में से कौन-सी ताम्रपाषाणिक बस्ती हड़प्पा को तांबे की वस्तुओं की आपूर्ति करती थी?

Correct Answer: (a) गणेश्वर
Solution:गणेश्वर के जमाव को 2800-2200 ई.पू. का माना जाता है। इसलिए इसकी बहुत-सी वस्तुएं परिपक्व हड़प्पा संस्कृति से पूर्व की हैं। गणेश्वर, हड़प्पा को तांबे की वस्तुओं की आपूर्ति करता था, पर इन्होंने हड़प्पा से कोई खास तत्व प्राप्त नहीं किया है।

17. ताम्रपाषाणिक संस्कृतियों के बारे में दिये गये कथनों पर विचार करें-

कथन (1) गेंहूं और जौ की खेती मालवा क्षेत्र में की जाती थी।

कथन (2) लगभग सभी ताम्रपाषाणिक संस्कृतियां काली मिट्टी वाले प्रदेशों में पनपीं और फली-फूली थीं।

उपर्युक्त कथनों में से सही कथन का चुनाव करें-

Correct Answer: (c) 1 और 2
Solution:

गेंहूं और जौ की खेती मालवा क्षेत्र में की जाती थी, चावल इनामगांव और अहार के स्थलों में पाए गए हैं, लगभग सभी ताम्रपाषाण संस्कृतियां काली मिट्टी वाले प्रदेश में पनपीं और फली- फूली थीं। अतः विकल्प (c) सत्य होगा।

18. ताम्रपाषाणिक स्थल राजपिपला किस राज्य में स्थित है।

Correct Answer: (d) गुजरात
Solution:ताम्रपाषाणिक स्थल, राजपिपला, गुजरात में स्थित है, जो ताम्रपाषाण काल में उपरत्नों के व्यापार हेतु जाना जाता था। अतः विकल्प (d) सत्य है।

19. निम्नलिखित कथनों में से असत्य कथन का चयन करें?

Correct Answer: (c) ताम्रपाषाणिक लोग युद्ध और साम्राज्य विस्तार हेतु जाने जाते हैं।
Solution:ताम्रपाषाण संस्कृति के संदर्भ में कथन (c) असत्य है। इन बस्तियों में युद्ध और साम्राज्य विस्तार के साक्ष्यों को नहीं पाया गया है, अन्य सभी कथन सत्य हैं।

प्रो. मक्खन लाल ने, प्राचीन भारत कक्षा 11, में विभिन्न प्रकार के आदिम कुल्हाड़ियों, कांटेदार बरछे, दुसिंगी तलवारों के विषय में बताया है, जो इस बात की ओर इशारा करता है कि वे हथियार निर्माण कला से परिचित थे।

20. निम्नलिखित में से किस देवता/देवी की पूजा ताम्रपाषाणिक लोग करते थे?

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:मालवा संस्कृति के एक विशाल संचय पात्र पर मातृ-देवी की आकृति जड़ाऊ डिजाइन में अंकित है। इसी प्रकार बेला (फिडिल) की आकृति शायद श्रीवत्स जैसी है, जो धन की देवी लक्ष्मी का प्रतीक है, एक पात्र पर चित्रित डिजाइन में एक देवता को उसके अस्त- व्यस्त बालों के साथ दिखाया गया है, जिससे परिवर्तित काल के रुद्र का स्मरण होता है।