दिल्ली सल्तनत (मध्यकालीन भारतीय इतिहास) (भाग-II)

Total Questions: 26

1. सैय्यद वंश का प्रथम शासक कौन था? [MTS (T-I) 11 गई. 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) खिज्र खां
Solution:

खिज्र खां (Khizr Khan) सैय्यद वंश (1414-1451 ई.) का संस्थापक और प्रथम शासक था। उसने 1414 ईस्वी में दिल्ली पर अधिकार करके इस वंश की स्थापना की।

  • खिज्र खान स्वतंत्रता की घोषणा करने से पहले तुगलक वंश के तहत मुल्तान के गवर्नर था,
  • खिज्र खां स्वयं को तैमूर लंग के प्रतिनिधि के रूप में मानता था और उसने कभी भी 'सुल्तान' की उपाधि धारण नहीं की,
  • बल्कि खुद को 'रैयत-ए-आला' (Rāyat-i A'lā - उच्च पताकाधारक) कहलाना पसंद किया।
  • यह वंश तैमूर के आक्रमण के बाद दिल्ली सल्तनत की अराजक स्थिति में स्थापित हुआ था और इसका शासनकाल कमजोर एवं सीमित रहा।
  • Other Information
  •  अलाउद्दीन आलम शाह सैय्यद वंश का अंतिम शासक था और लोदी वंश उसका उत्तराधिकारी बना।
  •  मुहम्मद शाह और मुबारक खान सैय्यद वंश के शासक नहीं थे।
  • सैय्यद राजवंश ने लगभग 37 वर्षों तक दिल्ली सल्तनत पर शासन किया और लोदी राजवंश उसका उत्तराधिकारी बना।

2. तुगलक वंश के बाद किस वंश ने शासन किया? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 2 दिसंबर, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (a) सैय्यद वंश
Solution:

दिल्ली सल्तनत पर तुगलक वंश (1320-1414 ई.) के पतन के बाद सैय्यद वंश (1414-1451 ई.) ने शासन किया। तुगलक वंश का अंत तैमूर के आक्रमण (1398 ई.) से हुई भारी तबाही और आंतरिक कमजोरी के कारण हुआ था।

  • सैय्यद वंश की स्थापना खिज्र ख़ान ने की थी, जो खुद को पैगंबर मुहम्मद का वंशज मानते थे।
  • तैमूर ने जब भारत छोड़ा, तो उसने खिज्र खां को मुल्तान, लाहौर और दीपालपुर का गवर्नर नियुक्त किया,
  • जिसने बाद में दिल्ली पर कब्ज़ा करके सैय्यद वंश की स्थापना की। सैय्यद वंश के बाद लोदी वंश सत्ता में आया।
  • सैय्यद वंश तुगलक वंश के बाद और लोदी वंश से पहले आया था।
  •  सैय्यद शासन के दौरान, दिल्ली सल्तनत को कई आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें आक्रमण और आंतरिक विद्रोह शामिल थे।
    Other Information
  •  तुगलक वंश
    •  तुगलक वंश ने 1320 से 1413 तक दिल्ली सल्तनत पर शासन किया।
    •  गियासुद्दीन तुग़लक़ द्वारा स्थापित, यह अपने प्रशासनिक सुधारों और स्थापत्य उपलब्धियों के लिए जाना जाता है, जिसमें दिल्ली में तुगलकाबाद का किला शामिल है।
    • सबसे उल्लेखनीय शासक मुहम्मद बिन तुगलक़ था, जो अपनी महत्वाकांक्षी लेकिन अक्सर अव्यावहारिक नीतियों के लिए जाना जाता था, जिसमें राजधानी को दिल्ली से दौलताबाद स्थानांतरित करना शामिल था।
    •  अपनी प्रारंभिक सफलता के बावजूद, वंश को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें विद्रोह और आक्रमण शामिल थे, जिससे इसका अंत हुआ।
  • लोदी वंश
    •  लोदी वंश दिल्ली सल्तनत का अंतिम वंश था, जिसने 1451 से 1526 तक शासन किया।
    • बहलोल लोदी द्वारा स्थापित, यह एक पठान वंश था और भारत में अफ़ग़ान शासन की शुरुआत का प्रतीक था।
    • सबसे उल्लेखनीय शासक सिकंदर लोदी था, जिसने क्षेत्र का विस्तार किया और प्रशासनिक दक्षता में सुधार किया।
    • 1526 में पानीपत की लड़ाई में बाबर द्वारा इब्राहिम लोदी की हार के साथ वंश का अंत हुआ, जिससे मुग़ल साम्राज्य की स्थापना हुई।
  •  खिलजी वंश
    •  खिलजी वंश ने 1290 से 1320 तक दिल्ली सल्तनत पर शासन किया।
    •  जलालुद्दीन खिलजी द्वारा स्थापित, यह अपने सैन्य अभियानों और सल्तनत के क्षेत्र के विस्तार के लिए जाना जाता है।
    •  अलाउद्दीन खिलजी, सबसे प्रमुख शासक, ने महत्वपूर्ण आर्थिक और प्रशासनिक सुधार लागू किए और सल्तनत को मंगोल आक्रमणों से सफलतापूर्वक बचाया।
    •  वंश का अंत अंतिम ख़िलजी शासक, कुतुबुद्दीन मुबारक शाह की अपने ही रईसों द्वारा हत्या के साथ हुआ।
  •  ममलुक वंश
    •  ममलुक वंश, जिसे गुलाम वंश के रूप में भी जाना जाता है, ने 1206 से 1290 तक दिल्ली सल्तनत पर शासन किया।
    •  इसकी स्थापना कुतुबुद्दीन ऐबक ने की थी, जो मुहम्मद गोरी का पूर्व गुलाम था, जो दिल्ली का पहला सुल्तान बना।
    •  वंश अपने स्थापत्य योगदान के लिए जाना जाता है, जिसमें कुतुब मीनार का निर्माण शामिल है।
      1290 में खिलजी वंश के उदय के साथ ममलुक वंश का अंत हुआ।

3. इंडो-इस्लामिक वास्तुकला की "दोहरे गुंबद" (Double Dome) वाली विशेषता दिल्ली सल्तनत के किस वंश द्वारा शुरू की गई थी? [MTS (T-I) 20 जून, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (b) लोदी वंश
Solution:

इंडो-इस्लामिक वास्तुकला की "दोहरे गुंबद" (Double Dome) वाली विशेषता दिल्ली सल्तनत में लोदी वंश (1451-1526 ई.) द्वारा शुरू की गई थी।

  • इस तकनीक का सबसे पहला और सबसे अच्छा उदाहरण दिल्ली में सिकंदर लोदी का मकबरा माना जाता है।
  • दोहरे गुंबद का उपयोग आंतरिक छत को निचला और बाहरी संरचना को भव्य ऊँचा दिखाने के लिए किया जाता था, साथ ही यह आंतरिक भाग को अधिक ऊष्मा से बचाने में भी मदद करता था।
  •  यह डिज़ाइन गुंबद को अधिक ऊँचा और प्रभावशाली बनाने की अनुमति देता है, साथ ही आंतरिक गुंबद की आकृति को सौंदर्य और संरचनात्मक दृढ़ता दोनों मिलती है।
  • दिल्ली में दोहरे गुंबद का पहला प्रमुख उदाहरण सिकंदर लोदी का मकबरा है, जो 16वीं सदी के प्रारंभ में बनवाया गया था।
  • लोदी वंश (1451-1526) ने इस वास्तुकला शैली को विकसित किया जिसमें दोहरे गुंबदों के साथ-साथ लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर का उपयोग, जटिल नक्काशी, और इस्लामी तथा भारतीय वास्तुशिल्प तत्वों का मिश्रण प्रमुख था।
  • यह शैली मुग़ल वास्तुकला का भी आधार बनी, जैसे हुमायूँ का मकबरा और ताजमहल में इसकी गतिशीलता देखी जा सकती है।

4. किस लोदी शासक (1489 ई. से 1517 ई.) का वास्तविक नाम निज़ाम खां था? [MTS (T-I) 16 जून, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) सिकंदर लोदी
Solution:

लोदी वंश के दूसरे और सबसे सफल शासक सिकंदर लोदी (Sikandar Lodi) का वास्तविक नाम निज़ाम खां था।

  • उसने अपने पिता बहलोल लोदी की मृत्यु के बाद 1489 ईस्वी में सिंहासन संभाला और 1517 ईस्वी तक शासन किया।
  • सिकंदर लोदी ने आगरा शहर की स्थापना की और उसे अपनी राजधानी बनाया, जिससे मध्य भारत पर नियंत्रण आसान हो गया।
  • वह एक कट्टर शासक था लेकिन उसने प्रशासनिक सुधारों और साहित्य को संरक्षण भी दिया।
  •  उन्होंने 1504 में आगरा शहर की स्थापना की।
  •  उन्होंने 1506 में अपनी राजधानी दिल्ली से आगरा स्थानांतरित कर दी।
  •  मुहम्मद बिन तुगलक के बचपन का नाम जौना खान था।
  •  शेरशाह सूरी के बचपन का नाम फरीद था।
    Other Information
  •  सिकंदर लोदी लोदी वंश के संस्थापक बहलोल लोदी का पुत्र था।
  •  उन्होंने 1489 ई. से 1517 ई. तक शासन किया और पड़ोसी राज्यों के विरुद्ध अपने सैन्य अभियानों के लिए जाने जाते थे।
  •  सिकंदर लोदी का उत्तराधिकारी उसका पुत्र इब्राहिम लोदी था, जिसे 1526 ई. में पानीपत की लड़ाई में बाबर ने हराया था,
  • जिससे लोदी वंश का अंत हुआ और भारत में मुगल साम्राज्य की शुरुआत हुई।
  •  कुतुबुद्दीन मुबारक शाह भारत में गुलाम वंश का शासक था, जिसने 1316 ई. से 1320 ई. तक शासन किया।
  •  बाबर द्वारा उखाड़ फेंकने से पहले इब्राहिम लोदी लोदी वंश का अंतिम शासक था। बहलोल लोदी लोदी वंश का संस्थापक और सिकंदर लोदी का पिता था।

5. सिकंदर लोदी ने निम्नलिखित में से किस वर्ष आगरा की स्थापना की थी? [C.P.O.S.I. (T-I) 10 नवंबर, 2022 (II-पाली)]

Correct Answer: (b) 1504 ई.
Solution:सुल्तान सिकंदर लोदी ने 1504 ईस्वी में आगरा शहर की स्थापना की थी। उसने इस नए शहर को रणनीतिक कारणों से बसाया ताकि वह पश्चिमी और पूर्वी भारत के बीच व्यापार मार्गों पर नियंत्रण रख सके और राजपूतों पर बेहतर निगरानी कर सके।
  • दो वर्ष बाद, 1506 ईस्वी में, सिकंदर लोदी ने आगरा को दिल्ली सल्तनत की राजधानी बनाया।
  • यमुना नदी के तट पर स्थित होने के कारण, आगरा जल्द ही सल्तनत का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र बन गया।
  •  वह दिल्ली सुल्तान बहलोल लोदी का दूसरा पुत्र था। सिकंदर लोदी की मां हिंदू समुदाय से थी और हिंदू सुनार की बेटी थी।
  •  वह दिल्ली सल्तनत के लोदी राजवंश का दूसरा और सबसे प्रसिद्ध शासक था।
  •  सिकंदर लोदी फारसी भाषा का एक प्रवीण कवि था औरउसने 9000 छंदों का एक दीवान तैयार किया था।
  •  वह एक बहुत साहसी शासक था, जिसने अपने क्षेत्र में अपने सैन्य व्यापार को बढ़ाया और ग्वालियर और बिहार के क्षेत्रों में अपनी सीमाओं का विस्तार किया था।
  • जिसने उस समय बंगाल के शासक अलाउद्दीन हुसैन शाह के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
  •  वर्ष 1504 ईस्वी में, जिसने आगरा शहर की स्थापना की थी।
  • सिकंदर लोदी मुस्लिम अनुयायी था, और जिसने अपने पूर्ववर्तियों की तरह, मुस्लिम दुनिया में अब्बासी खलीफा के उपदेशों को स्वीकार किया था।
  •  जिसने हिंदुओं के मंदिरों को, और उलमाओं के अत्यधिक दबाव को ध्वस्त कर दिया था, और जिसने एक ब्राह्मण को मारने की अनुमति दी थी, जिसने हिंदू धर्म को इस्लाम अधिक अच्छा बताया।
  • उसने महिलाओं को मुस्लिम संतों के मजारों पे जाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया था और अनुभवी मुस्लिम शहीद सालार मसूद के भाले के वार्षिक जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया था।
  • उसने बड़ी मुस्लिम आबादी को शरिया कानून के प्रशासक के रूप में क़ाज़ियों द्वारा निर्देशित शरिया (न्यायालय) की स्थापना की थी।
  • शरिया गैर-मुस्लिमों के लिए भी खुला था, जिसमें गैर-धार्मिक मामले जैसे संपत्ति विवाद भी शामिल थे।
  •  21 नवंबर, 1517 ईस्वी को उसका निधन हो गया था।
    Other Information
  • बहलोल लोदी लोदी साम्राज्य (1451-1489 ईस्वी) का संस्थापक था।
  •  इब्राहिम लोदी इस राजवंश का अंतिम शासक था और उसने 1526 ईस्वी में मुगल सम्राट बाबर के खिलाफ पानीपत की पहली लड़ाई लड़ी थी।
  •  उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ हैं और वे उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री हैं।
  •  उत्तर प्रदेश की वर्तमान राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल हैं।

6. दिल्ली सल्तनत के तहत कौन-सा राजवंश भारत में पहला अफगान पश्तून राजवंश था? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 28 नवंबर, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (a) लोदी
Solution:

लोदी वंश (1451-1526 ई.) दिल्ली सल्तनत पर शासन करने वाला पहला अफगान (पश्तून) राजवंश था। इससे पहले के सभी राजवंश (मामलुक, खिलजी, तुगलक, सैय्यद) तुर्की मूल के थे।

  • लोदी वंश की स्थापना बहलोल लोदी ने की थी। अफगान शासन की विशेषता यह थी
  • कि यह 'समानों के बीच पहला' (First among equals) के सिद्धांत पर आधारित था, जिसमें सुल्तान निरंकुश होने के बजाय अफगान सरदारों के साथ शक्ति साझा करता था,
  • हालाँकि सिकंदर लोदी ने इसे बदलने की कोशिश की।
  • लोदी वंश भारत में पहला ऐसा मुस्लिम राजवंश था जिसकी उत्पत्ति अफगानिस्तान के पश्तून समुदाय से थी। इस वंश ने 1451 से लेकर 1526 तक दिल्ली सल्तनत पर शासन किया।
  • बहलूल लोदी ने अफगान सरदारों को सत्ता में शामिल कर एक मजबूत प्रशासन स्थापित किया और जौनपुर के शक्तिशाली शर्की राज्य को दिल्ली सल्तनत में मिला लिया।
  • लोदी वंश के शासनकाल में अफगान प्रभाव और संस्कृति का प्रभाव भारत में बढ़ा। लोदी वंश दिल्ली सल्तनत का अंतिम राजवंश था,
  • जिसका अंत पानीपत की पहली लड़ाई (1526) में मुगल सम्राट बाबर द्वारा इब्राहिम लोदी को हराए जाने के साथ हुआ।
  • संक्षेप में, लोदी वंश ने दिल्ली सल्तनत में पहला अफगान पश्तून राजवंश होने का गौरव प्राप्त किया, जिसकी शुरुआत बहलूल लोदी ने की थी और जिसने सल्तनत के अंतिम वर्षों तक शासन किया.​

7. लोदी वंश का अंतिम सुल्तान कौन था? [C.P.O.S.I. (T-I) 11 नवंबर, 2022 (III-पाली)]

Correct Answer: (d) इब्राहिम लोदी
Solution:
  • इब्राहिम लोदी (Ibrahim Lodi) लोदी वंश (1517-1526 ई.) का अंतिम सुल्तान था।
  • उसने अपने पिता सिकंदर लोदी की मृत्यु के बाद गद्दी संभाली। इब्राहिम लोदी एक घमंडी और अड़ियल शासक था,
  • जिसने अफगान सरदारों की स्वतंत्रता को समाप्त करने की कोशिश की, जिससे वे उसके विरोधी हो गए।
  • 1526 ईस्वी में, वह पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर से पराजित हुआ और मारा गया।
  • इस हार ने दिल्ली सल्तनत का अंत कर दिया और मुगल साम्राज्य की नींव रखी।
  • इब्राहिम लोदी का मकबरा हरियाणा के पानीपत में स्थित है।
    Other Information
  •  लोदी वंश की स्थापना बहलोल खान लोदी ने की थी।
  •  लोदी वंश एक अफगान राजवंश था।
  •  लोदी वंश दिल्ली सल्तनत का अंतिम राजवंश था, जिसने 1451 से 1526 तक शासन किया था।
  •  बहलोल के पुत्र सिकंदर लोदी ने 1504 में आगरा की स्थापना की थी।
  •  इब्राहिम लोदी सिकंदर लोदी का पुत्र था और वह दिल्ली का अंतिम लोदी सुल्तान था।

8. लोदी वंश की वास्तुकला में निम्नलिखित में से किस आकृति के मकबरे पाए गए हैं? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 29 नवंबर, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (b) अष्टभुजाकार
Solution:

लोदी वंश की वास्तुकला में अष्टभुजाकार (Octagonal) मकबरे विशिष्ट रूप से पाए गए हैं। ये मकबरे आमतौर पर शाही परिवार के सदस्यों या उच्च पदस्थ रईसों के लिए आरक्षित होते थे, जैसे कि सिकंदर लोदी का मकबरा। इसके विपरीत, वर्गाकार मकबरे निम्न श्रेणी के रईसों के लिए बनाए जाते थे।

  • अष्टभुजाकार मकबरे दो या तीन मंजिला ऊँचे होते थे और उनके चारों ओर बरामदे होते थे, जो उन्हें लोदी शैली की वास्तुकला की एक पहचान बनाते थे।
  • ये अष्टकोणीय मकबरे बागों से घिरे हुए थे, जो लोदी स्थापत्य डिजाइन में फ़ारसी प्रभाव को दर्शाते हैं।
  •  अष्टकोणीय योजना का उपयोग अक्सर मकबरे के स्थापत्य में इस्लामी परंपराओं में संतुलन और अनंत काल का प्रतीक करने के लिए किया जाता था।
  • इस डिजाइन के प्रमुख उदाहरणों में सिकंदर लोदी और मोहम्मद शाह का मकबरा शामिल है, दोनों ही गुंबदों के साथ अष्टकोणीय कक्ष की विशेषता रखते हैं।
  • इस शैली ने पहले के तुगलक़ स्थापत्य से अधिक परिष्कृत मुग़ल स्थापत्य डिजाइनों में संक्रमण को चिह्नित किया।
    Other Information
  • लोदी वंश (1451-1526):
    •  लोदी मुगलों के आगमन से पहले दिल्ली सल्तनत का अंतिम वंश था।
    •  वे अफ़गान मूल के थे और उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान महत्वपूर्ण स्थापत्य नवाचारों को पेश किया।
    •  उनके स्थापत्य में मकबरे, मस्जिदें और बाग शामिल थे, जो इस्लामी और फ़ारसी शैलियों का मिश्रण थे।
  •  मकबरे के स्थापत्य का महत्व:
    • मकबरों को मृत शासकों का सम्मान करने और परलोक में उनकी आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
    •  समरूपता, गुंबदों और ज्यामितीय पैटर्न के उपयोग ने इस्लामी ब्रह्मांड विज्ञान और कलात्मकता को दर्शाया।
  • लोदी स्थापत्य पर फ़ारसी प्रभाव:
    • लोदियों ने अपने स्थापत्य डिजाइनों में चारबाग बाग और फ़ारसी रूपांकनों को अपनाया।
    •  मकबरों का अष्टकोणीय लेआउट संतुलन और सद्भाव के फ़ारसी सिद्धांतों से प्रेरित था।
  •  लोदी स्थापत्य शैली के प्रमुख उदाहरण:
    •  सिकंदर लोदी का मकबरा: लोदी गार्डन में स्थित, यह अष्टकोणीय मकबरे के स्थापत्य के बेहतरीन उदाहरणों में से एक है।
    • मोहम्मद शाह का मकबरा: एक और उल्लेखनीय अष्टकोणीय मकबरा जो बागों से घिरा हुआ है, जो फ़ारसी प्रभाव पर जोर देता है।

9. ...................दिल्ली सल्तनत के दौरान राज्य के लिए की गई सेवाओं के बदले प्रशासनिक अधिकारियों और रईसों को सुपुर्द एक क्षेत्रीय कार्य था। [C.P.O.S.i. (T-I) 11 नवंबर, 2022 (III-पाली)]

Correct Answer: (c) इक्ता (Iqta)
Solution:

इक्ता (Iqta) दिल्ली सल्तनत के दौरान एक प्रशासनिक और भू-राजस्व प्रणाली थी। इसमें राज्य के अधिकारियों (सैन्य कमांडरों और रईसों) को उनके वेतन के बदले एक निश्चित क्षेत्र (इक्ता) सौंपा जाता था।

  • इक्तादार या मुक्ति नामक अधिकारी उस क्षेत्र से भू-राजस्व वसूलते थे और उसे अपने व्यक्तिगत और सैन्य खर्चों के लिए रखते थे।
  • इस प्रणाली को इल्तुतमिश द्वारा संस्थागत रूप दिया गया था, जिसने अधिकारियों और सेना के रखरखाव को विकेंद्रीकृत किया।
  • इस प्रणाली के तहत सुल्तान अपने सैनिकों और अधिकारियों को भूमि का एक हिस्सा या क्षेत्र (जिसे इक्ता कहा जाता था) प्रदान करता था, जिससे वे उस क्षेत्र का कर वसूल कर सकें।
  • इक्तादार (भूमि प्राप्त अधिकारी) अपने क्षेत्र से राजस्व एकत्रित करते थे, जिसमें से वे अपनी सेवा और सैनिकों के खर्च निकालते थे, और शेष राशि राज्य के खजाने में जमा करते थे।
  • इक्ता प्रणाली प्रशासनिक एवं सैन्य संगठन का एक महत्वपूर्ण तरीका थी, जिससे सुल्तान अपने सामंतों और सैनिकों को प्रोत्साहित करता था, साथ ही व्यापक क्षेत्र का सुचारू संचालन सुनिश्चित करता था।
  • यह प्रणाली केंद्रीकरण के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन को नियमित करने में मददगार थी। दिल्ली सल्तनत में इक्ता प्रणाली की शुरुआत शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने की थी,
  • जिन्होंने इसे सैनिकों और अधिकारियों को भू-भाग आवंटित कर राजस्व वसूलने और सुरक्षा का कार्य सौंपने के लिए अपनाया था।
  • सारांश में: दिल्ली सल्तनत के दौरान सेवाओं के बदले प्रशासनिक अधिकारियों और रईसों को सुपुर्द किए गए क्षेत्र को "इक्ता" कहा जाता था, और इसे प्राप्त करने वाले अधिकारी "इक्तादार" थे।
  • यह प्रणाली सुल्तान की सैन्य और प्रशासनिक व्यवस्था का आधार थी, जो राजस्व वसूली और क्षेत्रीय नियंत्रण को सुनिश्चित करती थी

10. दिल्ली सल्तनत के अधीन, भारत में धनवान मुसलमानों पर एक धार्मिक कर ....... लगाया गया था। [MTS (T-I) 16 जून, 2023 (III-पाली]

Correct Answer: (a) जकात
Solution:

जकात (Zakat) दिल्ली सल्तनत के अधीन धनवान मुसलमानों पर लगाया जाने वाला एक धार्मिक कर था।

  • यह इस्लामी कानून के अनुसार अनिवार्य था और इसे मुख्य रूप से मुसलमानों के कल्याण (जैसे गरीबों और जरूरतमंदों को सहायता) पर खर्च किया जाता था।
  • इस्लामी कानून के पाँच स्तंभों में से एक होने के कारण, यह कर सिद्धांत रूप में स्वैच्छिक था, लेकिन शासकों द्वारा इसे एकत्रित किया जाता था।
  • जकात की दर आमतौर पर धन के 2.5% के आसपास होती थी।
  • दिल्ली सल्तनत के तहत, इसे भारत में अमीर और समृद्ध मुसलमानों पर लगाया गया था।
  •  ज़कात से प्राप्त आय का उपयोग गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के साथ-साथ अन्य इस्लामी कारणों का समर्थन करने के लिए किया जाता है।
    Other Information
    दिल्ली सल्तनत के अन्य कर हैं :-
  • खराज:
    •  यह सभी कृषि भूमि पर लगाया जाने वाला भूमि कर था, चाहे मालिक का धर्म कुछ भी हो।
    •  खराज की दर अलग-अलग थी, लेकिन यह सामान्यतः उपज का लगभग 50% थी।
  •  जजिया:
    •  यह सभी गैर-मुस्लिम वयस्क पुरुषों पर लगाया जाने वाला एक कर था।
    •  जजिया एक धार्मिक कर था, लेकिन यह सुल्तानों के लिए गैर-मुस्लिम आबादी पर अपना प्रभुत्व जताने का एक तरीका भी था।
  • खम्स:
    • यह युद्ध की लूट पर लगने वाला कर था।
    •  युद्ध से प्राप्त समस्त लूट का पाँचवाँ हिस्सा सुल्तान को दिया जाता था, जबकि शेष को अभियान में भाग लेने वाले सैनिकों के बीच बाँट दिया जाता था।