दिल्ली सल्तनत (भाग-I)

Total Questions: 50

21. निम्नलिखित में से किसने दिल्ली के सुल्तान बलबन के विरुद्ध विद्रोह किया और स्वयं को 1279 में बंगाल का स्वतंत्र शासक घोषित किया? [CGL (T-I) 27 जुलाई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (d) तुगरिल बेग
Solution:1279 ई. में बंगाल के सूबेदार तुगरिल बेग ने गयासुद्दीन बलबन के विरुद्ध विद्रोह कर दिया। उसने सुल्तान की उपाधि धारण की तथा अपने नाम का खुतबा पढ़‌वाया। इस विद्रोह को दबाने के लिए बलबन ने स्वयं सेना की कमान अपने हाथ में ली तथा विद्रोहियों को मृत्युदंड दिया। बलबन ने अपने पुत्र बुगरा खान को बंगाल का गवर्नर नियुक्त किया।

22. गियासुद्दीन बलबन ने ....... शिष्टाचार के एक भाग के रूप में राजा को अभिवादन के सामान्य रूपों के रूप में 'सिजदा' और 'पायबोस' के रीति-रिवाजों की शुरुआत की। [CHSL (T-I) 4 अगस्त, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) अदालत
Solution:गियासुद्दीन बलबन ने अपने अदालत (दरबार) में शिष्टाचार के एक भाग के रूप में सुल्तान के अभिवादन के लिए 'सिजदा' (भूमि पर लेटकर अभिवादन करना) और पायबोस या पैबोस (सुल्तान के चरणों को चूमना) प्रथा की शुरुआत की थी।

23. दिल्ली के निम्नलिखित सुल्तानों में से किस सुल्तान ने सिजदा और पैबोस की व्यवस्था शुरू की थी? [CGI. (T-I) 21 जुलाई, 2023 (II-पाली), CGL (T-I) 26 जुलाई, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (a) गयासुद्दीन बलबन
Solution:गियासुद्दीन बलबन ने अपने अदालत (दरबार) में शिष्टाचार के एक भाग के रूप में सुल्तान के अभिवादन के लिए 'सिजदा' (भूमि पर लेटकर अभिवादन करना) और पायबोस या पैबोस (सुल्तान के चरणों को चूमना) प्रथा की शुरुआत की थी।

24. कुतुब मीनार ....... आर्किटेक्चर का एक उदाहरण है। [CHSL (T-I) 21 मार्च, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (b) इंडो-इस्लामिक
Solution:कुतुब मीनार इंडो-इस्लामिक वास्तुकला का एक उदाहरण है। कुतुब मीनार के निर्माण का प्रारंभ कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू किया था। जिसको इल्तुतमिश ने पूरा करवाया था। फिरोज शाह तुगलक के शासनकाल में इसकी चौथी मंजिल को काफी हानि पहुंची थी, जिस पर फिरोज शाह तुगलक ने चौथी मंजिल के पुनर्निर्माण के साथ-साथ पांचवीं मंजिल का भी निर्माण करवाया था।

25. निम्नलिखित में से किस शहर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद स्थित है? [CHSL (T-I) 27 जुलाई, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (a) दिल्ली
Solution:कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद दिल्ली में स्थित है। इस मस्जिद का निर्माण मामलुक वंश के संस्थापक कुतुब-उद्-दीन ऐबक द्वारा करवाया गया था। कुतुब-उद्-दीन ऐबक को लाख बख्श (लाखों का दान देने वाला) की उपमा दी जाती है।

26. निम्नलिखित में से किसने कहा कि रजिया दिल्ली सल्तनत के सुल्तान के लिए अपने सभी माझ्यों से अधिक योग्य और निपुण थी? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 29 नवंबर, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) मिन्हाज-उस-सिराज
Solution:'मिन्हाज-उस-सिराज' के अनुसार, रजिया अपने सभी भाइयों की तुलना में अधिक सक्षम और योग्य थी। अतः सही उत्तरविकल्प (a) होगा।

27. निम्नलिखित में से कौन गुलाम वंश का संस्थापक था जो पहले मुहम्मद गोरी का सेनापति था? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 1 दिसंबर, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (d) कुतुबुद्दीन ऐबक
Solution:कुतुबुद्दीन ऐबक गुलाम वंश का संस्थापक था जो पहले मुहम्मद गोरी का सेनापति था। दास के रूप में अपना जीवन प्रारंभ करने वाले ऐबक ने अपनी प्रतिभा, लगन और ईमानदारी के बल पर शीघ्र ही ऐबक ने गोरी का विश्वास प्राप्त कर लिया। गोरी ने उसे 'मलिक' और 'सिपहसालार' की पदवी प्रदान की।

28. हरियाणा राज्य में रजिया सुल्तान का मकबरा किस निर्माण सामग्री से निर्मित है? [Phase-XI 28 जून, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (c) पकी हुई ईंटें
Solution:इल्तुतमिश की पुत्री रजिया सुल्तान गुलाम वंश की शासिका थी। वह दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाली पहली महिला शासिका थी। रजिया सुल्तान का मकबरा (कैथल, हरियाणा) पक्की ईंटों और चूने के गारे से निर्मित है। इस मकबरे के निर्माण के दौरान कब्र के पास एक मस्जिद और एक कुआं भी बनाया गया था।

29. निम्नलिखित में से खिलजी वंश के संस्थापक कौन थे? [MTS (T-I) 08 मई, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (d) जलालुद्दीन फिरोज खिलजी
Solution:खिलजी वंश की स्थापना जलालुद्दीन फिरोज खिलजी (1290 - 96 ई.) ने की थी। जलालुद्दीन खिलजी ने किलोखरी को अपनी राजधानी बनाई थी।

30. निम्नलिखित में से कौन अलाउद्दीन खिलजी का गुलाम सेनापति था, जिसने देवगिरि के रामचंद्र के खिलाफ लड़ाई में उसकी सेना का नेतृत्व किया था? [CGL (T-I) 17 जुलाई, 2023 (IV-पाली)]

Correct Answer: (a) मलिक काफूर
Solution:मलिक काफूर अलाउद्दीन का गुलाम सेनापति था। 1307 ई. में अलाउद्दीन ने मलिक काफूर के नेतृत्व में एक सेना देवगिरि पर आक्रमण के लिए भेजी। देवगिरि के शासक रामचंद्र देव ने थोड़े से प्रतिरोध के बाद आत्मसमर्पण कर दिया तथा रामचंद्र देव ने अपनी पुत्री का विवाह सुल्तान अलाउद्दीन के साथ कर दिया।