प्रकाश भाग-II

Total Questions: 50

21. ट्रैफिक सिग्नल में लाल प्रकाश प्रयुक्त होता है, क्योंकि- [U.P.P.C.S. (Mains) 2013]

Correct Answer: (a) इसकी तरंगों की दैर्ध्य (लंबाई) सर्वाधिक होती है।
Solution:लाल रंग का तरंगदैर्ध्य सबसे अधिक होता है, जबकि बैंगनी रंग का तरंगदैर्ध्य सबसे कम होता है। चूंकि प्रकीर्णन तरंगदैर्ध्य के व्युत्क्रमानुपाती होता है, अतः लाल रंग सबसे कम प्रकीर्णित होता है और यह दूर से सर्वाधिक स्पष्ट दिखाई देता है। इसी कारण ट्रैफिक सिग्नल में लाल प्रकाश प्रयुक्त होता है।

22. कथन (A) : खतरे का सिग्नल लाल रंग का बनाया जाता है। [U.P.P.C.S. (Pre) 2007]

कारण (R) : लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है।

सही उत्तर का चयन नीचे दिए गए कूट की सहायता से कीजिएः

कूट :

Correct Answer: (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
Solution:खतरे का सिग्नल लाल रंग का बनाए जाने का सर्वप्रमुख कारण यह है कि लाल रंग सबसे कम प्रकीर्णित होता है तथा यह दूर से सर्वाधिक स्पष्ट दिखाई देता है। वायु कणों में कम विकिरित होने वाला लाल रंग व्यक्ति तक अधिक मात्रा में पहुंचता है और दिखाई पड़ता है तथा उद्देश्य की पूर्ति करता है। नीले रंग का प्रकीर्णन सबसे ज्यादा होता है। सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय जब सूर्य किरणें सर्वाधिक दूरी तय करती हैं तब प्रकाश का सबसे अधिक लाल रंग हमारे पास तक पहुंचता है, शेष रंगों का मार्ग में प्रकीर्णन हो जाता है और इसी कारण हमें सूर्य लाल दिखता है। आकाश का रंग नीला होने का कारण भी इसी में निहित है। सूर्य से दूर हम सूर्य का प्रकाश नहीं बल्कि प्रकीर्णित रंगों को देखते हैं। चूंकि बैंगनी और तत्पश्चात जामुनी एवं नीले रंग (लघु तरंगदैर्ध्य के कारण) का प्रकीर्णन सर्वाधिक होता है, इसीलिए आकाश हमें नीला दिखाई पड़ता है।

23. खतरे के संकेतों के लिए लाल प्रकाश का प्रयोग किया जाता है, क्योंकि- [U.P.P.C.S. (Mains) 2011, U.P. P.C.S. (Pre) 1995, U.P.P.C.S. (Mains) 2005, U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (a) इसका प्रकीर्णन सबसे कम होता है।
Solution:खतरे का सिग्नल लाल रंग का बनाए जाने का सर्वप्रमुख कारण यह है कि लाल रंग सबसे कम प्रकीर्णित होता है तथा यह दूर से सर्वाधिक स्पष्ट दिखाई देता है। वायु कणों में कम विकिरित होने वाला लाल रंग व्यक्ति तक अधिक मात्रा में पहुंचता है और दिखाई पड़ता है तथा उद्देश्य की पूर्ति करता है। नीले रंग का प्रकीर्णन सबसे ज्यादा होता है। सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय जब सूर्य किरणें सर्वाधिक दूरी तय करती हैं तब प्रकाश का सबसे अधिक लाल रंग हमारे पास तक पहुंचता है, शेष रंगों का मार्ग में प्रकीर्णन हो जाता है और इसी कारण हमें सूर्य लाल दिखता है। आकाश का रंग नीला होने का कारण भी इसी में निहित है। सूर्य से दूर हम सूर्य का प्रकाश नहीं बल्कि प्रकीर्णित रंगों को देखते हैं। चूंकि बैंगनी और तत्पश्चात जामुनी एवं नीले रंग (लघु तरंगदैर्ध्य के कारण) का प्रकीर्णन सर्वाधिक होता है, इसीलिए आकाश हमें नीला दिखाई पड़ता है।

24. आकाश नीला दिखाई पड़ता है, क्योंकि- [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013]

Correct Answer: (a) नीले प्रकाश का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है।
Solution:आकाश का नीला रंग रेले के प्रकीर्णन (Rayleigh scattering) के कारण होता है। रेले के नियम के अनुसार, प्रकाश का प्रकीर्णन उसकी तरंगदैर्ध्य की चौथी घात के व्युत्क्रमानुपाती होता है ()। इसका अर्थ है कि छोटी तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश (जैसे नीला और बैंगनी) का प्रकीर्णन लंबी तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश (जैसे लाल) की तुलना में बहुत अधिक होता है। जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से गुजरता है, तो वायुमंडल में मौजूद छोटे कण नीले और बैंगनी प्रकाश को अन्य रंगों की तुलना में अधिक बिखेरते हैं, और चूंकि हमारी आंखें नीले रंग के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं, इसलिए आकाश नीला दिखाई देता है।

25. आकाश नीला लगता है, क्योंकि- [39th B.P.S.C. (Pre) 1994, Uttaranchal P.C.S. (Pre) 2005, U.P. Lower Sub. (Pre) 1998]

Correct Answer: (b) लघु तरंग दीर्घतरंगों की अपेक्षा वायुमंडल द्वारा अधिक प्रकीर्ण होती हैं।
Solution:आकाश का नीला रंग रेले के प्रकीर्णन (Rayleigh scattering) के कारण होता है। रेले के नियम के अनुसार, प्रकाश का प्रकीर्णन उसकी तरंगदैर्ध्य की चौथी घात के व्युत्क्रमानुपाती होता है ()। इसका अर्थ है कि छोटी तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश (जैसे नीला और बैंगनी) का प्रकीर्णन लंबी तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश (जैसे लाल) की तुलना में बहुत अधिक होता है। जब सूर्य का प्रकाश वायुमंडल से गुजरता है, तो वायुमंडल में मौजूद छोटे कण नीले और बैंगनी प्रकाश को अन्य रंगों की तुलना में अधिक बिखेरते हैं, और चूंकि हमारी आंखें नीले रंग के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं, इसलिए आकाश नीला दिखाई देता है।

26. आकाश का नीला रंग इस कारण होता है- [U.P.P.C.S. (Pre) (Re. Exam) 2015]

Correct Answer: (a) प्रकाश का प्रकीर्णन
Solution:खतरे का सिग्नल लाल रंग का बनाए जाने का सर्वप्रमुख कारण यह है कि लाल रंग सबसे कम प्रकीर्णित होता है तथा यह दूर से सर्वाधिक स्पष्ट दिखाई देता है। वायु कणों में कम विकिरित होने वाला लाल रंग व्यक्ति तक अधिक मात्रा में पहुंचता है और दिखाई पड़ता है तथा उद्देश्य की पूर्ति करता है। नीले रंग का प्रकीर्णन सबसे ज्यादा होता है। सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय जब सूर्य किरणें सर्वाधिक दूरी तय करती हैं तब प्रकाश का सबसे अधिक लाल रंग हमारे पास तक पहुंचता है, शेष रंगों का मार्ग में प्रकीर्णन हो जाता है और इसी कारण हमें सूर्य लाल दिखता है। आकाश का रंग नीला होने का कारण भी इसी में निहित है। सूर्य से दूर हम सूर्य का प्रकाश नहीं बल्कि प्रकीर्णित रंगों को देखते हैं। चूंकि बैंगनी और तत्पश्चात जामुनी एवं नीले रंग (लघु तरंगदैर्ध्य के कारण) का प्रकीर्णन सर्वाधिक होता है, इसीलिए आकाश हमें नीला दिखाई पड़ता है।

27. आकाश नीला दिखाई देता है, प्रकाश के- [U.P.P.C.S. (Mains) 2011]

Correct Answer: (d) प्रकीर्णन के कारण
Solution:खतरे का सिग्नल लाल रंग का बनाए जाने का सर्वप्रमुख कारण यह है कि लाल रंग सबसे कम प्रकीर्णित होता है तथा यह दूर से सर्वाधिक स्पष्ट दिखाई देता है। वायु कणों में कम विकिरित होने वाला लाल रंग व्यक्ति तक अधिक मात्रा में पहुंचता है और दिखाई पड़ता है तथा उद्देश्य की पूर्ति करता है। नीले रंग का प्रकीर्णन सबसे ज्यादा होता है। सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय जब सूर्य किरणें सर्वाधिक दूरी तय करती हैं तब प्रकाश का सबसे अधिक लाल रंग हमारे पास तक पहुंचता है, शेष रंगों का मार्ग में प्रकीर्णन हो जाता है और इसी कारण हमें सूर्य लाल दिखता है। आकाश का रंग नीला होने का कारण भी इसी में निहित है। सूर्य से दूर हम सूर्य का प्रकाश नहीं बल्कि प्रकीर्णित रंगों को देखते हैं। चूंकि बैंगनी और तत्पश्चात जामुनी एवं नीले रंग (लघु तरंगदैर्ध्य के कारण) का प्रकीर्णन सर्वाधिक होता है, इसीलिए आकाश हमें नीला दिखाई पड़ता है।

28. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [Uttaranchal U.D.A./L.D.A. (Pre) 2003]

1. आकाश के नीला दिखने का कारण प्रकाश का प्रकीर्णन

2. इंद्रधनुप के सात रंगों का कारण है प्रकाश का प्रकीर्णन

3. सूर्योदय के समय सूर्य लाल दिखने का कारण है प्रकाश का प्रकीर्णन

उपर्युक्त कथनों में से-

 

Correct Answer: (b) 1 तथा 3 सही हैं।
Solution:चूंकि प्रकीर्णन तरंगदैर्ध्य के व्युत्क्रमानुपाती होता है और बैंगनी एवं नीले रंग का तरंगदैर्ध्य कम होता है, अतः उनका प्रकीर्णन अधिक होगा। इसी कारण आकाश नीला दिखाई पड़ता है। सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय किरणों को वायुमंडल में अधिक दूरी पार करनी पड़ती है। इसके कारण प्रकाश की छोटी तरंगों का प्रकीर्णन हो जाता है। केवल लाल रंग ही न्यूनतम प्रकीर्णन के कारण आगे बढ़ता है। इसी कारण सूर्यास्त एवं सूर्योदय के समय सूर्य का रंग लाल दिखाई पड़ता है। वर्षा के बाद बादलों में पानी की छोटी-छोटी बूंदें रह जाती हैं, जो प्रिज्म की भांति व्यवहार करती हैं, जिनसे प्रकाश विक्षेपित होकर रंगों की एक पट्टी बनाता है, जिसे इंद्रधनुष कहते हैं।

29. सूर्यास्त तथा सूर्योदय के समय सूर्य के लाल रंग का प्रतीत होने का कारण है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2013, U.P. P.C.S. (Pre) 1992]

Correct Answer: (a) प्रकाश का प्रकीर्णन
Solution:चूंकि प्रकीर्णन तरंगदैर्ध्य के व्युत्क्रमानुपाती होता है और बैंगनी एवं नीले रंग का तरंगदैर्ध्य कम होता है, अतः उनका प्रकीर्णन अधिक होगा। इसी कारण आकाश नीला दिखाई पड़ता है। सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय किरणों को वायुमंडल में अधिक दूरी पार करनी पड़ती है। इसके कारण प्रकाश की छोटी तरंगों का प्रकीर्णन हो जाता है। केवल लाल रंग ही न्यूनतम प्रकीर्णन के कारण आगे बढ़ता है। इसी कारण सूर्यास्त एवं सूर्योदय के समय सूर्य का रंग लाल दिखाई पड़ता है।

30. अंतरिक्ष यात्री को आकाश का रंग दिखाई देता है- [U.P.P.C.S.(Mains) 2005]

Correct Answer: (c) काला
Solution:सूर्य का श्वेत प्रकाश सात रंगों का मिश्रण है, जो इस प्रकार हैं- बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल। बैंगनी प्रकाश का तरंगदैर्ध्य सबसे कम होता है, जबकि लाल का सबसे अधिक। जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो वह पृथ्वी के वायुमंडल में स्थित गैस के अणुओं, धूल कणों, पराग कणों आदि से टकराता है। जब प्रकाश किसी कण से टकराता है, तो या तो वह उस कण के आर-पार निकल जाता है अथवा उसके द्वारा परावर्तित या छितरा दिया जाता है। सूर्य के प्रकाश का लाल अंश तो बिना अधिक प्रकीर्ण हुए पृथ्वी पर पहुंच जाता है पर बैंगनी, जामुनी एवं नीला प्रकाश हवा में मौजूद अणुओं आदि से प्रकीर्णित कर दिया जाता है। हवा के कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के परिणामस्वरूप आकाश हमें नीला दिखाई देता है। अंतरिक्ष में कोई वायुमंडल नहीं होता है। वायुमंडल की अनुपस्थिति में प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता है। चूंकि प्रकाश बिखरता नहीं है, इसलिए अंतरिक्ष यात्री को आकाश काला दिखाई देता है, न कि नीला।