प्रकाश भाग-II

Total Questions: 50

31. जब अधिक ऊंचाई पर वायुयान से आकाश को देखा जाता है, तो वह दिखता है- [U.P.P.S.C. (R.I.) 2014]

Correct Answer: (b) काला
Solution:सूर्य का श्वेत प्रकाश सात रंगों का मिश्रण है, जो इस प्रकार हैं- बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल। बैंगनी प्रकाश का तरंगदैर्ध्य सबसे कम होता है, जबकि लाल का सबसे अधिक। जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो वह पृथ्वी के वायुमंडल में स्थित गैस के अणुओं, धूल कणों, पराग कणों आदि से टकराता है। जब प्रकाश किसी कण से टकराता है, तो या तो वह उस कण के आर-पार निकल जाता है अथवा उसके द्वारा परावर्तित या छितरा दिया जाता है। सूर्य के प्रकाश का लाल अंश तो बिना अधिक प्रकीर्ण हुए पृथ्वी पर पहुंच जाता है पर बैंगनी, जामुनी एवं नीला प्रकाश हवा में मौजूद अणुओं आदि से प्रकीर्णित कर दिया जाता है। हवा के कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के परिणामस्वरूप आकाश हमें नीला दिखाई देता है।

अधिक ऊँचाई पर (जैसे वायुयान में या अंतरिक्ष में) वायुमंडल नहीं होता है। वायुमंडल की अनुपस्थिति में प्रकाश का प्रकीर्णन नहीं होता है। चूंकि प्रकाश बिखरता नहीं है, इसलिए जब अधिक ऊंचाई पर वायुयान से आकाश को देखा जाता है, तो वह यात्री को आकाश काला दिखाई देता है, न कि नीला।

32. समुद्र नीला प्रतीत होता है- [40th B.P.S.C. (Pre) 1995]

Correct Answer: (b) आकाश के परावर्तन तथा जल के कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण
Solution:

समुद्र का नीला रंग दो मुख्य कारणों से दिखाई देता है:

  1. आकाश का परावर्तन: स्वच्छ आकाश का नीला रंग समुद्र की सतह पर परावर्तित होता है।
  2. जल के कणों द्वारा प्रकाश का प्रकीर्णन: समुद्र के पानी में प्रकाश के प्रवेश करने पर, पानी के अणु और उसमें मौजूद निलंबित सूक्ष्म कण सूर्य के प्रकाश में मौजूद नीले रंग को अन्य रंगों की तुलना में अधिक बिखेरते (प्रकीर्णित) करते हैं। लाल, पीले और हरे रंग जैसी लंबी तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश को पानी अधिक अवशोषित कर लेता है, जबकि नीले रंग का प्रकाश प्रकीर्णित होकर हमारी आँखों तक पहुँचता है

33. हमें (हरी) घास का रंग हरा दिखाई देता है, क्योंकि- [U.P.P.C.S. (Mains) 2017]

Correct Answer: (a) यह हरे रंग के प्रकाश को हमारी आंखों पर परावर्तित करती है।
Solution:हरी घास की पत्तियों पर पड़ने वाले प्रकाश से पत्तियों में उपस्थित प्रकाश-संश्लेषी वर्णक (क्लोरोफिल ) मुख्यतः लाल, बैंगनी, नीला और नारंगी प्रकाश को अवशोषित करते हैं तथा हरे रंग के प्रकाश को परावर्तित करते हैं। इसी से पत्तियां हरे रंग की दिखाई देती हैं।

34. जब दिन में पानी पर साबुन की फिल्म दिखाई देती है, तो यह सुंदर रंग दिखाती है। इस घटना का कारण है? [67th B.P.S.C. (Pre) 2022]

Correct Answer: (d) प्रकाश का व्यतिकरण
Solution:साबुन की फिल्म पर दिखाई देने वाले सुंदर रंग प्रकाश के व्यतिकरण (Interference) की घटना के कारण होते हैं। साबुन की फिल्म बहुत पतली होती है और इसकी दो सतहें होती हैं - एक बाहरी और एक आंतरिक। जब प्रकाश फिल्म पर पड़ता है, तो दोनों सतहों से परावर्तन होता है। ये परावर्तित किरणें एक-दूसरे के साथ व्यतिकरण करती हैं। फिल्म की मोटाई के आधार पर, कुछ रंगों के लिए रचनात्मक व्यतिकरण (constructive interference) होता है (जिससे वे रंग दिखाई देते हैं) और कुछ के लिए विनाशात्मक व्यतिकरण (destructive interference) होता है (जिससे वे रंग गायब हो जाते हैं)। फिल्म की मोटाई में मामूली बदलाव के कारण अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग रंग दिखाई देते हैं, जिससे एक इंद्रधनुषी प्रभाव उत्पन्न होता है।

प्रकाश के व्यतिकरण (Interference of light) का एक उदाहरण जल पर तैरते तेल की परत से प्रकाश का परावर्तित होना है।

एक अन्य उदाहरण कृत्रिम या प्राकृतिक प्रकाश स्रोतों से प्रकाशित होने के बाद साबुन के बुलबुले (Soap bubble) की एक पतली परत द्वारा सुंदर रंगों के एक वर्ण-क्रम (Spectrum) को परावर्तित करना है।

35. मान लीजिए पृथ्वी से पश्चगामी हो रहे एक रॉकेट यान की चाल प्रकाश के वेग की 2/10 है। रॉकेट यान में स्थित यात्रियों को जो प्रकाश नीला दिखाई दे रहा है, वह पृथ्वी पर स्थित प्रेक्षकों को किस रंग का दिखाई देगा? [I.A.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (c) पीला
Solution:पृथ्वी पर स्थित प्रेक्षक को दिखने वाले प्रकाश के रंग को ज्ञात करने हेतु निम्न सूत्र की सहायता लेंगे-

v = 1{(λ-λο)/λ)}C

जहां λ = मूल तरंगदैर्ध्य

λο = आभासी तरंगदैर्ध्य

C = प्रकाश का वेग

v = रॉकेट का वेग चूंकि रॉकेट पृथ्वी से पश्चगामी हो रहा है, अतः '+' चिह्न लिया जाएगा।

2/10 × C = {(λ-λο)/λ)}C

⇒2/10 = [(λ-λο)/λ)]

⇒2/10 = 1 - λο/λ

⇒λο/λ=1 -2/10

⇒λο/λ=8/10

⇒λ=10/8λο=1.25λο

चूंकि नीले प्रकाश की तरंगदैर्ध्य का मान 450 nm से 475 nm तक होता है। अतः पृथ्वी पर स्थिक प्रेक्षक को दिखने वाले प्रकाश की तरंगदैर्ध्य की रेंज 562.5 nm से 593.75 nm तक होगी, जो कि पीला प्रकाश होगा।

36. किसी उत्तल दर्पण द्वारा अनंत तथा दर्पण के ध्रुव P के बीच रखे बिंब के प्रतिबिंब की प्रकृति क्या होगी? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (a) आभासी तथा सीधा
Solution:उत्तल दर्पण (Convex mirror) से प्रत्येक दशा में प्रतिबिंब दर्पण के पीछे उसके ध्रुव (Pole) व फोकस के बीच, वस्तु से छोटा, सीधा एवं आभासी बनता है।

37. कार में पीछे के यातायात के दृश्यावलोकन के लिए किस प्रकार के शीशे का प्रयोग होता है- [U.P. P.C.S. (Pre) 1991, Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (c) उत्तल दर्पण
Solution:उत्तल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब आभासी, सीधे एवं वस्तु से छोटे बनते हैं। इसके द्वारा काफी बड़े क्षेत्र की वस्तुओं का प्रतिबिंब एक छोटे से क्षेत्र में बन जाता है। इस प्रकार उत्तल दर्पण का दृष्टि क्षेत्र (field view) अधिक होता है। इसलिए इसे मोटर वाहनों तथा बसों में चालक के बगल में पीछे के ट्रैफिक के दृश्यावलोकन के लिए लगाया जाता है।

38. कार के पीछे आने वाले यातायात को देखने के लिए निम्नलिखित प्रकार के दर्पणों में से किसका उपयोग होता है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2015]

Correct Answer: (a) उत्तल दर्पण का
Solution:उत्तल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब आभासी, सीधे एवं वस्तु से छोटे बनते हैं। इसके द्वारा काफी बड़े क्षेत्र की वस्तुओं का प्रतिबिंब एक छोटे से क्षेत्र में बन जाता है। इस प्रकार उत्तल दर्पण का दृष्टि क्षेत्र (field view) अधिक होता है। इसलिए इसे मोटर वाहनों तथा बसों में चालक के बगल में पीछे के ट्रैफिक के दृश्यावलोकन के लिए लगाया जाता है।

39. वाहनों में पृष्ठ दृष्टि दर्पण के रूप में किस दर्पण को प्रयोग में लाया जाता है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2011, U.P.P.C.S. (Mains) 2010]

Correct Answer: (b) उत्तल
Solution:उत्तल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब आभासी, सीधे एवं वस्तु से छोटे बनते हैं। इसके द्वारा काफी बड़े क्षेत्र की वस्तुओं का प्रतिबिंब एक छोटे से क्षेत्र में बन जाता है। इस प्रकार उत्तल दर्पण का दृष्टि क्षेत्र (field view) अधिक होता है। इसलिए इसे मोटर वाहनों तथा बसों में चालक के बगल में पीछे के ट्रैफिक के दृश्यावलोकन के लिए लगाया जाता है।

40. दर्पण के सामने खड़े एक व्यक्ति को अपना प्रतिबिंब अपने से बड़ा लगता है। इसका तात्पर्य है कि दर्पण का प्रकार है - [67th B.P.S.C. (Pre) 2022]

Correct Answer: (a) अवतल
Solution:वह गोलीय दर्पण जिसका परावर्तक पृष्ठ अंदर की ओर; अर्थात गोले के केंद्र की ओर वक्रित है, वह अवतल दर्पण (Concave mirror) कहलाता है। अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब आकार में बिंब से छोटा या बड़ा हो सकता है। प्रतिबिंब वास्तविक अथवा आभासी भी हो सकता है। उत्तल दर्पण (Convex mirror) में वस्तु की प्रत्येक स्थिति के लिए प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा वस्तु से छोटा बनता है। इसलिए, यदि प्रतिबिंब अपने से बड़ा लगता है, तो दर्पण निश्चित रूप से अवतल दर्पण है।