प्राचीन भारतीय इतिहास के स्त्रोत

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1. मानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयुक्त अनाज था-

Correct Answer: (a) जौ व गेहूं
Solution:उत्तर-पश्चिम की सुलेमान और किरथर पहाड़ी क्षेत्रों में लगभग 8000 ई.पू. लोगों ने सबसे पहले जौ तथा गेहूं जैसी फसलों को उपजाना प्रारंभ कर दिया था।

2. भारत में लोहे का प्रयोग कब से आरंभ हुआ?

Correct Answer: (c) लगभग 1000 ई.पू. से
Solution:भारत में लौह धातु का प्रयोग उत्तर वैदिक काल में लगभग 1000 ई.पू. से आरंभ हुआ, लौह प्रयोग के साक्ष्य एटा जिले के अतरंजीखेड़ा में प्राप्त हुए हैं। वैश्विक के सन्दर्भ में लौह युग लगभग 1300 ई. पू. में आरंभ हुआ था।

नवीनतम उत्खनन में प्राप्त साक्ष्यों के अनुसार तमिलनाडु के कृष्णागिरि के निकट मायिलादुम्पराई से प्राप्त लोहे के साक्ष्य 2172 ई.पू. के हैं।

3. निम्नलिखित में से किस काल के अंतर्गत कब्र के ऊपर एक घेरे में बड़े-बड़े पत्थरों को खड़ा किया जाता था?

Correct Answer: (d) महापाषाण काल
Solution:दक्षिण भारत के कुछ लोग मृत व्यक्ति के शव के साथ औजार, हथियार, मिट्टी के बरतन आदि चीजें भी कब्र में गाड़ते थे और इसके ऊपर एक घेरे में बड़े-बड़े पत्थर खड़े कर दिये जाते थे। ऐसे स्मारकों को महापाषाण (मेगालिथ) कहते हैं, हालांकि सभी महापाषाण इस श्रेणी में नहीं आते हैं।

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- कथन (1) अनुलंब उत्खनन के अंतर्गत खड़ी लंबवत् खुदाई होती है।

कथन (2) क्षैतिज उत्खनन के अंतर्गत एक वृहत भाग की खुदाई करते हैं, जो एक खर्चीली पद्धति है।

उपर्युक्त उत्खनन विधियों में से कौन सा कथन सत्य हैं/है?

Correct Answer: (c) (1) व (2) दोनों
Solution:उत्खनन के दौरान टीलों की खुदाई की 2-विधियां हैं प्रथम, अनुलंब उत्खनन विधि द्वितीय क्षैतिज उत्खनन विधि अतः विकल्प

(c) सत्य है।

5. सिक्कों के अध्ययन को कहा जाता है?

Correct Answer: (c) मुद्राशास्त्र
Solution:सिक्कों के अध्ययन को मुद्राशास्त्र (न्यूमिस्मेटिक्स) कहते हैं। मुद्राशास्त्र के कई उपक्षेत्र हैं-

● नोटफिली कागजी मुद्रा का अध्ययन,

● एक्जोनुमिया- मुद्रा के स्थान पर प्रचलित धातु की वस्तुओं का अध्ययन, स्क्रिपोफिली - प्रतिभूतियों का अध्ययन।

6. निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए-

List-IList-II
(A) विक्रम संवत(1) 78 ई.
(B) शक संवत(2) 57 ई.पू.
(C) गुप्त संवत(3) 319 ई.
(D) राष्ट्रीय कैलेंडर(4) 22 मार्च, 1957
            A         B       C         D
(a)1234
(b)2134
(c)2143
(d)1324
Correct Answer: (b)
Solution:सही सुमेलन इस प्रकार है- विक्रम संवत 57 ई.पू. शक-संवत - 78 ई. गुप्त संवत - 319 ई. तथा राष्ट्रीय कैलेंडर 22 मार्च, 1957 को अपनाया गया था, जो कि शक संवत पर आधारित है।

7. निम्नलिखित में से कौन-से कथन भारतीय-यूनानी सिक्कों के संदर्भ में सत्य हैं-

कथन (1) हिंद-यवन (भारतीय-यूनानी) सिक्के चांदी, तांबे व कभी-कभी सोने के भी पाए गए हैं।

कथन (2) सिक्कों के मुख्य भाग पर राजा की तस्वीर तथा

पृष्ठ भाग पर देवता की मूर्ति अंकित होती है।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

Correct Answer: (c) (1) और (2) दोनों
Solution:भारतीय-यूनानी सिक्के चांदी, तांबे व कहीं-कहीं सोने की धातु के पाए गये हैं, जिन पर सुंदर कलात्मक आकृतियां देखने को मिलती हैं। सिक्कों के मुख्य भाग पर राजा की तस्वीर अथवा उसकी आवध आकृति तथा पृष्ठ भाग पर किसी देवता की मूर्ति अंकित होती है। अतः विकल्प (c) सही है।

8. निम्नलिखित में से किस राजा ने अपना उल्लेख सिक्कों पर शिव भक्त के रूप में कराया है?

Correct Answer: (a) विम कैडफिसस
Solution:

विम कैडफिसस के सिक्कों पर बैल के पार्श्व में खड़े शिव की आकृति अंकित है। इन सिक्कों पर अंकित लेख में राजा ने अपना उल्लेख महेश्वर अर्थात् शिव के भक्त के रूप में किया है।

9. सिक्कों के टंकण के मामले में गुप्त वंश के राजाओं ने किस वंश के राजाओं की परंपरा का अनुसरण किया है।

Correct Answer: (b) कुषाण वंश
Solution:

गुप्त सम्राटों ने अधिकतर सोने और चांदी के सिक्के जारी किए थे, जिनमें सोने के सिक्कों की अधिकता पायी जाती है। ऐसा प्रतीत होता है कि सिक्कों के टंकण के मामले में गुप्त वंश के राजाओं ने कुषाणों की परंपरा का अनुसरण किया।

10. गुप्तकालीन सिक्कों के मुख्य भाग पर राजाओं को दिखाया गया है-

(1) सिंह अथवा गैंडे का शिकार करते हुए,

(2) धनुष अथवा परशु पकड़े हुए तथा

(3) अश्वमेघ यज्ञ करते हुए

नीचे दिए गए कूटों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:गुप्तकालीन सम्राटों ने सिक्कों का पूरी तरह से भारतीय करण कर दिया। इन पर सिंह अथवा गैंडे का शिकार करते हुए चित्र अथवा धनुष या परशु पकड़े हुए या फिर कोई वाद्ययंत्र बजाते हुए अथवा अश्वमेघ यज्ञ करते हुए सम्राटों को दर्शाया गया है।