बौद्ध धर्म (UPPCS)

Total Questions: 50

11. महात्मा बुद्ध का महापरिनिर्वाण किसके गणतंत्र में हुआ था? [U.P.P.C.S. (Mains) 2005]

Correct Answer: (a) मल्लों के
Solution:बौद्ध धर्म का प्रचार करते हुए महात्मा बुद्ध मल्लों की राजधानी पावा पहुंचे, जहां वे चुंद नामक लुहार की आम्रवाटिका में ठहरे। उसने बुद्ध को सूकरमद्दव खाने को दिया, इससे उन्हें 'रक्तातिसार' हो गया और भयानक पीड़ा उत्पन्न हुई। इस वेदना के बाद भी वे कुशीनारा (मल्ल गणराज्य की राजधानी) पहुंचे। यहीं 483 ई.पू. में 80 वर्ष की अवस्था में उन्होंने शरीर त्याग दिया। बौद्ध ग्रंथों में इसे 'महापरिनिर्वाण' कहा जाता है।

12. गौतम बुद्ध ने किस स्थान पर निर्वाण प्राप्त किया? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011 & M.P.P.C.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (a) कुशीनारा
Solution:बौद्ध धर्म में सांसारिक दुःखों से मुक्ति या दुःख निरोध को ही निर्वाण माना गया है। बुद्ध को सांसारिक दुःखों से मुक्ति यानी कि निर्वाण ज्ञान प्राप्ति के समय प्राप्त हुआ, जो कि बोधगया में प्राप्त हुआ था, जबकि मल्लों की राजधानी कुशीनारा में महात्मा बुद्ध ने अपना शरीर त्याग दिया था। इसे बौद्ध ग्रंथों में 'महापरिनिर्वाण' कहा गया है। अतः इसका निकटतम उत्तर विकल्प (a) होगा।

13. महापरिनिर्वाण मंदिर अवस्थित है- [U.P. Lower Sub. (Mains) 2015]

Correct Answer: (a) कुशीनगर में
Solution:परिनिर्वाण स्तूप या 'महापरिनिर्वाण मंदिर' उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में स्थित है। मंदिर में स्थापित भगवान बुद्ध की मूर्ति 1876-77 ई. में उत्खनन के द्वारा प्राप्त की गई थी। 'महापरिनिर्वाण मंदिर' विश्व में बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है।

14. निम्नलिखित राज्यों में से किनका संबंध बुद्ध के जीवन से था? [I.A.S. (Pre) 2014 & I.A.S. (Pre) 2015]

1. अवंति

2. गांधार

3. कोसल

4. मगध

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

 

Correct Answer: (c) केवल 3 और 4
Solution:विकल्प में दिए गए महाजनपदों में से कोसल एवं मगध महाजनपदों का संबंध बुद्ध के जीवन से था। गौतम बुद्ध ने अपनी शिक्षा के प्रचार-प्रसार हेतु मगध एवं कोसल दोनों राज्यों में भ्रमण किया था।

15. गौतम बुद्ध द्वारा अपने धर्म में दीक्षित किया जाने वाला अंतिम व्यक्ति निम्नलिखित में से कौन था? [U.P. P.C.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (d) सुभद्द
Solution:अपने जीवन के अंतिम वर्ष में गौतम बुद्ध अपने शिष्य चुंद के यहां पावा पहुंचे। यहां सूकरमद्दव भोज्य सामग्री खाने से वे अतिसार रोग से पीड़ित हो गए। फिर वे पावा से कुशीनगर चले गए और यहीं पर सुभद्द को उन्होंने अपना अंतिम उपदेश दिया।

16. बुद्ध द्वारा रूपांतरित निम्न व्यक्तियों में से कौन-सा अंतिम था ? [U.P.R.O/A.R.O. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) सुभद्द
Solution:अपने जीवन के अंतिम वर्ष में गौतम बुद्ध अपने शिष्य चुंद के यहां पावा पहुंचे। यहां सूकरमद्दव भोज्य सामग्री खाने से वे अतिसार रोग से पीड़ित हो गए। फिर वे पावा से कुशीनगर चले गए और यहीं पर सुभद्द को उन्होंने अपना अंतिम उपदेश दिया।

17. बुद्ध ने अपने जीवन की अंतिम वर्षा ऋतु कहां बिताई थी? [U.P.P.C.S. (Mains) 2015]

Correct Answer: (b) वैशाली में
Solution:महापरिनिब्बान सूक्त से उनके जीवन के विविध आयामों एवं काल का निर्धारण किया जाता है, जिसके अनुसार, बुद्ध ने अपने जीवन की अंतिम वर्षा ऋतु वैशाली में बिताई थी।

18. निम्नलिखित में से कौन-सा एक बौद्ध मत में निर्वाण की अवधारणा की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या करता है? [I.A.S. (Pre) 2013]

Correct Answer: (a) तृष्णारूपी अग्नि का शमन
Solution:बुद्ध ने निर्वाण को मन की उस परम शांति के रूप में वर्णित किया है, जो तृष्णा, क्रोध और दूसरी विषादकारी मनःस्थितियों से परे है। यह शांति तभी प्राप्त होती है, जब सभी वर्तमान इच्छाओं के कारण समाप्त हो जाएं और भविष्य में पैदा हो सकने वाली इच्छाओं का जड़ से नाश हो जाए। निर्वाण में तृष्णा और द्वेष के कारण जड़ से समाप्त हो जाते हैं, जिससे मनुष्य सभी प्रकार के कष्टों (दुःख) या संसार में पुनर्जन्म के चक्र से छूट जाता है। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

19. बोधगया में किसे ज्ञान-प्राप्ति हुई थी? [67th B.P.S.C. (Pre) 2022]

Correct Answer: (b) गौतम बुद्ध
Solution:बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध को ज्ञान-प्राप्ति बोधगया में हुई थी। यहां छः वर्षों की कठिन साधना के बाद 35 की अवस्था में वैशाख पूर्णिमा की रात्रि को एक पीपल के वृक्ष के नीचे इन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

20. आलार कालाम कौन थे? [U.P.P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (d) बुद्ध के एक गुरु
Solution:महाभिनिष्क्रमण के बाद ज्ञान की खोज में महात्मा बुद्ध, आलार कालाम के आश्रम में पहुंचे तथा उनसे दीक्षा ली। आलार कालाम के आश्रम में उन्होंने तपस्या की; किंतु वे इससे संतुष्ट नहीं हुए। आलार कालाम सांख्य दर्शन के आचार्य थे तथा अपनी साधना शक्ति के लिए विख्यात थे।