बौद्ध धर्म (UPPCS)

Total Questions: 50

31. प्रथम बौद्ध परिषद का संचालन निम्नलिखित में से किस एक ने किया? [U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]

Correct Answer: (b) महाकस्सप
Solution:प्रथम बौद्ध संगीति (प्रथम बौद्ध परिषद) बुद्ध की मृत्यु के तत्काल बाद राजगृह (राजगीर) की सप्तपर्णि गुफा में हुई। इस समय मगध का शासक अजातशत्रु था। इस संगीति की अध्यक्षता महाकस्सप (महाकश्यप) ने की तथा इसमें बुद्ध के प्रमुख शिष्य आनंद और उपालि भी उपस्थित थे। इसमें बुद्ध की शिक्षाओं का संकलन हुआ तथा उन्हें सुत्त और विनय नामक दो पिटकों में विभाजित किया गया। आनंद तथा उपालि क्रमशः धर्म और विनय के प्रमाण माने गए।

32. प्रथम बौद्ध महासभा कहां आयोजित हुई थी? [67th B.P.S.C. (Pre) (Re-Exam) 2022]

Correct Answer: (b) राजगृह
Solution:प्रथम बौद्ध संगीति (प्रथम बौद्ध परिषद) बुद्ध की मृत्यु के तत्काल बाद राजगृह (राजगीर) की सप्तपर्णि गुफा में हुई। इस समय मगध का शासक अजातशत्रु था। इस संगीति की अध्यक्षता महाकस्सप (महाकश्यप) ने की तथा इसमें बुद्ध के प्रमुख शिष्य आनंद और उपालि भी उपस्थित थे। इसमें बुद्ध की शिक्षाओं का संकलन हुआ तथा उन्हें सुत्त और विनय नामक दो पिटकों में विभाजित किया गया। आनंद तथा उपालि क्रमशः धर्म और विनय के प्रमाण माने गए।

33. 'सप्तपर्णी गुफा' स्थित है- [U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2014]

Correct Answer: (c) राजगृह में
Solution:प्रथम बौद्ध संगीति (प्रथम बौद्ध परिषद) बुद्ध की मृत्यु के तत्काल बाद राजगृह (राजगीर) की सप्तपर्णि गुफा में हुई। इस समय मगध का शासक अजातशत्रु था। इस संगीति की अध्यक्षता महाकस्सप (महाकश्यप) ने की तथा इसमें बुद्ध के प्रमुख शिष्य आनंद और उपालि भी उपस्थित थे। इसमें बुद्ध की शिक्षाओं का संकलन हुआ तथा उन्हें सुत्त और विनय नामक दो पिटकों में विभाजित किया गया। आनंद तथा उपालि क्रमशः धर्म और विनय के प्रमाण माने गए।

34. भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद पहली बौद्ध संगीति हुई थी- [64th B.P.S.C. (Pre) 2018]

Correct Answer: (a) राजगृह (राजगीर) में
Solution:प्रथम बौद्ध संगीति (प्रथम बौद्ध परिषद) बुद्ध की मृत्यु के तत्काल बाद राजगृह (राजगीर) की सप्तपर्णि गुफा में हुई। इस समय मगध का शासक अजातशत्रु था। इस संगीति की अध्यक्षता महाकस्सप (महाकश्यप) ने की तथा इसमें बुद्ध के प्रमुख शिष्य आनंद और उपालि भी उपस्थित थे। इसमें बुद्ध की शिक्षाओं का संकलन हुआ तथा उन्हें सुत्त और विनय नामक दो पिटकों में विभाजित किया गया। आनंद तथा उपालि क्रमशः धर्म और विनय के प्रमाण माने गए।

35. कश्मीर में कनिष्क के शासनकाल में जो बौद्ध संगीति आयोजित हुई थी, उसकी अध्यक्षता निम्नलिखित में से किसने की थी? [I.A.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (d) वसुमित्र
Solution:बौद्ध धर्म की चतुर्थ संगीति कुषाण शासक कनिष्क के राज्यकाल में कश्मीर के कुंडलवन में हुई थी। इसकी अध्यक्षता वसुमित्र ने की तथा अश्वघोष इसके उपाध्यक्ष बने। इस सभा में महासांधिकों का वर्चस्व था। यहां बौद्ध ग्रंथों के कठिन अंशों पर सम्यक विचार किया गया तथा प्रत्येक पिटक पर भाष्य लिखकर उन्हें 'विभाषाशास्त्र' नामक टीकाओं में संकलित कर दिया गया। इसी समय बौद्ध धर्म हीनयान एवं महायान नामक दो स्पष्ट संप्रदायों में विभक्त हो गया।

36. बौद्ध धर्म की महायान शाखा औपचारिक रूप से किसके शासनकाल में प्रकट हुई? [I.A.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (d) कनिष्क
Solution:बौद्ध धर्म की चतुर्थ संगीति कुषाण शासक कनिष्क के राज्यकाल में कश्मीर के कुंडलवन में हुई थी। इसकी अध्यक्षता वसुमित्र ने की तथा अश्वघोष इसके उपाध्यक्ष बने। इस सभा में महासांधिकों का वर्चस्व था। यहां बौद्ध ग्रंथों के कठिन अंशों पर सम्यक विचार किया गया तथा प्रत्येक पिटक पर भाष्य लिखकर उन्हें 'विभाषाशास्त्र' नामक टीकाओं में संकलित कर दिया गया। इसी समय बौद्ध धर्म हीनयान एवं महायान नामक दो स्पष्ट संप्रदायों में विभक्त हो गया।

37. कनिष्क के शासनकाल में बौद्ध सभा किस नगर में आयोजित की गई थी? [47th B.P.S.C. (Pre) 2005]

Correct Answer: (c) कश्मीर
Solution:बौद्ध धर्म की चतुर्थ संगीति कुषाण शासक कनिष्क के राज्यकाल में कश्मीर के कुंडलवन में हुई थी। इसकी अध्यक्षता वसुमित्र ने की तथा अश्वघोष इसके उपाध्यक्ष बने। इस सभा में महासांधिकों का वर्चस्व था। यहां बौद्ध ग्रंथों के कठिन अंशों पर सम्यक विचार किया गया तथा प्रत्येक पिटक पर भाष्य लिखकर उन्हें 'विभाषाशास्त्र' नामक टीकाओं में संकलित कर दिया गया। इसी समय बौद्ध धर्म हीनयान एवं महायान नामक दो स्पष्ट संप्रदायों में विभक्त हो गया।

38. किस शासक के काल में चतुर्थ बौद्ध संगीति का आयोजन कश्मीर में हुआ था? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2010 LA.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (c) कनिष्क
Solution:बौद्ध धर्म की चतुर्थ संगीति कुषाण शासक कनिष्क के राज्यकाल में कश्मीर के कुंडलवन में हुई थी। इसकी अध्यक्षता वसुमित्र ने की तथा अश्वघोष इसके उपाध्यक्ष बने। इस सभा में महासांधिकों का वर्चस्व था। यहां बौद्ध ग्रंथों के कठिन अंशों पर सम्यक विचार किया गया तथा प्रत्येक पिटक पर भाष्य लिखकर उन्हें 'विभाषाशास्त्र' नामक टीकाओं में संकलित कर दिया गया। इसी समय बौद्ध धर्म हीनयान एवं महायान नामक दो स्पष्ट संप्रदायों में विभक्त हो गया।

39. चतुर्थ बौद्ध संगीति (परिषद) हुई थी- [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013]

Correct Answer: (a) कनिष्क के शासनकाल में
Solution:बौद्ध धर्म की चतुर्थ संगीति कुषाण शासक कनिष्क के राज्यकाल में कश्मीर के कुंडलवन में हुई थी। इसकी अध्यक्षता वसुमित्र ने की तथा अश्वघोष इसके उपाध्यक्ष बने। इस सभा में महासांधिकों का वर्चस्व था। यहां बौद्ध ग्रंथों के कठिन अंशों पर सम्यक विचार किया गया तथा प्रत्येक पिटक पर भाष्य लिखकर उन्हें 'विभाषाशास्त्र' नामक टीकाओं में संकलित कर दिया गया। इसी समय बौद्ध धर्म हीनयान एवं महायान नामक दो स्पष्ट संप्रदायों में विभक्त हो गया।

40. इनमें से किस शासक ने चतुर्थ बौद्ध संगीति कश्मीर में आयोजित की? [66th B.P.S.C. (Pre) 2020]

Correct Answer: (c) कनिष्क
Solution:बौद्ध धर्म की चतुर्थ संगीति कुषाण शासक कनिष्क के राज्यकाल में कश्मीर के कुंडलवन में हुई थी। इसकी अध्यक्षता वसुमित्र ने की तथा अश्वघोष इसके उपाध्यक्ष बने। इस सभा में महासांधिकों का वर्चस्व था। यहां बौद्ध ग्रंथों के कठिन अंशों पर सम्यक विचार किया गया तथा प्रत्येक पिटक पर भाष्य लिखकर उन्हें 'विभाषाशास्त्र' नामक टीकाओं में संकलित कर दिया गया। इसी समय बौद्ध धर्म हीनयान एवं महायान नामक दो स्पष्ट संप्रदायों में विभक्त हो गया।