ब्रिटिश शासन पर भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रभाव (आधुनिक भारतीय इतिहास)

Total Questions: 12

1. लॉर्ड कॉर्नवालिस ने स्थायी बंदोबस्त प्रणाली की शुरुआत कहां से की थी? [CHSL (T-I) 10 अगस्त, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (b) बंगाल और बिहार
Solution:

लॉर्ड कॉर्नवालिस ने 1793 ई. में स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) या इस्तमरारी बंदोबस्त की शुरुआत मुख्य रूप से बंगाल और बिहार (तथा ओडिशा के कुछ हिस्सों) में की थी। इस प्रणाली के तहत जमींदारों को भूमि का मालिक मानकर उनसे भू-राजस्व निश्चित कर दिया गया था।

2. ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 'स्थायी बंदोबस्त प्रणाली' की शुरुआत कब की ? [MTS (T-I) 06 सितंबर, 2023 (III-पाली), दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 24 नवंबर, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (a) 1793 ई.
Solution:

1793 ई. में लॉर्ड कॉर्नवालिस ने भू-राजस्व की स्थायी बंदोबस्त प्रणाली प्रारंभ किया, इसे इस्तमरारी, जागीरदारी, मालगुजारी एवं बीसवेदारी आदि भिन्न-भिन्न नामों से भी जाना जाता है। यह व्यवस्था बंगाल, बिहार, उड़ीसा तथा उत्तर प्रदेश के वाराणसी तक के क्षेत्र में लागू थी।

3. ईस्ट इंडिया कंपनी और जमींदारों के बीच राजस्व को निश्चित करने के लिए 1793 में इस्तमरारी बंदोबस्त नीति किसने शुरू की थी? [CHSL (T-I) 10 अगस्त, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (d) लॉर्ड कॉर्नवालिस
Solution:

1793 ई. में लॉर्ड कॉर्नवालिस ने भू-राजस्व की स्थायी बंदोबस्त प्रणाली प्रारंभ किया, इसे इस्तमरारी, जागीरदारी, मालगुजारी एवं बीसवेदारी आदि भिन्न-भिन्न नामों से भी जाना जाता है। यह व्यवस्था बंगाल, बिहार, उड़ीसा तथा उत्तर प्रदेश के वाराणसी तक के क्षेत्र में लागू थी।

4. भू-राजस्व प्रबंधन के उपाय के रूप में स्थायी बंदोबस्त की शुरुआत किसने की थी? [CGL (T-1) 27 जुलाई, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (a) लॉर्ड कॉर्नवालिस
Solution:

1793 ई. में लॉर्ड कॉर्नवालिस ने भू-राजस्व की स्थायी बंदोबस्त प्रणाली प्रारंभ किया, इसे इस्तमरारी, जागीरदारी, मालगुजारी एवं बीसवेदारी आदि भिन्न-भिन्न नामों से भी जाना जाता है। यह व्यवस्था बंगाल, बिहार, उड़ीसा तथा उत्तर प्रदेश के वाराणसी तक के क्षेत्र में लागू थी।

5. 1793 के स्थायी बंदोबस्त अधिनियम का उद्देश्य ईस्ट इंडिया कंपनी और ....... के बीच निश्चित राजस्व संग्रह के लिए एक समझौता करना था। [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 21 नवंबर, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (d) जमींदारों
Solution:

स्थायी बंदोबस्त ने जमींदारों को भूमि का स्वामी घोषित किया। समझौता ईस्ट इंडिया कंपनी और जमींदारों के बीच हुआ, जिसमें जमींदारों को कंपनी को निश्चित राजस्व देना था और वे किसानों से राजस्व एकत्र करने के लिए जिम्मेदार थे।

6. निम्नलिखित में से कौन-सा आधुनिक उद्योग ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में संचालित होता था? [CGL (T-I) 24 जुलाई, 2023 (I-पाली)]

A. कपास
B. जूट
C. लोहा और इस्पात

Correct Answer: (b) A, B और C सभी
Solution:

भारत में उपनिवेशवाद के फलस्वरूप एक वाणिज्यिक क्रांति आई, जिससे भारत के विदेशी व्यापार की प्रगति हुई। कपास, जूट, लोहा और इस्पात जैसे आधुनिक उद्योग ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में संचालित होते थे।

7. दादाभाई नौरोजी ने अपनी पुस्तक '.......' के माध्यम से ब्रिटिश शासन के आर्थिक प्रभाव की तीखी आलोचना की [CGL (T-I) 03 दिसंबर, 2022 (III-पाली)]

Correct Answer: (d) पॉवर्टी एंड अन-ब्रिटिश रूल इन इंडिया
Solution:

इस प्रसिद्ध पुस्तक में दादाभाई नौरोजी ने 'धन के बहिर्गमन (Drain of Wealth)' सिद्धांत का प्रतिपादन किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे ब्रिटिश शासन भारतीय धन को ब्रिटेन भेज रहा था।

8. 18वीं शताब्दी में, ब्रिटेन में सूती कपड़ा उद्योग के विकास का क्या परिणाम हुआ? [MTS (T-I) 02 मई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) भारत में कपड़ा उत्पादन में गिरावट
Solution:

ब्रिटेन में औद्योगिक क्रांति और मशीन-निर्मित सस्ते कपड़े के कारण भारतीय बाज़ार में ब्रिटिश उत्पादों की भरमार हो गई। ब्रिटिश नीतियों ने भारतीय हस्तकरघा (Handloom) उद्योग को नष्ट कर दिया, जिससे भारत में कपड़ा उत्पादन में भारी गिरावट आई।

9. प्रश्न में दो कथन हैं, जिनमें पहला अभिकथन (A) और दूसरा कारण (R) है। सही विकल्प चुनने के लिए उनका उपयोग कीजिए। [CGL (T-I) 27 जुलाई, 2023 (III-पाली)]

अभिकथन (A): ब्रिटिश शासन के दौरान भारत का निर्यात आयात से अधिक हो गया, जिससे व्यापार संतुलन का अधिशेष हो गया।

कारण (R) : व्यापार संतुलन के अधिशेष का उपयोग भारत के विकास और उत्थान के लिए किया गया था।

Correct Answer: (a) A सत्य है और R असत्य है।
Solution:
  • अभिकथन (A) सत्य है: भारत का निर्यात आयात से अधिक था, जिससे व्यापार अधिशेष हुआ।
  • कारण (R) असत्य है: इस अधिशेष का उपयोग भारत के विकास के लिए नहीं, बल्कि ब्रिटिश प्रशासन, युद्ध खर्चों और होम चार्जेज (Home Charges) जैसे व्यय को पूरा करने के लिए किया जाता था, जो भारत से धन का एकतरफा बहिर्गमन था।

10. भारत में अंग्रेजों द्वारा शुरू की गई राजस्व संग्रह की रैयतवाड़ी व्यवस्था ....... पर आधारित थी। [CGL (T-I) 14 जुलाई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) रिकार्डो के लगान सिद्धांत
Solution:

रैयतवाड़ी व्यवस्था (जो रैयतों या किसानों से सीधे राजस्व एकत्र करती थी) अर्थशास्त्री डेविड रिकार्डो के लगान सिद्धांत से प्रभावित थी। इस सिद्धांत में लगान को भूमि की उत्पादकता और बाज़ार मूल्य के अंतर से उत्पन्न होने वाले अधिशेष के रूप में देखा जाता था।