भारत का संवैधानिक विकास (UPPCS) (भाग – 2)

Total Questions: 25

1. निम्न कथनों पर विचार कीजिए- [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 1998]

कथन (A): द्विशासन का अर्थ प्रशासन के विषयों का दो वर्गों में विभाजन था।

कारण (R): प्रांतों में उत्तरदायी शासन के बोध का प्रवर्तन कराने का प्रयत्न किया गया था।

उपर्युक्त के संदर्भ में निम्न में से कौन-सा एक सही उत्तर है?

Correct Answer: (a) दोनों (A) और (R) सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
Solution:वर्ष 1919 के एक्ट से सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन प्रांतीय प्रशासन में आया। प्रांतों में द्वैध शासन प्रणाली आरंभ की गई, जिसमें प्रांतीय विषयों को दो भागों में बांट दिया गया-आरक्षित तथा हस्तांतरित विषय। हस्तांतरित विषयों का प्रशासन प्रांतीय विधायिका के प्रति उत्तरदायी मंत्रियों को सौंप कर उत्तरदायी शासन का बोध कराने का प्रयत्न किया गया। इस एक्ट की प्रस्तावना में प्रांतों को उत्तरदायी सरकार स्थापित करने के लिए कदम उठाने पर बल देने की बात कही गई थी। इस प्रकार कथन और कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन का सही स्पष्टीकरण है।

2. भारतीय उच्चायुक्त के पद का सृजन किस अधिनियम से हुआ? [63rd B.P.S.C. (Pre) 2017]

Correct Answer: (b) भारत सरकार अधिनियम, 1919
Solution:भारत सरकार अधिनियम, 1919 में भारत राज्य सचिव के कार्यभार को कम करने के लिए एक 'भारतीय उच्चायुक्त' की नियुक्ति की गई। इसके कार्य भारत सरकार के लिए अस्त्र-शस्त्र और अन्य सामानों की खरीददारी, ठेका देना, व्यापारिक हितों को देखना और इंग्लैंड में पढ़ने वाले भारतीय विद्यार्थियों की देखभाल करना इत्यादि थे। उच्चायुक्त और उसके सहायकों के वेतन का व्यय भारत के साधनों से होना था।

3. भारत सरकार अधिनियम, 1935 के मुख्य तत्वों में सम्मिलित थे- [U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 1998]

1. एक संघ का प्रावधान

2. प्रांतों को स्वायत्तता देना

3. प्रांतों में द्विशासन की प्रस्तावना

4. केंद्रीय विधायिका को संप्रभुता प्रदान करना

नीचे दी गई कूट संरचना में से ही सही उत्तर का चयन कीजिए-

कूट :

Correct Answer: (a) 1 और 2
Solution:वर्ष 1935 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा सर्वप्रथम भारत में संघात्मक सरकार की स्थापना का प्रावधान किया गया था। इस संघ को ब्रिटिश भारतीय प्रांतों (मुख्य आयुक्त के प्रांतो सहित) तथा कुछ भारतीय रियासतें, जो संघ में शामिल होना चाहती थीं, को मिलाकर बनाया जाना था। लेकिन रियासतों की अनिच्छा के कारण यह संघ कभी बन नहीं पाया। इस अधिनियम के द्वारा प्रांतों में द्वैध शासन समाप्त कर, प्रांतों को स्वायत्तता प्रदान की गई एवं केंद्र में द्वैध शासन लागू किया गया।

4. निम्नलिखित में से किसने ब्रिटिश भारत में प्रांतीय स्वायत्तता शुरू की? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (d) भारत सरकार अधिनियम 1935
Solution:वर्ष 1935 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा सर्वप्रथम भारत में संघात्मक सरकार की स्थापना का प्रावधान किया गया था। इस संघ को ब्रिटिश भारतीय प्रांतों (मुख्य आयुक्त के प्रांतो सहित) तथा कुछ भारतीय रियासतें, जो संघ में शामिल होना चाहती थीं, को मिलाकर बनाया जाना था। लेकिन रियासतों की अनिच्छा के कारण यह संघ कभी बन नहीं पाया। इस अधिनियम के द्वारा प्रांतों में द्वैध शासन समाप्त कर, प्रांतों को स्वायत्तता प्रदान की गई एवं केंद्र में द्वैध शासन लागू किया गया।

5. भारत सरकार अधिनियम, 1935 निम्नलिखित में से किसकी रिपोर्ट पर आधारित था? [U.P. P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (d) साइमन कमीशन
Solution:भारत सरकार अधिनियम, 1919 में यह प्रावधान था कि राजनैतिक परिस्थिति का प्रत्येक दस वर्ष के पश्चात पुनरावलोकन किया जाए। वर्ष 1927 से ही यह प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई और साइमन आयोग नियुक्त किया गया। सर्वदलीय कॉन्फ्रेंस ने नेहरू रिपोर्ट प्रस्तुत की। साइमन आयोग रिपोर्ट एवं गोलमेज सम्मेलनों और अंग्रेजी सरकार द्वारा प्रस्तुत श्वेत-पत्र, ये सभी 1935 के भारत सरकार अधिनियम के आधार बने।

6. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2004]

1935 के भारत सरकार अधिनियम की कुछ विशेषताएं थीं-

1. गवर्नरी प्रांतों में द्वैध शासन की समाप्ति (Abolition of Diarchy in States)

2. गवर्नरों को विधायी क्रियाओं में निषेधाधिकार (वीटो) की शक्ति तथा स्वयं द्वारा विधि बनाना

3. सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व के नियम की समाप्ति

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

Correct Answer: (b) 1 और 2
Solution:वर्ष 1935 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा प्रांतों को दोहरे शासन के स्थान पर स्वशासन (autonomy) मिल गया तथा आरक्षित एवं हस्तांतरित विषयों में भेद समाप्त हो गया। गवर्नरों को आरक्षित तथा बचाव की संज्ञा के अधीन 'व्यक्तिगत निर्णय' तथा 'विवेकाधीन शक्तियों' का प्रयोग करने का अधिकार दे दिया गया, साथ ही गवर्नर को अध्यादेश जारी करने का भी अधिकार दे दिया गया। इस अधिनियम द्वारा सांप्रदायिक तथा वर्गीय मतदाता मंडलों का विस्तार हुआ और अनुसूचित जातियां, मुसलमान, सिख, यूरोपीय, भारतीय ईसाई, एंग्लो-इंडियन तथा भारतीय मुसलमान आदि को पृथक-पृथक प्रतिनिधित्व मिला। अतः कथन (1) एवं (2) ही सही हैं।

7. भारत सरकार अधिनियम, 1935 ने समाप्त की- [42nd B.P.S.C. (Pre) 1997]

Correct Answer: (b) प्रांतीय द्वैध शासन व्यवस्था
Solution:वर्ष 1935 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा प्रांतों को दोहरे शासन के स्थान पर स्वशासन (autonomy) मिल गया तथा आरक्षित एवं हस्तांतरित विषयों में भेद समाप्त हो गया। गवर्नरों को आरक्षित तथा बचाव की संज्ञा के अधीन 'व्यक्तिगत निर्णय' तथा 'विवेकाधीन शक्तियों' का प्रयोग करने का अधिकार दे दिया गया, साथ ही गवर्नर को अध्यादेश जारी करने का भी अधिकार दे दिया गया। इस अधिनियम द्वारा सांप्रदायिक तथा वर्गीय मतदाता मंडलों का विस्तार हुआ और अनुसूचित जातियां, मुसलमान, सिख, यूरोपीय, भारतीय ईसाई, एंग्लो-इंडियन तथा भारतीय मुसलमान आदि को पृथक-पृथक प्रतिनिधित्व मिला।

8. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2005]

गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट, 1935 में

1. प्रांतीय स्वशासन का उपबंध था।

2. एक संघीय न्यायालय (फेडरल कोर्ट) की स्थापना का उपबंध था।

3. केंद्र में अखिल भारत संघ का उपबंध था।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?

Correct Answer: (d) 1, 2 और 3
Solution:भारत का वर्तमान संवैधानिक ढांचा बहुत कुछ 1935 के अधिनियम पर आधारित है। वर्ष 1935 के मुख्य उपबंध इस प्रकार हैं- 1. संघात्मक सरकार की स्थापना, 2. केंद्र में द्वैध शासन की स्थापना, 3. प्रांतों में द्वैध शासन के स्थान पर स्वायत्त शासन की स्थापना, 4. द्विसदनीय केंद्रीय विधानमंडल, 5. प्रांतीय शासन व्यवस्था, 6. प्रांतीय विधानमंडल, 7. केंद्र एवं प्रांतों में शक्तियों का विभाजन, 8. फेडरल न्यायालय की स्थापना आदि। प्रश्नगत तीनों कथन भारत सरकार अधिनियम, 1935 पर आधारित होने से सही उत्तर विकल्प (d) होगा।

9. 1935 का गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट क्यों महत्वपूर्ण है? [U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]

Correct Answer: (a) यह भारतीय संविधान का प्रमुख स्रोत है।
Solution:भारत का वर्तमान संवैधानिक ढांचा बहुत कुछ 1935 के अधिनियम पर आधारित है। वर्ष 1935 के मुख्य उपबंध इस प्रकार हैं- 1. संघात्मक सरकार की स्थापना, 2. केंद्र में द्वैध शासन की स्थापना, 3. प्रांतों में द्वैध शासन के स्थान पर स्वायत्त शासन की स्थापना, 4. द्विसदनीय केंद्रीय विधानमंडल, 5. प्रांतीय शासन व्यवस्था, 6. प्रांतीय विधानमंडल, 7. केंद्र एवं प्रांतों में शक्तियों का विभाजन, 8. फेडरल न्यायालय की स्थापना आदि।

10. वर्ष 1935 के भारत सरकार अधिनियम की निम्नलिखित में से कौन-सा एक वैशिष्ट-युक्त नहीं है? [I.A.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (a) केंद्र में, साथ ही साथ राज्यों में द्वैध शासन
Solution:भारत का वर्तमान संवैधानिक ढांचा बहुत कुछ 1935 के अधिनियम पर आधारित है। वर्ष 1935 के मुख्य उपबंध इस प्रकार हैं- 1. संघात्मक सरकार की स्थापना, 2. केंद्र में द्वैध शासन की स्थापना, 3. प्रांतों में द्वैध शासन के स्थान पर स्वायत्त शासन की स्थापना, 4. द्विसदनीय केंद्रीय विधानमंडल, 5. प्रांतीय शासन व्यवस्था, 6. प्रांतीय विधानमंडल, 7. केंद्र एवं प्रांतों में शक्तियों का विभाजन, 8. फेडरल न्यायालय की स्थापना आदि।