भारत के प्राकृतिक प्रदेश (भौतिक विभाजन)

Total Questions: 14

1. निम्न कथनों को पढ़कर सही विकल्प का चुनाव करें - [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2021]

कथन-1:
जे.डी. डाना ने भारतीय उपमहाद्वीप के चट्टानों के भूगर्भीय इतिहास के लिए एक विशेष भूगर्भिक समय मापक तैयार किया।

कथन- II :
भूगर्भिक समय मापक के अनुसार भारतीय चट्टानों को आर्कियन, पौराणिक, द्रविड़ियन तथा आर्यन युग में विभाजित किया जाता है।

Correct Answer: (d) कथन- I असत्य है, परंतु कथन II सत्य है।
Solution:भूगर्भिक समय मापक के अनुसार भारतीय चट्टानों को आर्कियन, पौराणिक, द्रविड़ियन तथा आर्यन युग में विभाजित किया जाता है। भारतीय भूगर्भिक समय मापक टी. एस. हॉलैंड द्वारा लाया गया है।

2. गंगा के मैदान को एक के रूप में वर्णित किया गया है। [67th B.P.S.C. (Pre) 2022]

Correct Answer: (c) जियोसिनक्लाइन
Solution:गंगा के मैदान को एक जियोसिनक्लाइन या भू-अभिनति गर्त के रूप में वर्णित किया गया है। इसका निर्माण मुख्य रूप से हिमालय पर्वतमाला निर्माण प्रक्रिया के दौरान हुआ था।

3. भारतीय रेगिस्तान के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही हैं? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2023]

Correct Answer: (d) उक्त सभी
Solution:अरावली पहाड़ी के पश्चिमी किनारे पर भारतीय रेगिस्तान स्थित है, जिसे 'थार का मरुस्थल' भी कहते हैं। इसका विस्तार मुख्य रूप से पश्चिमी राजस्थान में है। यह बालू के टिब्बों से ढका एक तरंगित मैदान है। इस क्षेत्र में प्रति वर्ष 150 मिमी. से भी कम वर्षा होती है। लूनी इस क्षेत्र की एक मात्र बड़ी नदी है, जो अरावली के पश्चिमी किनारे से निकलकर कच्छ के रण में गिरती है।

4. निम्नलिखित में से कौन-सी चट्टान प्रणाली, भारत में नवीनतम है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) गोंडवाना
Solution:धारवाड़ क्रम की चट्टानों का निर्माण आर्कियन क्रम की चट्टानों के रूपांतरण अथवा भ्रंशन से हुआ। ये शिलाएं अत्यधिक धात्विक हैं जिनमें सोना, लोहा, मैंगनीज, अभ्रक, कोबाल्ट, क्रोमियम, तांबा, टंगस्टन, सीसा आदि खनिज प्राप्त होते हैं। कुडप्पा क्रम की चट्टानों का निर्माण धारवाड़ क्रम की चट्टानों के बाद हुआ है। विंध्यन क्रम की चट्टानों का निर्माण कुडप्पा क्रम की चट्टानों के बाद हुआ है। इनमें चूने का पत्थर, बलुआ पत्थर, चीनी मिट्टी तथा वर्ण मिट्टी प्राप्त होती है। विंध्यन क्रम की चट्टानों के काफी समय बाद गोंडवाना क्रम की चट्टानों का निर्माण हुआ। भारत का अधिकांश कोयला गोंडवाना क्षेत्र से ही प्राप्त होता है। इस क्षेत्र का कोयला मध्यम श्रेणी का होता है। यहां सर्वाधिक बिटुमिनस कोयले की प्राप्ति होती है। इसमें सल्फर की मात्रा न्यून होती है।

5. निम्नलिखित में से कौन-सा जिला धारवाड़ भूस्तरीय रचना वाला नहीं है? [B.P.S.C. (Pre) 2019]

Correct Answer: (b) रोहतास
Solution:बिहार में धारवाड़ भू-स्तरीय रचना वाले जिले दक्षिण-पूर्व बिहार के अंतर्गत आते हैं। इनमें मुंगेर, नवादा एवं जमुई जिले शामिल हैं। वहीं रोहतास दक्षिण-पश्चिम बिहार का भाग है। इस क्षेत्र में विंध्यन प्रकार की भूस्तरीय रचना पाई जाती है। बिहार में विंध्यन भूस्तरीय रचना कैमूर एवं सोन नदी घाटी (रोहतास) में पाई जाती है।

6. भारत से उपबंध पुराचुंबकीय परिणामों से संकेत मिलते हैं कि भूतकाल में भारतीय स्थलपिंड सरका है- [I.A.S. (Pre) 1995 U.P.P.C.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (a) उत्तर को
Solution:महाद्वीपीय विस्थापन/प्रवाह सिद्धांत के अनुसार, प्रायद्वीपीय भारतीय स्थलपिंड गोंडवानालैंड का भाग है। गोंडवानालैंड में द. अमेरिका, अफ्रीका, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया और प्रायद्वीपीय भारत एक ही स्थल पिंड के रूप में जुड़े थे। मध्यवर्ती मध्यजीवी महाकल्प में गोंडवानालैंड के विशाल भूखंड का विखंडन हुआ, जिसमें प्रायद्वीपीय भारतीय स्थल पिंड उत्तर की ओर विस्थापित हुआ।

7. भारतीय उपमहाद्वीप मूलतः एक विशाल भूखंड का भाग था, जिसे कहते हैं- [I.A.S. (Pre) 1995]

Correct Answer: (d) गोंडवानालैंड
Solution:महाद्वीपीय विस्थापन/प्रवाह सिद्धांत के अनुसार, प्रायद्वीपीय भारतीय स्थलपिंड गोंडवानालैंड का भाग है। गोंडवानालैंड में द. अमेरिका, अफ्रीका, अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया और प्रायद्वीपीय भारत एक ही स्थल पिंड के रूप में जुड़े थे। मध्यवर्ती मध्यजीवी महाकल्प में गोंडवानालैंड के विशाल भूखंड का विखंडन हुआ, जिसमें प्रायद्वीपीय भारतीय स्थल पिंड उत्तर की ओर विस्थापित हुआ।

8. भारत कितने प्राकृतिक प्रदेशों में विभाजित है? [R.A.S./R.T.S. (Pre) 1996]

Correct Answer: (a) 4
Solution:भारत को मुख्यतः चार प्राकृतिक प्रदेशों में विभाजित किया जाता है। ये हैं- 1. उत्तर का पर्वतीय क्षेत्र, 2. विशाल मैदान, 3. प्रायद्वीपीय पठार तथा 4. तट एवं द्वीप। भारत को छः उपभौतिक भू-आकृतिक प्रदेशों में (NCERT के अनुसार) बांटा गया है।

9. उत्तराखंड के किस भाग में पाताल तोड़ कुएं पाए जाते हैं? [Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006]

Correct Answer: (b) तराई में
Solution:पाताल तोड़ कुएं ऐसे प्राकृतिक जल स्रोत होते हैं, जो धरातल से स्वतः ऊपर प्रकट होते हैं और सतह पर जल निकलता रहता है, परंतु जल स्रोत तथा पाताल तोड़ कूप में अंतर होता है- प्रथम में जल स्वतः ऊपर आ जाता है, परंतु दूसरे के लिए (पाताल तोड़ कूप में) मनुष्य को धरातलीय सतह पर पहले कुआं खोदना पड़ता है और बाद में जल स्वतः निकलने लगता है। पाताल तोड़ कुएं भारत में तराई क्षेत्र में पाए जाते हैं।

10. भारत में भू-आकारों की रचना के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर मनन कीजिए- [47th B.P.S.C. (Pre) 200]

  1. संरचनात्मक दृष्टि से मेघालय पठार दक्कन पठार का ही विस्तारित भाग है।
  2. कश्मीर घाटी की रचना एक समभिनति में हुई।
  3. गंगा मैदान की रचना एक अग्रगर्त में हुई।
  4. हिमालय की उत्पत्ति भारतीय प्लेट, यूरोपीय प्लेट तथा चीनी प्लेट के त्रिकोणीय अभिसरण के फलस्वरूप हुई है।

इन कथनों में से कौन-से कथन सही हैं?

Correct Answer: (a) 1, 2 तथा 3
Solution:मेघालय पठार प्रायद्वीपीय पठार का बहिर्शायी (Outlier) है, जो भ्रंशन के कारण भारतीय प्रायद्वीप से माल्दा गैप द्वारा पृथक हो गया है। अतः कथन (1) सही है। कश्मीर घाटी की रचना हिमालय की समभिनति में ही हुई है। अतः कथन (2) सही है। स्वेस के अनुसार, गंगा के विशाल मैदान की उत्पत्ति तब हुई, जब प्रायद्वीप के दृढ़ भूखंड ने हिमालय के दक्षिण की ओर प्रसार को रोका, तो हिमालय के उच्च वलनों के समक्ष एक अग्रगर्त (Foredeep) पैदा हो गया। यह अग्रगर्त एक विशाल भूसन्नति की भांति था। मुख्यतः हिमालय से निकलने वाली नदियों द्वारा निरंतर लाए जा रहे अवसादों से यह अग्रगर्त धीरे-धीरे भरता रहा। बाद में इसी में विशाल मैदानों का निर्माण हुआ। अतः कथन (3) सही है।

हिमालय की उत्पत्ति भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट की टक्कर से हुई है। चीनी प्लेट का विवरण प्लेट टेक्टॉनिक सिद्धांत में नहीं है। अतः कथन (4) गलत है।