मानसून (जलवायु)

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1. इंटरट्रॉपिकल कंवरजेंस जोन (आई.टी.सी. जेड), एक निम्न वायुदाब पेटी, स्थित है- [M.P.P.S.C. (Pre) 2018]

Correct Answer: (d) भूमध्य रेखा पर
Solution:इंटरट्रॉपिकल कंवरजेंस जोन (ITCZ) या अंतः उष्णकटिबंधीय अभिसरण क्षेत्र विषुवतीय (भूमध्यरेखीय) अक्षांशों में विस्तृत गर्त एवं निम्न दाब का क्षेत्र होता है। यहीं पर उत्तर-पूर्वी एवं दक्षिण-पूर्वी व्यापारिक पवनें आपस में मिलती हैं। यह अभिसरण क्षेत्र विषुवत वृत्त या भूमध्यरेखा के लगभग समानांतर होता है, लेकिन सूर्य की आभासी गति के साथ-साथ यह उत्तर या दक्षिण की ओर खिसकता है। अतः विकल्प (d) भूमध्य रेखा पर सही उत्तर है।

2. राजस्थान में मई-जून महीनों में उत्पन्न होने वाली धूलभरी आंधियों के लिए उत्तरदायी है - [R.A.S/R.T.S. (Pre) 2018]

(i) कुछ स्थानों पर संवहनीय धाराओं की उत्पत्ति

(ii) अरावली पहाड़ियां दक्षिण-पश्चिम हवाओं के समांतर हैं।

(iii) अति तीव्रगामी पूर्वी हवाओं की उत्पत्ति

 

Correct Answer: (d) केवल (i)
Solution:मई-जून माह में पश्चिम की तरफ से गर्म हवाएं चलती हैं, जिन्हें लू कहते हैं। इस लू के कारण यहां निम्न वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है। इस निम्न वायुदाब की पूर्ति हेतु उच्च वायुदाब वाले क्षेत्रों से तेजी से हवा उठकर आती है, जो अपने साथ धूल भरी आंधियां लाती हैं। अतः कुछ स्थानों पर संवहनीय धाराओं की उत्पत्ति, राजस्थान में मई-जून माह में उत्पन्न होने वाली धूलभरी आंधियों के लिए उत्तरदायी है। अरावली पर्वत श्रेणियां दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाओं के चलने की दिशा के अनुरूप होने के कारण मार्ग में बाधक नहीं बन पाती। अतः मानसून पवन सीधी निकल जाती हैं।

3. राजस्थान में बहुत कम वर्षा होती है, क्योंकि - [67th B.P.S.C. Re. Exam (Pre) 2022]

Correct Answer: (d) हवाएं किसी प्रकार की बाधाओं को पार नहीं करती हैं, जिसके कारण ठण्डा होने के लिए आवश्यक ऊंचाई नहीं प्राप्त होती है
Solution:राजस्थान में बहुत कम वर्षा होती है, क्योंकि हवाएं किसी प्रकार की बाधाओं को पार नहीं करती हैं, जिसके कारण ठंडा होने के लिए आवश्यक ऊंचाई नहीं प्राप्त होती है। अरावली पर्वत श्रेणियां दक्षिण-पश्चिम मानसूनी हवाओं के चलने की दिशा के अनुरूप होने के कारण मार्ग में बाधक नहीं बन पाती। अतः मानसून पवन सीधी निकल जाती है।

4. निम्न ऋतुओं को भारतीय कैलेंडर के अनुसार कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए- [U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2021]

(i) शरद

(iii) बसंत

(ii) ग्रीष्म

(iv) वर्षा

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिए

Correct Answer: (b) (iii), (ii), (iv) और (i)
Solution:NCERT के अनुसार भारतीय परंपरा के अनुसार वर्ष को द्विमासिक 6 ऋतुओं में बांटा जाता है। ये इस प्रकार हैं-
ऋतुभारतीय कैलेंडर के अनुसार महीने
बसंतचैत्र - बैशाख
ग्रीष्मज्येष्ठ - आषाढ़
वर्षाश्रावण - भाद्र
शरदआश्विन - कार्तिक
हेमंतमार्गशीष - पौष
शिशिरमाघ - फाल्गुन

5. कोपेन ने भारत के विशाल मैदान की जलवायु के लिए निम्नलिखित में से कौन-से शब्दों का प्रयोग किया था? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (c) Cwg
Solution:कोपेन ने भारत के विशाल मैदान की जलवायु के लिए Cwg शब्द का प्रयोग किया है। इसका तात्पर्य शुष्क शीत वाला मानसूनी प्रकार की जलवायु होता है।

6. कोपेन के जलवायु वार्गीकरण के अनुसार निम्न में से कौन-सा उत्तरी बंगाल सहित उत्तर-पूर्वी भारत का उपर्युक्त वर्णन है? [Utarakhand P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) शुष्क सर्दी सहित आर्द्र उपोष्ण जलवायु (Cwg)
Solution:कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार, उत्तरी बंगाल सहित उत्तर- पूर्वी भारत का वर्णन शुष्क सर्दी सहित आर्द्र उपोष्ण जलवायु (Cwg) करता है।

7. कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार उत्तर बिहार की जलवायु किससे प्रदर्शित की जा सकती है? [63rd B.P.C.S. (Pre) 201]

Correct Answer: (a) Cwg
Solution:कोपेन के जलवायु वर्गीकरण के अनुसार उत्तर बिहार की जलवायु Cwg से प्रदर्शित की जा सकती है।

8. तमिलनाडु में मानसून के सामान्य महीने कौन-से हैं? [M.P.P.C.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (d) नवंबर-दिसंबर
Solution:अक्टूबर से दिसंबर माह के मध्य दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्व मानसून का मौसम रहता है, जो मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश, रॉयलसीमा, तमिलनाडु में सक्रिय रहता है। यही तमिलनाडु की मुख्य वर्षा वाली अवधि होती है। उल्लेखनीय है कि इसी मानसून के समय 26 दिसंबर, 2004 को तमिलनाडु के तटीय क्षेत्रों में सुनामी आई थी। इस प्रकार सही उत्तर विकल्प (d) होगा।

9. भारतीय मानसून मौसमी विस्थापन से इंगित है जिसका कारण है- [39th B.P.S.C. (Pre) 1994]

Correct Answer: (a) स्थल तथा समुद्र का विभेदी तापन
Solution:भारतीय मानसून मौसमी विस्थापन / उत्क्रमण वाला है, जिसमें हवाओं की दिशा छः माह तक (जाड़े में) उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तथा शेष छः मास तक (ग्रीष्म में) दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व रहती है। इन मानसूनी हवाओं की उत्पत्ति तापक्रम में भिन्नता के कारण होती है या अन्य किसी कारण से इस पर पर्याप्त मतभेद हैं। इसके लिए दो संकल्पनाओं का प्रतिपादन किया गया है-

(1) तापीय संकल्पना अर्थात मानसून की उत्पत्ति स्थल एवं जल के असमान संगठन तथा उनके गर्म एवं ठण्डा होने के विरोधी स्वभाव के कारण होती है।

(2) नवीन संकल्पना के अनुसार, मानसूनी हवाओं की उत्पत्ति वायुदाब और हवाओं की पेटियों के खिसकाव के कारण होती है। इस संकल्पना का पहली बार प्रतिपादन फ्लोन नामक विद्वान ने किया। इस पर सूर्य के उत्तरायण एवं दक्षिणायन होने के पर्याप्त प्रभाव है। 1

10. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए - [I.A.S. (Pre) 2012]

1. दक्षिणी भारत से उत्तरी भारत की ओर मानसून की अवधि घटती है।

2. उत्तरी भारत के मैदानों में वार्षिक वृष्टि की मात्रा पूर्व से पश्चिम की ओर घटती है।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:दक्षिण भारत की अपेक्षा उत्तर भारत में मानसून की अवधि कम होती है। दक्षिण भारत में मानसून जून के प्रथम सप्ताह में प्रवेश करता है, जबकि उत्तर भारत में प्रवेश करने में दक्षिण की अपेक्षा अधिक समय लगता है। इसी प्रकार वापसी में भी मानसूनी हवाएं दक्षिण भारत की अपेक्षा उत्तर भारत से जल्दी पलायन करती हैं। उत्तर भारत के मैदानों में वार्षिक वृष्टि की मात्रा पूर्व से पश्चिम की ओर घटती जाती है।