मृदा प्रदूषण

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1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2019]

1. कृषि मृदाएं पर्यावरण में नाइट्रोजन के ऑक्साइड निर्मुक्त करती हैं।

2. मवेशी पर्यावरण में अमोनिया निर्मुक्त करते हैं।

3. कुक्कुट उद्योग पर्यावरण में अभिक्रियाशील नाइट्रोजन यौगिक निर्मुक्त करते हैं।

उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

Correct Answer: (d) 1, 2 और 3
Solution:

गत वर्ष जारी 'इंडियन नाइट्रोजन एसेसमेंट रिपोर्ट' (Indian Nitrogen Assessment Report) के अनुसार, वर्ष 2010 में भारत में नाइट्रोजन के ऑक्साइडों के उत्सर्जन के मामले में कृषि मृदाओं का योगदान लगभग 70 प्रतिशत से अधिक रहा था। मवेशियों (Cattle) द्वारा लगभग 80 प्रतिशत अमोनिया का उत्सर्जन किया गया, वहीं कुक्कुट उद्योग द्वारा वर्ष 2016 में लगभग 0.415 टन अभिक्रियाशील नाइट्रोजन यौगिक निर्मुक्त किया गया। उल्लेखनीय है कि नाइट्रोजन प्रदूषण अब वैश्विक स्तर पर गहन पर्यावरणीय चिंता का विषय बन रहा है। मार्च, 2019 में भारत के नेतृत्व में UNEA में नाइट्रोजन प्रदूषण पर एक प्रस्ताव भी लाया गया था।

2. खेती के लिए फसल चक्र का क्या महत्व है? [U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:फसल-चक्र किसी निश्चित क्षेत्र पर एक निश्चित अवधि तक फसलों को इस प्रकार हेर-फेर कर बोना जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखकर अधिक उत्पादन लिया जा सके, फसल चक्र कहलाता है। फसल चक्र के लाभ निम्नवत हैं-

खेत की उर्वरा शक्ति में वृद्धि।
पोषक तत्वों तथा नमी का संतुलन।
दलहनी फसलों से मृदा की भौतिक दशा में सुधार।
भूमि में जैव पदार्थ की पर्याप्तता।
खर-पतवार, कीटों तथा रोगों का नियंत्रण।
फसलों की अधिक पैदावार।
फसल उत्पादों की गुणवत्ता में वृद्धि।

3. निम्न कथनों पर विचार कीजिए, जिन्हें कथन (A) और कारण (R) कहा गया है - [U.P.P.S.C. (GIC) 2010]

कथन (A) : मृदा प्रदूषण औद्योगिक प्रदूषण की अपेक्षा अधिक खतरनाक होता है।

कारण (R) : उर्वरक तथा कीटनाशक भोजन की श्रृंखला में प्रवेश करते हैं।

निम्न कूट की सहायता से सही उत्तर ज्ञात कीजिए।

Correct Answer: (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
Solution:उर्वरक, पीड़कनाशी, कीटनाशी और शाकनाशी मृदा के प्राकृतिक, भौतिक, रासायनिक और जैविक गुणों को नष्ट करके मृदा को बेकार कर देते हैं। रासायनिक उर्वरक मृदा के सूक्ष्म जीवों को नष्ट कर देते हैं। ये जीव मृदा में नाइट्रोजन परिवर्तन का कार्य करते हैं। ये अनुर्वरता में वृद्धि करते हैं। तथा मृदा की जलधारण क्षमता को घटा देते हैं। इनके कुछ अंश फसलों में चले जाते हैं, जो मानव के लिए मंद विष का कार्य करते हैं।

4. उर्वरक के अत्यधिक प्रयोग से होता है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (d) उपर्युक्त सभी
Solution:उर्वरक का अत्यधिक प्रयोग विभिन्न प्रकार के प्रदूषण उत्पन्न करता है जिनमें मृदा प्रदूषण, जल प्रदूषण तथा वायु प्रदूषण प्रमुख हैं। यह प्रदूषण विभिन्न प्रकार के फसलों के माध्यम से मानव एवं पशुओं के आहार श्रृंखला में भी पहुंचता है तथा विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों से मनुष्य एवं पशुओं को ग्रस्त करता है। अत्यधिक अकार्बनिक उर्वरकों तथा जैवनाशकों के अवशेष, भूमि एवं भूमिगत जल संसाधनों को हानि पहुंचाते हैं। अकार्बनिक पोषक जैसे फॉस्फेट तथा नाइट्रेट घुलकर जलीय पारिस्थितिकी तंत्र में आ जाते हैं। यह जलीय पारिस्थितिक तंत्र में सुपोषण (Eutrophication) को बढ़ाते हैं। नाइट्रेट पेयजल को भी प्रदूषित करता है। वहीं दूसरी ओर अकार्बनिक उर्वरक तथा कीटनाशक अवशेष मृदा के रासायनिक गुणों को बदल देते हैं तथा भूमि के जीवों पर विपरीत प्रभाव डालते हैं।

5. भारत में कार्बोफ्यूरेन, मेथिल पैराथियॉन, फोरेट और ट्राइऐजोफॉस के इस्तेमाल को आशंका से देखा जाता है। ये रसायन किस रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं? [I.A.S. (Pre) 2019]

Correct Answer: (a) कृषि में पीड़कनाशी
Solution:कार्बोफ्यूरेन, मेथिल पैराथियॉन, फोरेट और ट्राइऐजोफॉस आदि का इस्तेमाल पीड़कनाशी या कीटनाशक (Pesticides) के रूप में कृषि में किया जाता है। इन रसायनों का खाद्य पदार्थों में संचय होने से मानव स्वास्थ्य पर बुरा असर भी पड़ रहा है, जिसे देखते हुए गत वर्ष अनेक कीटनाशकों को प्रतिबंधित किया गया था। उल्लेखनीय है कि अगस्त, 2018 में अनुपम वर्मा समिति की सिफारिश के आधार पर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने 18 कीटनाशकों को भारत में प्रतिबंधित कर दिया। इन 18 कीटनाशकों में क्रमशः 1 से 12 को तत्काल प्रभाव से तथा शेष 6 को 31 दिसंबर, 2020 से प्रतिबंधित किया गया है। ये 18 कीटनाशी हैं - (1) बेनोमाइल, (2) कार्बराइल, (3) डायजिनोन, (4) फेनारिमोल, (5) फॅथिऑन, (6) लिनुरॉन, (7) मेथॉक्सी एथिल मरकरी क्लोराइड, (8) सोडियम सायनाइड, (9) मेथिल पैराथियॉन, (10) थियोमेटॉन, (11) ट्राइडेमॉर्फ, (12) ट्राइफ्लूरेलिन, (13) अलाक्लोर, (14) डाइक्लोरवॉस, (15) फोरेट, (16) फॉस्फामिडॉन, (17) ट्राइऐजोफॉस तथा (18) ट्राइक्लोरफॉन।