मौर्य साम्राज्य (UPPCS) (Part-2)

Total Questions: 49

1. ब्राह्मी लिपि का प्रथम उद्वाचन किस पर उत्कीर्ण अक्षरों से किया गया? [U.P.P.C.S. (Mains) 2008]

Correct Answer: (a) पत्थर की पट्टियों पर
Solution:ब्राह्मी लिपि का प्रथम उद्वाचन पत्थर की पट्टियों (शिलालेखों) पर उत्कीर्ण अक्षरों से किया गया था। इस कार्य को संपादित करने वाले प्रथम विद्वान सर 'जेम्स प्रिंसेप' थे, जिन्होंने अशोक के अभिलेखों को पढ़ने का श्रेय हासिल किया।

2. अशोक के शिलालेखों को सर्वप्रथम किसने पढ़ा था? [L.A.S. (Pre) 1993 U.P.P.C.S. (Mains) 2006 U.P.P.S.C. (GIC) 2010]

Correct Answer: (c) जेम्स प्रिंसेप
Solution:ब्राह्मी लिपि का प्रथम उद्वाचन पत्थर की पट्टियों (शिलालेखों) पर उत्कीर्ण अक्षरों से किया गया था। इस कार्य को संपादित करने वाले प्रथम विद्वान सर 'जेम्स प्रिंसेप' थे, जिन्होंने अशोक के अभिलेखों को पढ़ने का श्रेय हासिल किया।

3. अशोक के अभिलेखों को सर्वप्रथम पढ़ा था- [U.P.P.S.C. (R.I.) 2014]

Correct Answer: (a) जेम्स प्रिंसेप ने
Solution:ब्राह्मी लिपि का प्रथम उद्वाचन पत्थर की पट्टियों (शिलालेखों) पर उत्कीर्ण अक्षरों से किया गया था। इस कार्य को संपादित करने वाले प्रथम विद्वान सर 'जेम्स प्रिंसेप' थे, जिन्होंने अशोक के अभिलेखों को पढ़ने का श्रेय हासिल किया।

4. ब्राह्मी लिपि को सर्वप्रथम किसने पढ़ा ? [U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008 48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008]

Correct Answer: (d) जेम्स प्रिंसेप
Solution:ब्राह्मी लिपि का प्रथम उद्वाचन पत्थर की पट्टियों (शिलालेखों) पर उत्कीर्ण अक्षरों से किया गया था। इस कार्य को संपादित करने वाले प्रथम विद्वान सर 'जेम्स प्रिंसेप' थे, जिन्होंने अशोक के अभिलेखों को पढ़ने का श्रेय हासिल किया।

5. अशोक के शिलालेखों को पढ़ने वाला प्रथम अंग्रेज कौन था? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2003]

Correct Answer: (d) जेम्स प्रिंसेप
Solution:ब्राह्मी लिपि का प्रथम उद्वाचन पत्थर की पट्टियों (शिलालेखों) पर उत्कीर्ण अक्षरों से किया गया था। इस कार्य को संपादित करने वाले प्रथम विद्वान सर 'जेम्स प्रिंसेप' थे, जिन्होंने अशोक के अभिलेखों को पढ़ने का श्रेय हासिल किया।

6. सम्राट अशोक के राजादेशों का सबसे पहले विकूटन (डिसाइफर) किसने किया था? [I.A.S. (Pre) 2016]

Correct Answer: (b) जेम्स प्रिंसेप
Solution:ब्राह्मी लिपि का प्रथम उद्वाचन पत्थर की पट्टियों (शिलालेखों) पर उत्कीर्ण अक्षरों से किया गया था। इस कार्य को संपादित करने वाले प्रथम विद्वान सर 'जेम्स प्रिंसेप' थे, जिन्होंने अशोक के अभिलेखों को पढ़ने का श्रेय हासिल किया।

7. मौर्य साम्राज्य के पेशावर के निकट उत्तर-पश्चिम भाग में अशोक के शिलालेख थे- [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (d) खरोष्ठी लिपि में
Solution:मौर्य साम्राज्य के पेशावर के निकट उत्तर-पश्चिम भाग में खरोष्ठी लिपि में अशोक के अभिलेख प्राप्त हुए हैं। अशोक के अधिकांश अभिलेख प्राकृत भाषा एवं ब्राह्मी लिपि में लिखे गए हैं। दो अभिलेखों 'शाहबाजगढ़ी' एवं 'मानसेहरा' की लिपि ब्राह्मी न होकर खरोष्ठी है। शर-ए-कुना की लिपि आरमेइक एवं ग्रीक है।

8. वह स्थान, जहां प्राक् अशोक ब्राह्मी लिपि का पता चला है - [U.P. P.C.S. (Spl.) (Pre) 2008]

Correct Answer: (b) अनुराधापुर
Solution:प्राक् अशोक ब्राह्मी (चौथी शताब्दी ईसा पूर्व) लिपि का पता श्रीलंका स्थित अनुराधापुर से चला। कुछ और स्थानों के अभिलेखों से इस प्रकार की लिपि का साक्ष्य मिला है, जिनके नाम इस प्रकार हैं-पिपरहवा, सोहगौरा और महास्थान।

9. प्राचीन भारत में निम्नलिखित में से कौन-सी एक लिपि दाईं ओर से बाईं ओर लिखी जाती थी? [I.A.S. (Pre) 1997]

Correct Answer: (d) खरोष्ठी
Solution:प्राचीन भारत में खरोष्ठी लिपि दाएं से बाएं लिखी जाती थी। इसे पढ़ने का श्रेय, प्रिंसेप (1835 ई.), ग्रोटेफेंड (1836 ई.), लैसेन (1838 ई.) आदि विद्वानों को है। यह मुख्यतः उत्तर-पश्चिम भारत की लिपि थी।

10. निम्नलिखित में से प्राचीन भारत की कौन-सी लिपि दाहिने से बाईं ओर लिखी जाती थी? [65th B.P.S.C. (Pre) 2019]

Correct Answer: (c) खरोष्ठी
Solution:प्राचीन भारत में खरोष्ठी लिपि दाएं से बाएं लिखी जाती थी। इसे पढ़ने का श्रेय, प्रिंसेप (1835 ई.), ग्रोटेफेंड (1836 ई.), लैसेन (1838 ई.) आदि विद्वानों को है। यह मुख्यतः उत्तर-पश्चिम भारत की लिपि थी।