यूरोपीय कंपनियों का आगमन (आधुनिक भारतीय इतिहास)

Total Questions: 17

1. ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना वर्ष ....... में हुई थी। [CHSL (T-I) 10 जनवरी, 2017 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) 1600
Solution:

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी (EIC) की स्थापना 31 दिसंबर 1600 में हुई थी। इसे इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम से एक शाही चार्टर मिला, जिसने इसे पूरब के साथ व्यापार करने का एकाधिकार दिया।

इसका मुख्य उद्देश्य मसालों और अन्य वस्तुओं से लाभ कमाना था। यह एकाधिकार कंपनी को अन्य ब्रिटिश व्यापारियों से प्रतिस्पर्धा के बिना भारत में वाणिज्यिक गतिविधियाँ शुरू करने में सहायक रहा, जो आगे चलकर भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन की नींव बनी।

2. ईस्ट इंडिया कंपनी ने इंग्लैंड की शासक महारानी एलिजाबेथ -1 से एक चार्टर प्राप्त किया, जिसने इसे वर्ष ....... में पूर्व के साथ व्यापार करने का एकमात्र अधिकार प्रदान किया। [SSC JE मैकेनिकल परीक्षा 22 मार्च, 2021 (I-पाली)]

Correct Answer: (d) 1600
Solution:

ईस्ट इंडिया कंपनी को वर्ष 1600 में महारानी एलिजाबेथ प्रथम से चार्टर मिला। यह चार्टर 21 वर्षों की अवधि के लिए था, जिसने कंपनी को एशिया और ईस्ट इंडीज के साथ व्यापार करने का एकमात्र अधिकार प्रदान किया।

यह शाही अनुमति कंपनी के लिए आवश्यक थी क्योंकि इसने उसे अन्य ब्रिटिश व्यापारियों की प्रतिस्पर्धा से बचाया और उसे एक मज़बूत व्यापारिक इकाई के रूप में स्थापित किया। इस चार्टर ने ही कंपनी को एक संप्रभु व्यापारिक शक्ति के रूप में कार्य करने का अधिकार दिया।

3. बक्सर का युद्ध हेक्टर मुनरो के नेतृत्व वाली ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की कमान के अधीन सेनाओं और ....... की संयुक्त सेनाओं के बीच हुआ था। [C.P.O.S.I. (T-1) 09 नवंबर, 2022 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) मीर कासिम, मुगल बादशाह शाहआलम II और अवध के शुजाउद्दौला
Solution:

बक्सर का युद्ध 22 अक्टूबर 1764 को लड़ा गया था। यह युद्ध ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना (नेतृत्व: हेक्टर मुनरो) और तीन भारतीय शक्तियों की संयुक्त सेनाओं के बीच हुआ था।

बंगाल के अपदस्थ नवाब मीर कासिम, मुगल सम्राट शाहआलम II, और अवध के नवाब शुजाउद्दौला। ब्रिटिश विजय निर्णायक थी, जिसने बंगाल पर कंपनी के प्रभुत्व को वैध कर दिया और भारत में ब्रिटिश शक्ति के विस्तार का मार्ग प्रशस्त किया।

4. भारत आने वाले यात्रियों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन पुर्तगाल से था? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 30 नवंबर, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (d) दुआर्ट बारबोसा
Solution:

दुआर्ट बारबोसा एक पुर्तगाली लेखक और नौसैनिक अधिकारी थे। वह 16वीं शताब्दी की शुरुआत में भारत आए थे और उन्होंने पुर्तगाली भारत में विभिन्न पदों पर कार्य किया।

उनकी प्रसिद्ध कृति "द बुक ऑफ दुआर्ट बारबोसा" उस समय के भारतीय तटीय क्षेत्रों, रीति-रिवाजों और व्यापार के बारे में विस्तृत और मूल्यवान जानकारी प्रदान करती है। उन्होंने पुर्तगाली नौसेना में रहते हुए कोचीन और कन्नूर जैसे स्थानों पर सेवा दी, जिससे भारत के बारे में यूरोपीय ज्ञान में वृद्धि हुई।

5. ब्रिटिश सेना और डच सेना के बीच बेदरा का युद्ध (Battle of Bedara) कब लड़ा गया था? [CHSL (T-I) 11 अगस्त, 2021 (II-पाली)]

Correct Answer: (a) 1759
Solution:

बेदरा का युद्ध (Battle of Bedara), जो नवंबर 1759 में लड़ा गया, ब्रिटिश और डच ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं के बीच हुआ था। इस युद्ध में ब्रिटिश सेना विजयी रही, जिसने भारत में डच शक्ति को प्रभावी ढंग से समाप्त कर दिया।

यह लड़ाई बंगाल के चिनसुरा (हुगली नदी के पास) में हुई थी। इस निर्णायक हार के बाद, डचों ने भारत में अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं छोड़ दीं और इंडोनेशिया पर अपना ध्यान केंद्रित किया, जिससे भारत में ब्रिटिश सर्वोच्चता सुनिश्चित हुई।

6. सन् ....... में, ईस्ट इंडिया कंपनी ने इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम से एक चार्टर अर्थात इजाजतनामा हासिल कर लिया, जिसने कंपनी को पूरब से व्यापार करने का एकाधिकार दे दिया। [CHSL (T-I) 16 मार्च, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (a) 1600
Solution:

सन् 1600 में, ईस्ट इंडिया कंपनी को इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ प्रथम से एक चार्टर प्राप्त हुआ। यह इजाजतनामा (चार्टर) कंपनी को पूरब के साथ व्यापार करने का एकाधिकार देता था, जिसका अर्थ था कि कोई अन्य ब्रिटिश नागरिक या कंपनी रानी की अनुमति के बिना इस क्षेत्र में व्यापार नहीं कर सकती थी।

यह एकाधिकार कंपनी के लिए आर्थिक रूप से अत्यधिक महत्वपूर्ण था, जिसने उसे एक शक्तिशाली व्यापारिक और राजनीतिक संस्था के रूप में विकसित होने में मदद की।

7. 1498 में, निम्नलिखित में से वह पहला यूरोपीय व्यक्ति कौन था, जिसने अफ्रीका के चारों ओर नौकायन किया और यूरोप से भारत तक एक नया समुद्री मार्ग खोजा ? [SSC JE मैकेनिकल परीक्षा 27 अक्टूबर, 2020 (I-पाली)]

Correct Answer: (d) वास्कोडिगामा
Solution:

वास्कोडिगामा वह पहले यूरोपीय थे जिन्होंने 1498 में अफ्रीका के चारों ओर नौकायन करते हुए यूरोप से भारत तक सीधा समुद्री मार्ग खोजा। वह केरल के कालीकट (कोझीकोड) बंदरगाह पर पहुंचे थे।

उनकी यह खोज पुर्तगालियों के लिए और बाद में अन्य यूरोपीय शक्तियों के लिए भारत के साथ सीधा व्यापार शुरू करने का मार्ग बनी, जिससे अरबों और वेनिस के एकाधिकार को चुनौती मिली और वैश्विक व्यापार के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू हुआ।

8. पुर्तगालियों द्वारा श्रीलंका की खोज किस वर्ष की गई थी? [MTS (T-I) 27 अक्टूबर, 2021 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) 1505
Solution:

पुर्तगालियों द्वारा श्रीलंका की खोज 1505 में की गई थी। फ्रांसिस्को डी अल्मेडा के नेतृत्व में एक पुर्तगाली बेड़ा गलती से कोलंबो (श्रीलंका) के तट पर पहुँचा। पुर्तगाली पहले यूरोपीय थे जिन्होंने श्रीलंका में एक स्थायी व्यापारिक और सैन्य उपस्थिति स्थापित की।

उन्होंने द्वीप के तटीय क्षेत्रों पर नियंत्रण करके दालचीनी और अन्य मसालों के व्यापार पर प्रभुत्व स्थापित किया। इस आगमन ने श्रीलंका के इतिहास और राजनीति को गहरा प्रभावित किया।

9. मीर कासिम का नाम भारत के निम्नलिखित में से किस युद्ध से संबंधित है? [CHSL (T-I) 03 अगस्त, 2023 (IV-पाली)]

Correct Answer: (a) बक्सर का युद्ध
Solution:

मीर कासिम का नाम प्रमुख रूप से बक्सर के युद्ध (1764) से जुड़ा हुआ है। वह बंगाल का नवाब था, जिसे अंग्रेजों ने 1763 में मीर जाफर की जगह नवाब बनाया था। हालाँकि, जब मीर कासिम ने अपनी संप्रभुता स्थापित करने और अंग्रेजों के व्यापारिक विशेषाधिकारों को सीमित करने का प्रयास किया, तो उसका अंग्रेजों से संघर्ष हुआ।

इस संघर्ष के कारण उसे नवाब पद से हटा दिया गया, जिसके बाद उसने अंग्रेजों को चुनौती देने के लिए एक संयुक्त सेना का गठन किया और बक्सर में लड़ा।

10. बक्सर के युद्ध में अंग्रेजी सेना का नेतृत्व किसने किया था? [CGL (T-I) 17 जुलाई, 2023 (I-पाली), दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 15 नवंबर, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) हेक्टर मुनरो
Solution:

बक्सर के युद्ध (1764) में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना का नेतृत्व मेजर हेक्टर मुनरो ने किया था। मुनरो एक अनुभवी ब्रिटिश सैन्य अधिकारी थे। उनके नेतृत्व में ब्रिटिश सेना ने मीर कासिम, शुजाउद्दौला, और शाहआलम II की संयुक्त सेना को निर्णायक रूप से पराजित किया।

उनकी सामरिक कुशलता और कंपनी की अनुशासित सेना ने इस जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने भारत में ब्रिटिश राजनीतिक और सैन्य सर्वोच्चता को सुदृढ़ किया।