रस

परिभाषा

Total Questions: 50

1. साहित्य में रस का अर्थ होता है? [उ.प्र. पुलिस कांस्टेबिल पुनर्परीक्षा 26 अक्टूबर, 2018 (I-पाली)]

Correct Answer: (d) साहित्य से मिलने वाली आनन्दानुभूति
Solution:साहित्य में रस का अर्थ साहित्य से मिलने वाली आनन्दानुभूति से है।

2. 'रसो वै सः' रस से सम्बन्धित इस कथन का उल्लेख इनमें से किस ग्रन्थ में हुआ है? [G.I.C. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2015]

Correct Answer: (c) तैत्तिरीय उपनिषद्
Solution:रस से सम्बन्धित कथन का उल्लेख 'तैत्तिरीय उपनिषद्' ग्रन्थ में इस प्रकार से हुआ है-रसो वै सः'।

3. निम्नलिखित में से कौन-सा रस का अवयव नहीं है? [UGC हिन्दी तृतीय प्रश्न-पत्र नवंबर, 2017]

Correct Answer: (a) भाव
Solution:विभाव, अनुभाव तथा संचारीभाव रस के अवयव हैं, जबकि 'भाव' रस का अवयव नहीं है। भरतमुनि अपने रससूत्र में स्थायी भाव का उल्लेख नहीं करते हैं।

अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य

विभाव सहृदय में वासना या संस्कार रूप से मूल भावों को उ‌द्घोषित करने वाला कारण विभाव कहलाती है।

विभावों के बाद जो भाव उत्पन्न होते हैं, उन्हें 'अनुभाव' कहा जाता है।

संचारी भाव, स्थायी भाव के सहकारी कारण होते हैं और सभी रसों में संचार करते हैं। अतः इन्हें संचारी या व्यभिचारी भाव कहा जाता है। भरतमुनि ने संचारी भावों की संख्या 33 माना है।

4. 'विभावानुभावव्यभिचारिसंयोगाद्रसनिष्पत्तिः' को प्रतिपादित किया [P.G.T. परीक्षा, 2004/P.G.T. परीक्षा, 2013, T.G.T. परीक्षा, 2005]

Correct Answer: (b) भरतमुनि ने
Solution:'नाट्यशास्त्र' में भरतमुनि ने 'रस' की व्याख्या करते हुए कहा है- 'वि भावानुभावव्यभिचारिसंयोगाद्रसनिष्पत्तिः' अर्थात् विभाव, अनुभाव तथा व्यभिचारी भाव के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है। इनके इस सूत्र में स्थायी भाव का उल्लेख नहीं है। भरतमुनि कृत 'नाट्यशास्त्र' के अनुसार, अनुभावों का विशेष उपयोग अभिनय की दृष्टि से ही होता है। भरतमुनि ने श्रृंगार, हास्य, करुण, रौद्र, वीर, भयानक, वीभत्स और अ‌द्भुत सहित कुल आठ रस को स्वीकार किया है।

5. किस भाव की परिपक्व अवस्था को रस कहा जाता है? [UPSSSC ग्राम पंचायत अधिकारी पुनर्परीक्षा, 2016]

Correct Answer: (d) स्थायी भाव
Solution:स्थायी भाव की परिपक्व अवस्था को 'रस' कहा जाता है। मानव हृदय में कुछ भाव जन्मकाल से ही स्थायी रूप से विद्यमान रहते हैं, जिन्हें 'स्थायी भाव' कहते हैं।

6. हिन्दी साहित्य में वात्सल्य रस को मिलाकर कुल कितने काव्य-रस हैं? [उ.प्र. पुलिस कांस्टेबिल निरस्त परीक्षा, 2024]

Correct Answer: (c) 10
Solution:सामान्यतः 9 रसों की संकल्पना दी गई है, किन्तु वात्सल्य को 10वाँ रस तथा भक्ति को 11वाँ रस मान लिया गया है। वात्सल्य रस का स्थायी भाव पुत्र के प्रति स्नेह होता है।

7. काव्यशास्त्र के सन्दर्भ में 'नवरस' से क्या अभिप्राय है? [K.V.S. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2014]

Correct Answer: (d) नौ रस
Solution:काव्यशास्त्र के सन्दर्भ में 'नवरस' से अभिप्राय 'नौ रस' से है। ये नौ रस इस प्रकार हैं- श्रृंगार रस, हास्य रस, करुण रस, रौद्र रस, वीर रस, भयानक रस, वीभत्स रस, अद्भुत रस तथा शान्त रस।

8. 'वेपथु' कैसा अनुभाव है? [P.G.T. परीक्षा, 2000]

Correct Answer: (c) सात्त्विक
Solution:वेपथु (कम्पन) सात्त्विक अनुभाव है। सात्त्विक अनुभावों की संख्या आठ मानी गई है, जो इस प्रकार हैं- रोमांच, स्वेद, स्वर-भंग, वेपथु, वैवर्ण्य, अश्रु, स्तम्भ एवं प्रलय ।

9. ज्यौं ज्यौं पटु झटकति, हठति, हँसति नचावति नैन। त्यौं-त्यौं निपट उदारहु फगुवा देत वनै न।। पंक्ति में कौन-सा अनुभाव है? [P.G.T. परीक्षा, 2010]

Correct Answer: (b) कायिक अनुभाव
Solution:प्रस्तुत पंक्तियों में पट (वस्त्र) का झटकना, हँसना तथा आँखों का नचाना यह इंगित करता है, कि यह सारी क्रिया शरीर के अंगों द्वारा हो रही है। अतः यह कायिक अनुभाव है।

10. वेश-भूषा से जो भाव प्रदर्शित किए जाते हैं, उन्हें....... कहा जाता है। [दिल्ली केन्द्रीय विद्यालय (P.G.T.) परीक्षा, 2015]

Correct Answer: (c) आहार्य
Solution:वेश-भूषा से जो भाव प्रदर्शित किए जाते हैं, उन्हें आहार्य कहा जाता है।