रस

परिभाषा

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21. रसोत्पत्ति में आश्रय की चेष्टाएँ क्या कही जाती हैं? [UP SI-2021]

Correct Answer: (c) अनुभाव
Solution:रसोत्पत्ति में आश्रय की चेष्टाएँ ही 'अनुभाव' कहलाती हैं।

भरतमुनि के अनुसार, अनुभाव तीन प्रकार के होते हैं- वाचिक, आंगिक तथा सात्त्विक ।

' काव्यदर्पणकार' रामदहिन मिश्र के अनुसार, अनुभाव 5 प्रकार के होते हैं।

22. रस के कितने अवयव हैं? [U.P. SI-2021]

Correct Answer: (d) चार
Solution:रस के चार अवयव होते हैं।

(1)विभाव- (i) यह रस निष्पत्ति का आधारभूत तत्त्व है। (ii) यह रस का कारण है। (iii) यह स्थायीभाव का विभावन करके उसे आस्वाद योग्य बनाता है।

विभाव के प्रकार- (i) आलम्बन विभाव (ii) उद्दीपन विभाव

(2) अनुभाव (i) विभावों के बाद उत्पन्न होता है। (ii) यह स्थायीभाव का अनुभव कराता है। (iii) इसे रस का कार्य कहते हैं।

अनुभाव के प्रकार- (i) कायिक, (ii) मानसिक, (iii) आहार्य, (iv) वाचिक, (v) सात्त्विक ।

(3) व्यभिचारीभाव- (i) इसे संचारीभाव भी कहते हैं। (ii)

संचारी भावों की संख्या भरत मुनि ने (33) मानी है। (iii) भानुदत्त ने संस्कृत साहित्य में 34वाँ संचारीभाव 'छल' को माना है। आचार्य रामचन्द्र शुक्ल जी ने 'चकपकाहट' को 35वाँ संचारी भाव माना है।

4) स्थायीभाव (i) भरत मुनि ने अपने रससूत्र में इसका उल्लेख नहीं किया है। (ii) यह सभी भावों को अपने में विलीन कर लेता है।

23. रस के कितने अंग हैं? [MPSI (SI) Exam, 01 Nov 2017 (09:00 AM)]

Correct Answer: (c) चार
Solution:रस के चार अंग माने गए हैं। यथा-स्थायी भाव, विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव।

24. रस के अनुसार, अपस्मार है- [MPSI (SI) Exam, 08 Sep 2016 (02:00 PM) दिल्ली केन्द्रीय विद्यालय (P.G.T.) परीक्षा, 2019]

Correct Answer: (b) संचारी भाव का एक प्रकार
Solution:भरत मुनि ने रस में 33 संचारी भावों को मान्यता प्रदान की है, जो इस प्रकार हैं- (1) हर्ष (2) विषाद (3) त्रास (4) लज्जा (5) ग्लानि (6) चिन्ता (7) शंका (8) असूया (9) अमर्ष (10) मोह (11) गर्व (12) उत्सुकता (13) उग्रता (14) चपलता (15) दीनता (16) जड़ता (17) आवेग (18) निर्वेद (19) धृति (20) मति (21) विबोध (22) वितर्क (23) श्रम (24) आलस्य (25) निद्रा (26) स्वप्न (27) स्मृति (28) मद (29) उन्माद (30) अवहित्था (31) अपस्मार (32) व्याधि (33) मरण।

25. रसों के संचारी भावों की कुल संख्या होती है- [T.G.T. परीक्षा, 2001 P.G.T. परीक्षा, 2010 / P.G.T. परीक्षा, 2011]

Correct Answer: (c) 33
Solution:संचारी भावों की कुल संख्या 33 मानी गई है।

26. रसों को उदित और उद्दीप्त करने वाली सामग्री क्या कहलाती है? [UP. TET Exam IInd Paper (VI-VIII), 2016]

Correct Answer: (a) विभाव
Solution:रसों को उदित एवं उद्दीप्त करने वाली सामग्री विभाव कहलाती है। विभाव के दो भेद हैं- आलम्बन तथा उद्दीपन ।

27. निम्नलिखित में से कौन-सा स्थायी भाव नहीं है? [आश्रम पद्धति (प्रवक्ता) परीक्षा, 2009, 2012]

Correct Answer: (a) विषाद
Solution:विषाद किसी भी रस का स्थायी भाव नहीं है, जबकि जुगुप्सा-वीभत्स रस, निर्वेद-शान्त रस तथा हास-हास्य रस का स्थायी भाव है।

28. 'रस-सामग्री' किस विकल्प में दी गई है? [K.V.S. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2014]

Correct Answer: (b) विभाव, अनुभाव, संचारी, स्थायी भाव
Solution:रस के अंगों को रस-सामग्री कहते हैं। रस के चार अंग हैं- स्थायी भाव, विभाव, अनुभाव तथा संचारी भाव। संचारी भाव को व्यभिचारी भाव भी कहते हैं।

29. अमर्ष क्या है? [UPSSSC ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा, 2016]

Correct Answer: (b) एक संचारी भाव
Solution:'अमर्ष' एक संचारी भाव है। व्यभिचारी या संचारी भाव 'स्थायी भावों' के सहायक हैं, जो अनुकूल परिस्थितियों में घटते-बढ़ते हैं। भरतमुनि संचारी भावों की संख्या 33 मानते हैं।

30. भरत के 'रससूत्र' में निम्नलिखित में से किसका उल्लेख नहीं है? [Revenue Insp. Exam-2014 (IInd Paper, Part-I)]

Correct Answer: (c) स्थायी भाव
Solution:भरत के 'रससूत्र' में स्थायी भाव का उल्लेख नहीं है। भरतमुनि ने सर्वप्रथम 'रस' का उल्लेख अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ 'नाट्यशास्त्र' में किया।