Solution:भारत के केंद्रीय बजट में राजकोषीय घाटा बताता है कि सरकार को अपने खर्चों को पूरा करने के लिए कितने और पैसों की जरूरत है। जब बजटीय घाटे में उधार और अन्य देयताओं को जोड़ दिया जाता है, तब राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) प्राप्त होता है।
राजकोषीय घाटा = बजटीय घाटा उधार और अन्य देयताएं बजटीय घाटे की तुलना में राजकोषीय घाटा अर्थव्यवस्था की वास्तविक में स्थिति को और अधिक स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है। बजटीय घाटे सार्वजनिक ऋण को भी एक आय मान लिया जाता है, जबकि राजकोषीय घाटे में ऋण को आय नहीं माना जाता है।
राजकोषीय घाटा = [(राजस्व प्राप्तियां + ऋणों की वसूली + अन्य प्राप्तियां) - (कुल व्यय )]
किसी वित्तीय वर्ष के अन्तर्गत सरकार के कुल आय और कुल व्यय का अंतर ही सकल राजकोषीय घाटा (Gross Fiscal Deficit) कहलाता है।
सकल राजकोषीय घाटा = राजस्व घाटा पूंजीगत व्यय सकल राजकोषीय घाटा = कुल व्यय (पूंजीगत प्राप्तियां + गैर-ऋण बनाने वाली पूंजी प्राप्ति)
जब सकल राजकोषीय घाटे की कुल आय एवं कुल व्यय के अंतर को ऋण अदायगी के साथ समायोजित किया जाता है, तो उसे निवल राजकोषीय घाटा कहते हैं।
निवल राजकोषीय घाटा = सकल राजकोषीय घाटा ऋण की अदायगी