राजकोषीय नीति एवं राजस्व (भाग – 3)(आर्थिक विकास)

Total Questions: 50

1. भारत के केंद्रीय बजट में राजकोषीय घाटे का तात्पर्य होता है [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (c) राजकोषीय घाटा बताता है कि सरकार को अपने खर्चों को पूरा करने के लिए कितने और पैसों की जरूरत है।
Solution:भारत के केंद्रीय बजट में राजकोषीय घाटा बताता है कि सरकार को अपने खर्चों को पूरा करने के लिए कितने और पैसों की जरूरत है। जब बजटीय घाटे में उधार और अन्य देयताओं को जोड़ दिया जाता है, तब राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) प्राप्त होता है।

राजकोषीय घाटा = बजटीय घाटा उधार और अन्य देयताएं बजटीय घाटे की तुलना में राजकोषीय घाटा अर्थव्यवस्था की वास्तविक में स्थिति को और अधिक स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है। बजटीय घाटे सार्वजनिक ऋण को भी एक आय मान लिया जाता है, जबकि राजकोषीय घाटे में ऋण को आय नहीं माना जाता है।

राजकोषीय घाटा = [(राजस्व प्राप्तियां + ऋणों की वसूली + अन्य प्राप्तियां) - (कुल व्यय )]

किसी वित्तीय वर्ष के अन्तर्गत सरकार के कुल आय और कुल व्यय का अंतर ही सकल राजकोषीय घाटा (Gross Fiscal Deficit) कहलाता है।

सकल राजकोषीय घाटा = राजस्व घाटा पूंजीगत व्यय सकल राजकोषीय घाटा = कुल व्यय (पूंजीगत प्राप्तियां + गैर-ऋण बनाने वाली पूंजी प्राप्ति)

जब सकल राजकोषीय घाटे की कुल आय एवं कुल व्यय के अंतर को ऋण अदायगी के साथ समायोजित किया जाता है, तो उसे निवल राजकोषीय घाटा कहते हैं।

निवल राजकोषीय घाटा = सकल राजकोषीय घाटा ऋण की अदायगी

2. कथन (A) : राजकोषीय घाटा, बजटीय घाटे से बड़ा होता है। [I.A.S. (Pre) 1999]

कारण (R) : राजकोषीय घाटे का अर्थ है, सरकार द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक से उधार लेकर तथा अन्य देयताओं से लेकर अपने खर्च पूरे करना।

 

Correct Answer: (a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
Solution:राजकोषीय घाटा, बजटीय घाटे से बड़ा होता है। इसका कारण यह है कि बजटीय घाटा जहां सरकार के कुल व्यय एवं कुल प्राप्तियों का अंतर होता है, वहीं राजकोषीय घाटा सरकार की कुल आय और कुल व्यय का अंतर होता है। सार्वजनिक ऋण एवं अन्य देयताएं सरकार की प्राप्तियां तो हैं, किंतु ये सरकार की आय नहीं हैं क्योंकि सरकार पर इन्हें लौटाने का दायित्व रहता है। अतः राजकोषीय घाटा बजट घाटे की अपेक्षा अधिक होता है।

3. यदि सकल राजकोषीय घाटे में से ब्याज भुगतान को निकाल दिया जाए, तो अवशेष को कहा जाएगा- [U.P.P.C.S. (Mains) 2008 U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]

Correct Answer: (a) सकल प्राथमिक घाटा
Solution:यदि सकल राजकोषीय घाटे में से ब्याज भुगतान को निकाल दिया जाए, तो अवशेष को सकल प्राथमिक घाटा कहा जाएगा।

प्राथमिक घाटा = राजकोषीय घाटा ब्याज भुगतान

या

राजकोषीय घाटा = प्राथमिक घाटा ब्याज भुगतान

4. यदि प्राथमिक घाटे में ब्याज भुगतान को सम्मिलित कर लिया जाए, तो यह बराबर होता है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2010]

Correct Answer: (b) राजकोषीय घाटे के
Solution:यदि सकल राजकोषीय घाटे में से ब्याज भुगतान को निकाल दिया जाए, तो अवशेष को सकल प्राथमिक घाटा कहा जाएगा।

प्राथमिक घाटा = राजकोषीय घाटा ब्याज भुगतान

या

राजकोषीय घाटा = प्राथमिक घाटा ब्याज भुगतान

5. यदि प्राथमिक घाटा शून्य है तब उधार की राशि होगी- [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (c) ब्याज भुगतान के ठीक बराबर।
Solution:यदि प्राथमिक घाटा शून्य है, तब इसका अर्थ यह है कि, राजकोषीय घाटा तथा ब्याज भुगतान दोनों बराबर हैं, क्योंकि प्राथमिक घाटा = राजकोषीय घाटा - ब्याज भुगतान

6. संघ बजट 2010-11 में प्राथमिक घाटा अनुमानित किया गया है- [U.P.P.C.S. (Mains) 2009]

Correct Answer: (a) सकल घरेलू उत्पाद के 2.0 प्रतिशत से कम।
Solution:प्रश्नकाल में विकल्प (a) सही उत्तर था। बजट अनुमान 2024-25 में प्राथमिक घाटा GDP का 1.5% अनुमानित है, जबकि वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान एवं संशोधित अनुमान (दोनों में) हेतु यह 2.3% दर्ज है।

7. भारत में राजस्व घाटे से तात्पर्य है कि- [66th B.P.S.C. (Pre) Exam. 2020]

Correct Answer: (b) भारत सरकार को अपने उन व्ययों के वित्तपोषण के लिए उधार लेने की आवश्यकता है, जो पूंजीगत परिसंपत्तियों का निर्माण नहीं करते हैं।
Solution:जब सरकार का राजस्व व्यय उसके राजस्व आय से अधिक होता है, तो इस अंतर को राजस्व घाटा कहते हैं। इसकी पूर्ति के लिए सरकार जो कर्ज लेती है, उससे कोई पूंजीगत संपत्ति सृजित नहीं होती, बल्कि केवल परिचालन लागत या दैनिक खर्च की पूर्ति होती है।

8. राजस्व घाटे में से पूंजी परिसंपत्तियों के सृजन हेतु अनुदान को घटाने पर हम पाते हैं - [U. P. P. C. S. (Mains) 2015]

Correct Answer: (d) प्रभावी राजस्व घाटा
Solution:प्रभावी राजस्व घाटा, राजस्व घाटा एवं पूंजी संपत्तियों के सृजन के लिए दिए गए अनुदान का अंतर है। प्रभावी राजस्व घाटे की धारणा को वित्तीय वर्ष 2011-2012 के केंद्रीय बजट से प्रारंभ किया गया है। घाटे की इस अवधारणा को लाने का प्रमुख उद्देश्य राजस्व खाते के संरचनात्मक असंतुलनों को व्यक्त करना है। इसे वित्तीय वर्ष 2012-13 के बजट से राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2003 (Fiscal Responsibility and Budget Management Act, 2003) के अंतर्गत सम्मिलित कर लिया गया। प्रभावी राजस्व घाटा = राजस्व घाटा पूंजी संपत्ति के सृजन से संबंधित अनुदान। बजट अनुमान 2023-24 तथा 2024-25 में प्रभावी राजस्व घाटे की दर GDP का क्रमशः 1.7 प्रतिशत तथा 0.8 प्रतिशत अनुमानित है, जबकि वर्ष 2023-24 (सं. अ.) में यह GDP का 1.8% अनुमानित है।

9. प्रभावी राजस्व घाटा किस केंद्रीय बजट में पेश किया गया? [56th to 59th B. P. S.C. (Pre) 2015]

Correct Answer: (b) 2011-12
Solution:प्रभावी राजस्व घाटा, राजस्व घाटा एवं पूंजी संपत्तियों के सृजन के लिए दिए गए अनुदान का अंतर है। प्रभावी राजस्व घाटे की धारणा को वित्तीय वर्ष 2011-2012 के केंद्रीय बजट से प्रारंभ किया गया है। घाटे की इस अवधारणा को लाने का प्रमुख उद्देश्य राजस्व खाते के संरचनात्मक असंतुलनों को व्यक्त करना है। इसे वित्तीय वर्ष 2012-13 के बजट से राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम, 2003 (Fiscal Responsibility and Budget Management Act, 2003) के अंतर्गत सम्मिलित कर लिया गया। प्रभावी राजस्व घाटा = राजस्व घाटा पूंजी संपत्ति के सृजन से संबंधित अनुदान। बजट अनुमान 2023-24 तथा 2024-25 में प्रभावी राजस्व घाटे की दर GDP का क्रमशः 1.7 प्रतिशत तथा 0.8 प्रतिशत अनुमानित है, जबकि वर्ष 2023-24 (सं. अ.) में यह GDP का 1.8% अनुमानित है।

10. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए- [I.A.S. (Pre) 2022]

1. घरेलू वित्तीय बचत का एक भाग सरकारी ऋणग्रहण के लिए जाता है।

2. नीलामी में बाज़ार-संबंधित दरों पर जारी दिनांकित प्रतिभूतियां, आंतरिक ऋण का एक बड़ा घटक होती हैं।

उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?

 

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:घरेलू वित्तीय बचत से तात्पर्य मुद्रा, बैंक जमा, ऋण प्रतिभूतियों, म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड, बीमा और परिवारों द्वारा छोटी बचत योजनाओं में निवेश से है। इस वित्तीय बचत का एक हिस्सा सरकारी उधार में जाता है, क्योंकि सरकार सरकारी प्रतिभूतियों के निर्गम के माध्यम से उधार लेती है, जिसे सरकारी प्रतिभूतियां और ट्रेजरी बिल कहा जाता है। अतः कथन । सही है। आंतरिक ऋण में विपणन योग्य ऋण (Mar- ketable debt) और गैर-विपणन योग्य (Non-marketable debt) शामिल होते हैं। विपणन योग्य ऋण में दिनांकित सरकारी प्रतिभूतियां और ट्रेजरी बिल शामिल हैं, जिन्हें नीलामी के माध्यम से जारी किया जाता है। नीलामी में बाजार-संबंधित दरों पर जारी दिनांकित प्रतिभूतियां, आंतरिक ऋण का एक बड़ा घटक होती हैं। अतः कथन भी 2 सही है।