1. राजकोषीय दायित्व और बजट प्रबंधन (एफ.आर.बी.एम.) समीक्षा समिति के प्रतिवेदन में सिफारिश की गई है कि वर्ष 2023 तक केंद्र एवं राज्य सरकारों को मिलाकर ऋण जी. डी.पी. अनुपात 60% रखा जाए, जिसमें केंद्र सरकार के लिए यह 40% तथा राज्य सरकारों के लिए 20% हो।
2. राज्य सरकारों के जी.डी.पी. के 49% की तुलना में केंद्र सरकार के लिए जी.डी.पी. का 21% घरेलू देयताएं हैं।
3. भारत के संविधान के अनुसार, यदि किसी राज्य के पास केंद्र सरकार की बकाया देयताएं हैं, तो उसे कोई भी ऋण लेने से पहले केंद्र सरकार से सहमति लेना अनिवार्य है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct Answer: (c) केवल 1 और 3
Solution:पूर्व राजस्व एवं व्यय सचिव और पूर्व सांसद तथा वर्तमान में 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन. के. सिंह की अध्यक्षता वाली राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (FRBM) समिति ने अपनी रिपोर्ट जनवरी, 2017 में पेश की। इस समिति के प्रतिवेदन में सिफारिश की गई है कि वर्ष 2023 तक केंद्र एवं राज्य सरकारों को मिलाकर ऋण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुपात 60 प्रतिशत रखा जाए, जिसमें केंद्र सरकार के लिए यह 40 प्रतिशत तथा राज्य सरकारों के लिए यह 20 प्रतिशत हो। वर्ष 2013 में ओईसीडी (OECD) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकारों के जीडीपी के 21 प्रतिशत की तुलना में केंद्र सरकार के लिए जीडीपी का 49.23 प्रतिशत घरेलू देयताएं हैं अर्थात राज्य सरकारों की तुलना में केंद्र सरकार की घरेलू देयताएं बहुत ही अधिक हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 293 की उपधारा (3) के अनुसार, यदि किसी राज्य के पास केंद्र सरकार की बकाया देयताएं हैं, तो उसे कोई भी ऋण लेने से पहले केंद्र सरकार से सहमति लेना अनिवार्य है। उपरोक्त व्याख्या के आधार पर स्पष्ट है कि दिए गए कथनों में कथन (1) एवं (3) सत्य हैं। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है।