लैटेराइट मिट्टी

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1. लैटेराइट मिट्टी मिलती है- [U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2006]

Correct Answer: (d) महाराष्ट्र में
Solution:लैटेराइट मिट्टी का सर्वाधिक विस्तार केरल राज्य (मालाबार तटीय प्रदेश) में और इसके बाद महाराष्ट्र में है। चूंकि विकल्प में केरल नहीं है, इसलिए अभीष्ट उत्तर महाराष्ट्र होगा।

2. लैटेराइट मिट्टियों का प्राधान्य है- [U.P.P.C.S. (Pre) 2000]

Correct Answer: (a) मालाबार तटीय प्रदेश में
Solution:लैटेराइट मिट्टी का सर्वाधिक विस्तार केरल राज्य (मालाबार तटीय प्रदेश) में और इसके बाद महाराष्ट्र में है। चूंकि विकल्प में केरल नहीं है, इसलिए अभीष्ट उत्तर महाराष्ट्र होगा।

3. निम्नलिखित कथनों में कौन लैटेराइट मिट्टियों के लिए सही नहीं है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2001]

Correct Answer: (d) उनमें चूना प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
Solution:लैटेराइट मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरिक अम्ल, पोटाश, चूना और कार्बनिक तत्वों की कमी पाई जाती है।

4. भारत में निम्नलिखित में से कौन-सा मृदा प्रारूप लोहे का अतिरेक होने के कारण अनुर्वर होता जा रहा है? [I.A.S. (Pre) 1994]

Correct Answer: (d) लैटेराइट
Solution:उपर्युक्त मिट्टियों में से केवल लैटेराइट में ही लौह ऑक्साइड पाया जाता है। स्पष्ट है कि लैटेराइट मृदा लोहे का अतिरेक होने के कारण अनुर्वर होती जा रही है।

5. भारत की लैटेराइट मिट्टियों के बारे में निम्नलिखित में से कौस् कथन सही हैं? [I.A.S. (Pre) 2013]

1. वे साधारणतः लाल रंग की होती हैं।

2. वे नाइट्रोजन और पोटाश से समृद्ध होती है।

3. उनका राजस्थान और उत्तर प्रदेश में अच्छा विकास हुवा है।

4. इन निट्टियों में टैपियोका और काजू की अच्छी उपज होती है।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए -

Correct Answer: (c) 1 और 4
Solution:लैटेराइट मिट्टी का लाल रंग लोहे के ऑक्साइड के कारण होता है। ये मिट्टियां सामान्यतः लौह तथा एल्युमीनियम में समृद्ध होती है, जबकि इनमें नाइट्रोजन, पोटाश, चूना तथा जैविक पदार्थों की कमी होती है। इस मृदा का सर्वाधिक विकास केरल, महाराष्ट्र एवं मेघालय में पाया जाता है। ये प्रायः कम उर्वरता वाली मिट्टियां हैं, किंतु उर्वरकों के प्रयोग से इनमें कपास, चावल, रागी, गन्ना, दाल, चाय, कहवा, टैपियोका और काजू आदि की कृषि की जाती है।

6. निम्न में से कौन-सा कथन भारत की लैटेराइट मृदा के संदर्भ में सत्य है? [Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]

1. लैटेराइट मृदा उच्च ताप व मारी वर्षा वाले क्षेत्र में विकसित होती है। 2. लैटेराइट मृदा जैविक (यूनत्त) समृद्ध होती है व पश्चिम बंगाल, असम व ओडिशा में पाई जाती है।

Correct Answer: (d) केवल 1 सत्य है।
Solution:लैटेराइट मृदा मानसून सदृश मौसमी वर्षा वाली उष्णकटिबंधीय जलवायु की विशिष्ट मृदा है। उष्णकटिबंधीय भारी वर्षा के कारण होने वाली तीव्र उपक्षालन/निक्षालन क्रिया के परिणामस्वरूप लैटेराइट मृदा का निर्माण होता है, परंतु इस मृदा की उर्वरता कम होती है अर्थात इनमें ह्यूमस की कमी होती है। यह मृदा केरल, पूर्वी तमिलनाडु, ओडिशा, मेघालय, छोटा नागपुर पठार आदि क्षेत्रों में पाई जाती है।

7. निम्नलिखित कथनों में से लेटेराइट मिट्टी के विषय में कौन सा कथन सही है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2023]

(1) यह मिट्टी उच्च तापमान एवं भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में विकसित होती है।

(2) इस मिट्टी में लौह ऑक्साइड एवं एल्युमीनियम की कमी पाई जाती है।

नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए -

Correct Answer: (c) केवल (1)
Solution:लेटेराइट एक मिट्टी और एक चट्टान दोनों है, जो लोहे और एल्युमीनियम में समृद्ध है और इसे आमतौर पर गर्म और गीले उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में गठित माना जाता है। उत्तर लैवे प्रदे ये मिट्टी अंतर्निहित मूल चट्टान (Underlying parent rock) के गहन और लंबे समय तक अपक्षय द्वारा विकसित होते हैं (आमतौर पर जब उच्च तापमान और वैकल्पिक गीली और शुल्क अवधि के साथ भारी वर्षा होती है)

8. कथन: [I.A.S. (Pre) 2006]

कथन (A) : पश्चिम बंगाल की तुलना में आंध्र प्रदेश के शुद्ध रोपित क्षेत्र की उसके कुल क्षेत्रफल में प्रतिशतता कम है।

कारण (R) : अधिकांश आंध्र प्रदेश की मृदा मखरला (लैटेराइट) प्रकार की है।

Correct Answer: (c) (A) सही है, किंतु (R) गलत है।
Solution:प्रश्नकाल में प. बंगाल का शुद्ध रोपित क्षेत्र (Net Sown Area) लगभग 60 प्रतिशत था, जबकि आंध्र प्रदेश का रोपित क्षेत्र (Sown Area) 40 प्रतिशत था। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2019-20 में पं. बंगाल में अपने भौगोलिक क्षेत्र का शुद्ध रोपित क्षेत्र (Net sown Area) 59.15% है तथा आंध्र प्रदेश का यही आंकड़ा 36.10% है। अतः वर्तमान में भी कथन (A) सही है। लैटेराइट मिट्टी (Laterite soil) भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में अपक्षालन (leaching) से निर्मित होती है। यह भारत में केरल, पूर्वी तमिलनाडु के छोटे से भाग में, ओडिशा, छोटानागपुर पठार, पूर्वोत्तर में मेघालय के उत्तरी भाग तथा पश्चिमी घाट पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाती है। आंध्र प्रदेश के अधिकांश भाग पर लाल एवं जलोढ़ मिट्टी पाई जाती है। इस प्रकार कारण (R) सही नहीं है।