वर्णमाला

परिभाषा एवं परिचय

Total Questions: 50

11. वर्ण के प्रकार होते हैं। [M.P. Professional Exam.19.12.2017]

Correct Answer: (b) स्वर, व्यंजन, अयोगवाह
Solution:'वर्ण' ध्वनि भाषा की सबसे छोटी इकाई है। वर्णों को स्वर, व्यंजन व अयोगवाह विभक्त किया गया है तथा इनके व्यवस्थित क्रम को 'वर्णमाला' कहते हैं। विकल्प में दिए गए अन्य शब्द जैसे-हस्व स्वर, प्लुत स्वर, स्वर के प्रकार हैं तथा 'संयुक्त वर्ण' दो वर्षों के संयुक्त रूप को कहते हैं

12. व्यंजन और स्वर के संयुक्त रूप को क्या कहते हैं? [K.V.S. (प्रवक्ता) परीक्षा, 2014]

Correct Answer: (c) अक्षर
Solution:व्यंजन और स्वर के संयुक्त रूप को 'अक्षर' (जिनका क्षरण न हो) कहते हैं। वस्तुतः 'ध्वनि' को व्याकरण में अक्षर कहा जाता है। वर्णों का सार्थक क्रम जो निश्चित अर्थ दे, उसे 'शब्द' कहते हैं; एवं दो या दो से अधिक शब्दों के सार्थक समूह जो निश्चित अर्थ दे उन्हें 'वाक्य' कहते हैं।

13. हिन्दी में ध्वनियाँ कितने प्रकार की होती हैं? [UPSSSC ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा, 2018 (I)]

Correct Answer: (a) 2
Solution:हिन्दी में ध्वनियाँ दो (2) प्रकार की होती हैं- स्वर एवं व्यंजन। स्वर वे हैं, जो बिना किसी अन्य की सहायता से उच्चारित हो सकते हैं। व्यंजन वे हैं, जिनका उच्चारण स्वरों की सहायता से हो सकता है।

14. एक से अधिक वर्णों के मेल को कहते हैं- [UPSSSC ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा, 2018 (II)]

Correct Answer: (c) व्यंजन
Solution:हिन्दी वर्णमाला के तीन भाग किए जा सकते हैं, स्वर, व्यंजन, तथा अयोगवाह। स्वरों को वर्ण एवं अक्षर दोनों कहा जाता है, जबकि व्यंजन (स्वर रहित अक्षर) को केवल 'अक्षर कहते हैं, व्यंजनों में जब स्वर जुड़ जाता है, तो वे भी वर्ण कहलाने लगते हैं। जैसे-क् (क), ख् (ख) में 'अ' को जोड़ने पर ये 'क' तथा 'ख' हो जाते हैं और इनका उचारण भी सम्भव हो जाता है। अतः एक से अधिक वर्षों के मेल से व्यंजन बनते है। हिन्दी वर्णमाला इसी गुण के कारण आक्षरिक कहीं जाती है, क्योंकि इसमें व्यंजनों को अक्षर तथा स्वरों को भी अक्षर माना गया है।

15. उच्चारण के आधार पर व्यंजनों का वर्गीकरण कितने भागों में किया जा सकता है? [BPSC स्कूल टीचर परीक्षा, 2023]

Correct Answer: (a) छ:
Solution:उच्चारण के आधार पर व्यंजनों का वर्गीकरण 6 भागों में किया जा सकता है। जिन वर्णों का उच्चारण बिना स्वर की सहायता से होता है, उन्हें व्यंजन कहते हैं।

नोट: मूलतः देखा जाए, तो उच्चारण के आधार पर व्यंजनों का वर्गीकरण पाँच भागों में किया जा सकता है। दन्तोष्ठ्य व्यंजन 'व' दो मिश्रित स्थानों से उच्चरित होता है।

16. बोलते समय मुख के कितने उच्चारण स्थानों का प्रयोग किया जाता है? [UPP, 31 अगस्त, 2024 (Shift-I)]

Correct Answer: (b) पाँच
Solution:बोलते समय मुख्यतः मुख के पाँच उच्चारण स्थानों का प्रयोग किया जाता है, जो इस प्रकार हैं- कण्ठ, तालु, मूर्धा, दन्त तथा ओष्ठ। इसके अतिरिक्त इन अंगों के मिश्रित रूप से भी अनेक वर्षों के उच्चारण होते हैं। जैसे- कण्ठोष्ठ्य, दन्तोष्ठ्य आदि। उपर्युक्त पाँच मुखांगों से उच्चरित व्यंजन वर्णों को स्पर्श व्यंजन कहते हैं।

17. लिपि-चिह्नों के क्रमबद्ध समूह को क्या कहते हैं? [UPSSSC कनिष्ठ सहायक (सा.च.) परीक्षा, 2016 (II)]

Correct Answer: (d) वर्णमाला
Solution:लिपि-चिह्नों के क्रमबद्ध समूह को 'वर्णमाला' कहा जाता है। अक्षर उस ध्वनि को कहते हैं, जिसका क्षरण न हो सके अर्थात् जिसके टुकड़े न हो सकें। 'वर्ण' भाषा की सबसे छोटी इकाई को कहते हैं। वर्णों के समूह या समुदाय को 'वर्णमाला' कहते हैं।

18. स्वर के कितने प्रकार हैं? [BPSC स्कूल टीचर परीक्षा, 2023]

Correct Answer: (a) दो
Solution:'स्वर' वे वर्ण हैं, जिनका उच्चारण बिना किसी अवरोध के होता है। उत्पत्ति के अनुसार स्वरों के दो भेद हैं- मूलस्वर तथा सन्धि स्वर।

किसी एक मूल स्वर में उसी मूल स्वर के मिलाने से बनने वाले स्वर को 'दीर्घ स्वर' कहते हैं।

भिन्न-भिन्न स्वरों के मेल से जो स्वर उत्पन्न होते हैं, उन्हें संयुक्त स्वर कहते हैं।

19. ह्रस्व, दीर्घ और प्लुत किसके प्रकार हैं? [BPSC, स्कूल टीचर परीक्षा- 2023]

Correct Answer: (c) स्वर
Solution:ह्रस्व, दीर्घ और प्लुत 'स्वर' के प्रकार हैं। ह्रस्व को लघु स्वर, दीर्घ को गुरु स्वर तथा प्लुत को बहु-मात्रिक / त्रिमात्रिक स्वर कहते हैं। हिन्दी में हस्व तथा लघु स्वर का ही प्रयोग होता है। प्लुत स्वर हिन्दी के नाटकों में कहीं-कहीं प्रयुक्त होते हैं।

20. जिनका उच्चारण स्वतंत्रता से होता है और जो व्यंजन के उच्चारण में सहायक होते हैं, उसे कहते हैं- [UPSSSC ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा, 2018 (II)]

Correct Answer: (b) स्वर
Solution:जिस वर्ण का उच्चारण स्वतंत्रता से होता है और जो व्यंजनों के उच्चारण में सहायक होते हैं, उन्हें 'स्वर' कहा जाता है। 'व्यंजन' एक से अधिक वर्णों का मेल होता है, जो स्वरों की सहायता से उच्चरित होता है।

विसर्ग (:) का प्रयोग तत्सम शब्दों में होता है तथा यह स्वर के बाद आता है। संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते हैं, जिससे किसी विशेष वस्तु, भाव और जीव के नाम का बोध हो।