विदेशी विनिमय, एफ.डी.आई तथा विदेशी ऋण (भाग – 2)

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1. भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सी उसकी प्रमुख विशेषता मानी जाती है? [I.A.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (b) यह मुख्यतः ऋण सृजित न करने वाला पूंजी प्रवाह है।
Solution:प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI), भारत के बाहर के निवासी व्यक्तियों द्वारा गैर-सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों की पूंजीगत लिखतों के माध्यम से किया गया निवेश है। अथवा सूचीबद्ध भारतीय कंपनी की पूर्णतः डाइल्यूटेड आधार पर जारी प्रदत्त इक्विटी के 10 प्रतिशत तक अथवा उससे अधिक किया गया निवेश है। अतः विकल्प (a) गलत है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, भारतीय कंपनियों द्वारा जारी इक्विटी शेयर, डिबेंचर और अधिमान शेयर में किया जाने वाला निवेश है। अतः FDI सरकारी प्रतिभूतियों में किया जाने वाला निवेश नहीं। अतः विकल्प (d) गलत है।

इस तरह के निवेश में ऋण-समाशोधन अपेक्षित नहीं होता है। अतः विकल्प (c) सही नहीं है। FDI से घरेलू अर्थव्यवस्था में नई पूंजी, नई प्रौद्योगिकी आती है और रोजगार के मौके बढ़ते हैं। यह मुख्यतः ऋण सृजित न करने वाली पूंजी प्रवाह है। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

2. निम्नलिखित में से कौन-सी बातें भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में समाविष्ट होंगी ? [I. A. S. (Pre) 2012]

1. भारत में विदेशी कंपनियों की सहायक कंपनियां

2. भारतीय कंपनियों में बहुसंख्यक विदेशी इक्विटी धारण

3. विदेशी कंपनियों द्वारा अनन्य रूप से वित्तपोषित कंपनियां

4. पोर्टफोलियो निवेश

निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए -

Correct Answer: (d) केवल 1,2 और 3
Solution:किसी विदेशी कंपनी के द्वारा किसी अन्य देश में अपनी सहायक कंपनियों की स्थापना करना तथा अन्य देशों की कंपनियों में बहुसंख्यक विदेशी पूंजी (इक्विटी के रूप में लगाने सहित) लगाने के साथ-साथ विदेशी कंपनियों द्वारा अनन्य रूप से वित्तपोषित कंपनियां विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के अंतर्गत शामिल होती हैं।

3. निम्नलिखित पर विचार कीजिए : [I. A. S. (Pre) 2021]

1. विदेशी मुद्रा संपरिवर्तनीय बॉण्ड

2. कुछ शर्तों के साथ विदेशी संस्थागत निवेश

3. वैश्विक निक्षेपागार (डिपॉजिटरी) प्राप्तियां

4. अनिवासी विदेशी जमा

उपर्युक्त में से किसे/किन्हें विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में सम्मिलित किया जा सकता है/किए जा सकते हैं?

Correct Answer: (a) 1, 2 और 3
Solution:अनिवेशी विदेशी जमाओं को छोड़कर शेष सभी 'प्रत्यक्ष विदेशी निवेश' (FDI) के तहत शामिल किए जाते हैं। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।

4. उदारीकरण कार्यक्रम के अधीन और विदेशी मुद्रा को आकर्षित करने के उद्देश्य से सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने दो योजनाएं बनाई थी, जो FCNR-'A' और FCNR-'B' कहलाती है। इन दो योजनाओं के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? [I.A.S. (Pre) 1995]

1. योजना 'A' के अधीन भारतीय रिजर्व बैंक विनिमय दर के उतार-चढ़ाव को भुगतता है।

2. योजना 'B' के अधीन विनिमय दर के उतार-चढ़ाव से आए अंतर को अन्य बैंक पूरा करते हैं।

3. अब दोनों योजनाएं वापस से ली गई हैं।

4. केवल योजना 'A' वापस ली गई है।

नीचे दिए हुए कूटों में से सही उत्तर का चयन कीजिए-

Correct Answer: (d) 1, 2 और 4
Solution:कथन 3 को छोड़कर अन्य सभी कथन सत्य हैं। वर्ष 1975 से अस्तित्व में रहे FCNR (A) को समाप्त कर इसकी जगह पर 15 मई, 1993 से FCNR (B) प्रारंभ किया गया था। FCNR (B) का पूर्ण रूप है- Foreign Currency Non-Resident (FCNR-B) Loans.

5. विकासशील देशों को विश्वव्यापी पूंजी-प्रवाह में नब्बे के दशक में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। पूर्वी एशियाई वित्तीय संकट और लैटिन अमेरिकी अनुभव को देखते हुए किस प्रकार का अंतर्वाह मेजबान देश के लिए अच्छा है? [I. A. S. (Pre) 2002]

Correct Answer: (b) विदेशी प्रत्यक्ष निवेश
Solution:पूर्वी एशियाई देशों एवं लैटिन अमेरिकी देशों में आए संकट का कारण वहां विदेशियों द्वारा किया गया अतिशय पोर्टफोलियो निवेश था। ऐसा निवेश अत्यधिक अस्थिर स्वभाव का होता है। इसके विपरीत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश स्थिर स्वभाव का होता है तथा यह देश के विकास में प्रभावी भूमिका अदा करता है। अतः प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मेजबान देश के लिए विदेशी पूंजी का सबसे प्रभावी एवं उपयोगी स्रोत है।

6. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) तथा संस्थागत विदेशी निवेशक (FII) दोनों ही, किसी देश में निवेश से संबद्ध हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा कथन दोनों के बीच की एक महत्वपूर्ण भिन्नता को सबसे अच्छे ढंग से व्यक्त करता है? [I.A.S. (Pre) 2011]

Correct Answer: (b) FII व्यापक स्तर पर पूंजी उपलब्धता बढ़ाने में सहायक है, जबकि FDI का लक्ष्य केवल विशिष्ट क्षेत्रों तक सीमित होता है
Solution:प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI), संस्थागत विदेशी निवेश (FII) की तुलना में स्थायी प्रकृति का होता है तथा यह अपने साथ बेहतर प्रबंधन कुशलताएं और प्रौद्योगिकी अंतरण को लाने में सहायक होता है, जबकि FII केवल पूंजी लेकर आता है। FII द्वितीयक बाजार में ही मुख्य रूप से चालित होता है। इस प्रकार विकल्प (a), (c) एवं (d) सही नहीं हैं। FII व्यापक स्तर पर पूंजी उपलब्धता बढ़ाने में सहायक है, भले ही यह अल्पावधिक एवं उत्प्लावक प्रकृति के हों। साथ ही FDI क्षेत्र-विशिष्ट होता है, अतः विकल्प (b) अभीष्ट उत्तर है।

7. निम्नलिखित में कौन-सा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश का उदाहरण नहीं है? [Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (c) विदेशों में फार्मा कंपनी द्वारा निर्गत बॉण्ड अथवा स्टॉक का क्रय।
Solution:विदेशों में फार्मा कंपनी द्वारा निर्गत बॉण्ड अथवा स्टॉक का क्रय विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) का उदाहरण नहीं है। शेष सभी विकल्प विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के उदाहरण हैं।

8. सहभागिता नोट [Participatory Notes (PNs)] निम्नलिखित में से किस एक से संबंधित हैं? [I.A.S. (Pre) 2007]

Correct Answer: (b) विदेशी संस्थागत निवेशक
Solution:सहभागिता नोट (PNs-Participatory Notes) घरेलू पूंजी बाजार में व्यापार हेतु ऐसे विदेशी कोषों द्वारा प्रयुक्त प्रपत्र हैं, जो देश में पंजीकृत नहीं हैं। सहभागिता नोट देश में पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा विदेश स्थित अपने उन ग्राहकों को जारी किए जाते हैं, जो भारतीय स्टॉक बाजार में निवेश करने हेतु अयोग्य होते हैं।

9. पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा उन विदेशी निवेशकों को, जो स्वयं को सीधे पंजीकृत कराए बिना भारतीय स्टॉक बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं, निम्नलिखित में से क्या जारी किया जाता है? [U.P.S.C. (Pre), 2019]

Correct Answer: (d) सहभागिता-पत्र (पार्टिसिपेटरी नोट)
Solution:सेबी (SEBI) के तहत पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा उन विदेशी निवेशकों को, जो स्वयं को सीधे पंजीकृत कराए बिना भारतीय स्टॉक बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं, उनके लिए सहभागिता-पत्र (पार्टिसिपेटरी नोट या पी-नोट) जारी किया जाता है।

10. केंद्रीय बजट 2020-21 के द्वारा उत्कृष्ट कॉर्पोरेट बॉण्ड में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश की सीमा बढ़ा दी गई है- [U.P. P.C.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (d) 15% तक
Solution:केंद्रीय बजट 2020-21 के द्वारा उत्कृष्ट कॉर्पोरेशन बॉण्ड में पोर्टफोलियो निवेश की सीमा को 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया। 15 प्रतिशत की यह सीमा वित्तीय वर्ष 2024-25 तक अपरिवर्तित रहेगी।