1. भारत का अधिकांश विदेशी ऋण सरकारी सत्वों के ऋणी होने के द्वारा है।
2. भारत का सारा विदेशी ऋण US डॉलर के मूल्यवर्ग में है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
Correct Answer: (d) न तो 1, न ही 2
Solution:भारत का अधिकांश विदेशी ऋण सरकारी नहीं बल्कि गैर-सरकारी सत्वों (entities) के ऋणी होने के द्वारा है। मार्चात, 2024 में जारी भारत के विदेशी ऋण संबंधी आंकड़ों के अनुसार दिसंबर-अंत 2023 (P) में भारत का कुल विदेशी ऋण भार 648.2 बिलियन डॉलर रहा, जिसमें सरकारी ऋण 142.2 बिलियन डॉलर और गैर-सरकारी ऋण लगभग 506 बिलियन डॉलर रहा। भारत के विदेशी ऋण में घटकवार सर्वाधिक हिस्सा ऋण (Loans) का (दिसंबर-अंत, 2023 (P) में 215 बिलियन डॉलर (33.2%) रहा है। इस प्रकार कथन 1 सही नहीं है। अमेरिकी डॉलर में मूल्यवर्गित ऋण भारत के बाह्य ऋण का सबसे बड़ा घटक बना रहा है, जिसकी हिस्सेदारी दिसंबर-अंत, 2023(P) में 54.2 प्रतिशत थी, जिसके बाद इस संदर्भ में क्रमशः भारतीय रुपये (30.7%), जापानी येन (5.9%), एसडीआर (5.6%) और यूरो (2.9%) का स्थान था। अतः कथन 2 भी असत्य है। उपरोक्त आंकड़ों के आधार पर प्रश्नकाल तथा वर्तमान में भी विकल्प (d) ही सत्य है।