विविध (आधुनिक भारतीय इतिहास)

Total Questions: 51

1. 19वीं सदी में अवध के अंतिम नवाब ....... के संरक्षण के तहत कथक का स्वर्णिम युग देखने को मिलता है। [CHSL (T-I) 17 मार्च, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (a) वाजिद अली शाह
Solution:

वाजिद अली शाह (19वीं सदी में अवध के अंतिम नवाब) के संरक्षण में कथक का स्वर्णिम युग देखा गया। वह खुद एक बेहतरीन कलाकार और संगीतज्ञ थे, जिन्होंने कथक को दरबारी नृत्य से कला के एक परिष्कृत रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने कथक में 'भाव' (अभिव्यक्ति) और अभिनय के तत्वों पर जोर दिया, जिससे लखनऊ 'कथक घराना' का उदय हुआ। उनका यह योगदान कथक को आज के शास्त्रीय स्वरूप में लाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

2. 1969 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पहले कुलपति कौन बने ? [CHSL (T-I) 07 अगस्त, 2023 (IV-पाली)]

Correct Answer: (d) जी. पार्थसारथी
Solution:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की स्थापना 1969 में हुई थी। इसके पहले कुलपति जी. पार्थसारथी थे, जिन्होंने 1969 से 1974 तक इस पद पर कार्य किया। जी. पार्थसारथी एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद और राजनयिक थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

जेएनयू की स्थापना भारत में उच्च शिक्षा और अनुसंधान के एक केंद्र के रूप में की गई थी, और पार्थसारथी ने शुरुआती वर्षों में विश्वविद्यालय की नींव रखने और उसके शैक्षणिक मानकों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

3. ....... में ब्रिटिश सरकार ने इंग्लैंड में छापेदार सूती कपड़े - छींट (chintz) – के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने के लिए कानून पारित किया था। संयोगवश, इस कानून को भी कैलिको अधिनियम (Calico Act) ही कहा जाता था। [CHSL (T-I) 14 मार्च, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (b) 1720
Solution:

ब्रिटिश सरकार ने 1720 में इंग्लैंड में भारतीय छापेदार सूती कपड़े, जिसे छींट (chintz) कहा जाता था, के आयात और इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए कैलिको अधिनियम पारित किया था। भारतीय कपड़ों की बढ़ती लोकप्रियता ने इंग्लैंड के स्थानीय ऊनी और रेशमी वस्त्र उद्योग को गंभीर नुकसान पहुँचाना शुरू कर दिया था।

यह कानून इंग्लैंड के कपड़ा निर्माताओं के हितों की रक्षा के लिए एक संरक्षणवादी उपाय के रूप में लाया गया था, जो भारत से कपड़ा निर्यात के शुरुआती प्रभाव को दर्शाता है।

4. निम्नलिखित में से किस शख्सियत का संबंध अलीगढ़ आंदोलन से है? [MTS (T-I) 15 मई, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (a) सैयद अहमद खान
Solution:

सर सैयद अहमद खान का संबंध अलीगढ़ आंदोलन से है। यह आंदोलन 19वीं सदी के उत्तरार्ध में भारतीय मुसलमानों के शैक्षिक और सामाजिक उत्थान पर केंद्रित था।

सर सैयद अहमद खान का मानना था कि मुसलमानों को आधुनिक विज्ञान और पश्चिमी शिक्षा को अपनाना चाहिए ताकि वे समकालीन समाज में प्रगति कर सकें। इस आंदोलन का प्रतीक मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज (MAO College) था, जिसकी स्थापना उन्होंने 1875 में की थी, जो बाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) बना।

5. अहमदिया, इस्लाम का एक संप्रदाय है जिसकी शुरुआत भारत में हुई थी। इसकी स्थापना 1889 में ....... द्वारा की गई थी। [MTS (T-I) 11 मई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (c) मिर्जा गुलाम अहमद
Solution:

इस्लाम का अहमदीया संप्रदाय (या अहमदिया मुस्लिम जमात) की शुरुआत भारत में मिर्जा गुलाम अहमद द्वारा 1889 में की गई थी। उन्होंने खुद को 'प्रतिज्ञा किए गए मसीहा' और 'महदी' घोषित किया। इस संप्रदाय का मुख्यालय पंजाब के कादियान में था।

अहमदीया आंदोलन इस्लामी सुधारों, अंतर-धार्मिक संवादों और शांति के सिद्धांतों पर जोर देता है। भारत में धार्मिक और सामाजिक सुधारों के युग में इस संप्रदाय का उदय हुआ।

6. भारत में पहला उच्च न्यायालय सन् ....... में स्थापित किया गया था। [MTS (T-I) 03 मई, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (b) 1862
Solution:

भारत में पहला उच्च न्यायालय 1862 में स्थापित किया गया था। ब्रिटिश संसद द्वारा पारित भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम, 1861 के तहत, कलकत्ता, बम्बई (मुंबई), और मद्रास (चेन्नई) में उच्च न्यायालयों की स्थापना की गई थी।

कलकत्ता उच्च न्यायालय भारत का सबसे पुराना उच्च न्यायालय है, जिसकी स्थापना 2 जुलाई 1862 को हुई थी। ये उच्च न्यायालय पहले के सदर अदालतों और सर्वोच्च न्यायालयों का स्थान लेने वाले थे।

7. आज़ादी से पहले के भारत में, गरीबी रेखा की अवधारणा पर चर्चा करने वाले व्यक्ति कौन थे? [MTS (T-I) 19 जून, 2023 (III-पाली)]

Correct Answer: (a) दादाभाई नौरोजी
Solution:

आज़ादी से पहले के भारत में, गरीबी रेखा की अवधारणा पर चर्चा करने वाले पहले व्यक्ति दादाभाई नौरोजी थे। उन्होंने अपनी पुस्तक 'Poverty and Un-British Rule in India' में धन निष्कासन सिद्धांत को प्रतिपादित किया और भारत में गरीबी का आकलन किया।

उन्होंने 'जेल की निर्वाह लागत' (Jail Cost of Living) के आधार पर एक शुरुआती गरीबी रेखा का अनुमान लगाया, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश नीतियों के कारण भारतीयों की दयनीय आर्थिक स्थिति को उजागर करना था।

8. निम्नलिखित में से कौन उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत के पठानों के बीच एक शक्तिशाली अहिंसक आंदोलन, खुदाई खिदमतगार का संस्थापक था? [MTS (T-1) 08 सितंबर, 2023 (III-पाली), GGL (T-1) 14 जुलाई, 2023 (II-पाली)]

Correct Answer: (c) खान अब्दुल गफ्फार खान
Solution:

खान अब्दुल गफ्फार खान उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत (NWFP) के पठानों के बीच खुदाई खिदमतगार ('ईश्वर के सेवक') नामक एक शक्तिशाली अहिंसक आंदोलन के संस्थापक थे। इस आंदोलन की शुरुआत 1929 में हुई थी।

खान अब्दुल गफ्फार खान को उनकी अहिंसक विचारधारा के कारण 'सीमांत गांधी' के नाम से जाना जाता था। इस आंदोलन के सदस्य लाल रंग की शर्ट पहनते थे, इसलिए इसे 'लाल कुर्ती' आंदोलन भी कहा जाता था। यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहिंसा पर आधारित एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय आंदोलन था।

9. निम्नलिखित में से कौन-सा आंदोलन खान अब्दुल गफ्फार खान द्वारा शुरू किया गया था? [दिल्ली पुलिस कांस्टेबिल 2 दिसंबर, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (b) खुदाई खिदमतगार
Solution:

खान अब्दुल गफ्फार खान उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत (NWFP) के पठानों के बीच खुदाई खिदमतगार ('ईश्वर के सेवक') नामक एक शक्तिशाली अहिंसक आंदोलन के संस्थापक थे। इस आंदोलन की शुरुआत 1929 में हुई थी।

खान अब्दुल गफ्फार खान को उनकी अहिंसक विचारधारा के कारण 'सीमांत गांधी' के नाम से जाना जाता था। इस आंदोलन के सदस्य लाल रंग की शर्ट पहनते थे, इसलिए इसे 'लाल कुर्ती' आंदोलन भी कहा जाता था। यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहिंसा पर आधारित एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय आंदोलन था।

10. "खुदाई खिदमतगार (Khudai Khidmatgars)" नामक एक अहिंसक आंदोलन के संस्थापक कौन थे? [MTS (T-I) 15 जून, 2023 (I-पाली)]

Correct Answer: (a) खान अब्दुल गफ्फार खान
Solution:

खान अब्दुल गफ्फार खान उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत (NWFP) के पठानों के बीच खुदाई खिदमतगार ('ईश्वर के सेवक') नामक एक शक्तिशाली अहिंसक आंदोलन के संस्थापक थे। इस आंदोलन की शुरुआत 1929 में हुई थी।

खान अब्दुल गफ्फार खान को उनकी अहिंसक विचारधारा के कारण 'सीमांत गांधी' के नाम से जाना जाता था। इस आंदोलन के सदस्य लाल रंग की शर्ट पहनते थे, इसलिए इसे 'लाल कुर्ती' आंदोलन भी कहा जाता था। यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहिंसा पर आधारित एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय आंदोलन था।