Correct Answer: (d) ऋषि गौतम राहुगण
Solution:आर्यों के पूर्व दिशा की ओर प्रसार के विषय में शतपथ ब्राह्मण में वर्णित विदेध माधव की आख्यायिका उल्लेखनीय है। इसके अनुसार, राजा विदेध माधव, जो सरस्वती नदी के तट पर निवास करते थे, ने वैश्वानर अग्नि को मुख में धारण किया था। घृत का नाम लेते ही वह अग्नि मुख से निकलकर पृथ्वी पर आ गई तथा नदियों को जलाते हुए पूर्व की और बढ़ गई। विदेध माधव तथा उनके पुरोहित गौतम राहुगण ने उसका अनुगमन किया; किंतु उत्तरगिरि (हिमालय) से प्रवाहित होने वाली सदानीरा नदी को वह नहीं जला सका। विदेध माधव द्वारा अपने निवास स्थान के विषय में पूछे जाने पर अग्नि ने उनसे सदानीरा नदी के पूर्व की ओर रहने का आदेश दिया।