वैदिक काल (UPPCS)

Total Questions: 50

41. ऋग्वैदिक काल में निष्क शब्द का प्रयोग एक आभूषण के लिए होता था; किंतु परवर्ती काल में उसका प्रयोग इस अर्थ में हुआ- [I.A.S. (Pre) 1993]

Correct Answer: (d) सिक्का
Solution:वैदिक काल में सोने के हार को 'निष्क' कहा जाता था; किंतु परवर्ती काल में इसका प्रयोग विनिमय के माध्यम (सिक्कों) के रूप में किया जाने लगा।

42. ऋग्वैदिक काल में निष्क किस अंग का आभूषण था? [U.P.P.C.S. (Mains) 2007]

Correct Answer: (b) गला का
Solution:ऋग्वैदिक काल में निष्क गले में पहना जाने वाला एक प्रकार का हार था। जिसे निष्क-ग्रीवा कहा जाता था। साथ ही निष्क, वैदिक काल में विनिमय का एक माध्यम भी था।

43. प्राचीन भारत में 'निशाका' जाने जाते थे- [U.P.P.C.S. (Pre) 2005]

Correct Answer: (a) स्वर्ण आभूषण
Solution:प्राचीन भारत में 'निष्क' (Niska) या 'निशाका' मूल रूप से गले में पहना जाने वाला एक सोने का आभूषण था, जिसे 'निष्क-ग्रीवा' कहा जाता था। इसे पुरुषों तथा महिलाओं दोनों द्वारा सामान्यतः पहना जाता था। बाद में निश्चित वजन तथा मानक को अपनाने के कारण इसका प्रयोग विनिमय के माध्यम के रूप में किया जाने लगा।

44. बोगजकोई महत्वपूर्ण है; क्योंकि- [U.P.P.C.S. (Pre) 1996 & 39th B.P.S.C. (Pre) 1994]

Correct Answer: (b) यहां से प्राप्त अभिलेखों में वैदिक देवताओं का नामोल्लेख प्राप्त होता है।
Solution:एशिया माइनर स्थित बोगजकोई अभिलेख से चौदहवीं शताब्दी ई. पू. के अभिलेख में ऋग्वैदिक काल के देवताओं (इंद्र, वरुण, मित्र तथा नासत्य) का उल्लेख मिलता है। इससे ज्ञात होता है कि वैदिक आर्य ईरान से होकर ही भारत में आए होंगे।

45. निम्नलिखित अभिलेखों में से कौन-सा ईरान से भारत में आर्यों के आने की सूचना देता है? [U.P.P.C.S. (Mains) 2009]

Correct Answer: (c) बोगजकोई
Solution:एशिया माइनर स्थित बोगजकोई अभिलेख से चौदहवीं शताब्दी ई. पू. के अभिलेख में ऋग्वैदिक काल के देवताओं (इंद्र, वरुण, मित्र तथा नासत्य) का उल्लेख मिलता है। इससे ज्ञात होता है कि वैदिक आर्य ईरान से होकर ही भारत में आए होंगे।

46. 14वीं सदी ई.पू. का एक अभिलेख जिसमें वैदिक देवताओं का वर्णन है, प्राप्त हुआ है - [U.P.P.C.S (Mains) 2016]

Correct Answer: (b) बोगजकोई से
Solution:एशिया माइनर स्थित बोगजकोई अभिलेख से चौदहवीं शताब्दी ई. पू. के अभिलेख में ऋग्वैदिक काल के देवताओं (इंद्र, वरुण, मित्र तथा नासत्य) का उल्लेख मिलता है। इससे ज्ञात होता है कि वैदिक आर्य ईरान से होकर ही भारत में आए होंगे।

47. निम्नलिखित में से किसने आर्यों के आदि देश के बारे में लिखा था? [U.P.P.C.S. (Pre) 1996]

Correct Answer: (d) बाल गंगाधर तिलक
Solution:बाल गंगाधर तिलक ने आर्यों के आदि देश के बारे में लिखा था। तिलक ने यह मत व्यक्त किया था कि आर्यों का आदि देश उत्तरी ध्रुव था। किंतु तिलक का यह मत इतिहासकारों में मान्य नहीं है।

48. जिस ग्रंथ में 'पुरुषमेध' का उल्लेख हुआ है, वह है- [U.P. P.C.S. (Spl.) (Pre) 2008]

Correct Answer: (e) इनमे से कोई नहीं
Solution:'पुरुषमेध' एक प्रमुख यज्ञ है। यह शुक्ल यजुर्वेद के शतपथ ब्राह्मण तथा कृष्ण यजुर्वेद के तैत्तिरीय ब्राह्मण में वर्णित है। अतः प्रश्न के दिए गए विकल्पों में तीनों मौजूद होने के कारण कोई उत्तर नहीं दिया जा सकता। यद्यपि अनेक इतिहासकार केवल शतपथ ब्राह्मण की चर्चा करते समय उसमें पुरुषमेध यज्ञ की चर्चा करते हैं।

49. शतपथ ब्राह्मण में उल्लिखित राजा विदेध माधव से संबंधित ऋषि थे- [U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]

Correct Answer: (d) ऋषि गौतम राहुगण
Solution:आर्यों के पूर्व दिशा की ओर प्रसार के विषय में शतपथ ब्राह्मण में वर्णित विदेध माधव की आख्यायिका उल्लेखनीय है। इसके अनुसार, राजा विदेध माधव, जो सरस्वती नदी के तट पर निवास करते थे, ने वैश्वानर अग्नि को मुख में धारण किया था। घृत का नाम लेते ही वह अग्नि मुख से निकलकर पृथ्वी पर आ गई तथा नदियों को जलाते हुए पूर्व की और बढ़ गई। विदेध माधव तथा उनके पुरोहित गौतम राहुगण ने उसका अनुगमन किया; किंतु उत्तरगिरि (हिमालय) से प्रवाहित होने वाली सदानीरा नदी को वह नहीं जला सका। विदेध माधव द्वारा अपने निवास स्थान के विषय में पूछे जाने पर अग्नि ने उनसे सदानीरा नदी के पूर्व की ओर रहने का आदेश दिया।

50. उत्तर वैदिक काल में निम्नलिखित में से किनको आर्य संस्कृति का धुर समझा जाता था? [U.P.P.C.S. (Mains) 2007]

Correct Answer: (c) कुरु, पांचाल
Solution:उत्तर वैदिक काल में नगरीकरण की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी थी। कुरु, पांचाल इस समय के प्रमुख नगर बन गए थे तथा ये नगर उत्तर वैदिक सभ्यता के मुख्य केंद्र या धुर (Hub) थे।