शासन प्रणाली (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 50

1. निम्नलिखित में से कौन-सा 'राज्य' शब्द को सर्वोत्तम रूप से परिभाषित करता है? [I.A.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (a) व्यक्तियों का एक समुदाय, जो बिना किसी बाह्य नियंत्रण के एक निश्चित भू-भाग में स्थायी रूप से निवास करता है और जिसकी एक संगठित सरकार है।
Solution:'राज्य' (State) शब्द एक राजनीतिक संस्था या संगठन को संदर्भित करता है, जिसका तात्पर्य एक निश्चित भू-भाग में स्थायी रूप से निवासित संप्रभु (Sovereign) व्यक्तियों के समुदाय से है, जिसकी एक संगठित सरकार हो तथा वह अपने आंतरिक एवं वैदेशिक मामलों के संदर्भ में बाह्य नियंत्रण से मुक्त हो। वस्तुतः 'राज्य' के मूलभूत प्रमुख तत्व हैं : 1. व्यक्ति / जनसंख्या (अर्थात जनता), 2. सरकार या सत्ता, 3. निर्धारित सीमांकन वाला भू-भाग एवं 4. संप्रभुता (अर्थात वह अपने घरेलू एवं बाह्य निर्णयन के संदर्भ में स्वतंत्र हो)। किसी भी 'राज्य' का अनिवार्य तत्व 'संप्रभुता' होती है और इसके बिना कोई भी राज्य, राज्य की श्रेणी में नहीं आता है। इस आधार पर विकल्प (a) में दिया गया कथन 'राज्य' शब्द को सर्वोत्तम रूप से परिभाषित करता है।

2. निम्नलिखित में कौन-सा राज्य का सबसे महत्वपूर्ण तत्व है? [U.P.P.C.S. (Pre) 2008]

Correct Answer: (c) संप्रभुता
Solution:राज्य के चार आवश्यक तत्व होते हैं-जनसंख्या, भू-भाग, सरकार (शासन या सत्ता) और संप्रभुता। राज्य के इन चारों तत्वों में संप्रभुता सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। संप्रभुता के बिना कोई राज्य (अन्य तीनों तत्वों के होते हुए भी) अंतरराष्ट्रीय दृष्टि से राज्य नहीं कहा जा सकता।

3. भारत की संप्रभुता के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? [U.P.P.C.S. (Mains) 2017]

1. भारत राष्ट्रमंडल का सदस्य है।

2. राष्ट्रमंडल की सदस्यता के कारण भारत की संप्रभुता कम हो जाती है।

नीचे दिए हुए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-

Correct Answer: (a) केवल 1
Solution:भारत राष्ट्रमंडल का सदस्य है, लेकिन इसके कारण भारत की संप्रभुता कम नहीं होती है। राष्ट्रमंडल वास्तव में कोई वैधानिक संगठन नहीं है, बल्कि इसके सदस्यों के पारस्परिक सहयोग व स‌द्भावना पर आधारित संगठन है। राष्ट्रमंडल के सभी सदस्य राष्ट्र स्वतंत्र और समान हैं तथा ब्रिटिश सम्राट के प्रति निष्ठा जैसी कोई शर्त या आवश्यकता नहीं है।

4. भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में इनमें से कौन सर्वोच्च है? [45th B.P.S.C. (Pre) 2001 U.P.P.C.S. (Mains) 2013]

Correct Answer: (b) संविधान
Solution:भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में संविधान सर्वोच्च है। यही राजव्यवस्था के स्वरूप और उद्देश्य का निर्धारण करता है एवं विभिन्न इकाइयों के सृजन का प्रावधान करता है। संविधान से ही शासन के सभी अंग अधिकार एवं शक्ति प्राप्त करते हैं।

5. भारतीय संविधान में किस प्रकार की शासन प्रणाली की व्यवस्था की गई है? [U.P.P.C.S. (Pre) 1990]

Correct Answer: (c) संसदात्मक
Solution:शासन प्रणाली की सामान्यतः दो पद्धतियां होती हैं संसदात्मक और अध्यक्षात्मक। भारत में ग्रेट ब्रिटेन का अनुसरण करते हुए संसदात्मक शासन व्यवस्था को अपनाया गया है। संसदात्मक शासन व्यवस्था में व्यवस्थापिका के सदस्य ही कार्यपालिका का गठन करते हैं तथा कार्यपालिका, व्यवस्थापिका के प्रति उत्तरदायी होती है। संसदात्मक शासन व्यवस्था में कार्यपालिका, विधायिका द्वारा नियंत्रित होती है।

6. संसदात्मक शासन व्यवस्था में - [U.P.P.C.S. (Mains) 2010]

Correct Answer: (d) विधायिका का कार्यपालिका पर नियंत्रण होता है।
Solution:शासन प्रणाली की सामान्यतः दो पद्धतियां होती हैं संसदात्मक और अध्यक्षात्मक। भारत में ग्रेट ब्रिटेन का अनुसरण करते हुए संसदात्मक शासन व्यवस्था को अपनाया गया है। संसदात्मक शासन व्यवस्था में व्यवस्थापिका के सदस्य ही कार्यपालिका का गठन करते हैं तथा कार्यपालिका, व्यवस्थापिका के प्रति उत्तरदायी होती है। संसदात्मक शासन व्यवस्था में कार्यपालिका, विधायिका द्वारा नियंत्रित होती है।

7. संसदीय व्यवस्था वाली सरकार वह होती है, जिसमें [I.A.S. (Pre) 2020]

Correct Answer: (b) सरकार संसद के प्रति उत्तरदायी होती है और उसके द्वारा हटाई जा सकती है।
Solution:संसदीय व्यवस्था वाली सरकार वह होती है, जिसमें सरकार संसद के प्रति उत्तरदायी होती है और उसके द्वारा हटाई जा सकती है। भारतीय संविधान ने संसदीय शासन व्यवस्था की स्थापना की है। यह इंग्लैंड की संसदीय प्रणाली का अंगीकरण है। इस व्यवस्था में कार्यपालिका, विधायिका का ही भाग होती है और यह विधायिका के प्रति उत्तरदायी होती है। इसमें वास्तविक कार्यपालिकीय शक्तियां प्रधानमंत्री और उसकी मंत्रिपरिषद में निहित होती हैं। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75(3) के अनुसार, मंत्रिपरिषद लोक सभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है।

8. सर्वप्रथम संसदात्मक सरकार किस देश में आरंभ की गई? [U.P.P.C.S. (Pre) 2018 M.P.P.C.S. (Pre) 2006]

Correct Answer: (a) ग्रेट ब्रिटेन (यू.के.) में
Solution:वर्तमान में संसदात्मक शासन का स्वरूप, जो कि अधिकांश देशों में प्रचलित है, सर्वप्रथम ग्रेट ब्रिटेन (यू.के.) में परिलक्षित हुआ था। पुष्पेश पंत ने भी अपनी पुस्तक 'विश्व का इतिहास' में स्पष्ट लिखा है कि - ब्रिटेन में संसदीय प्रणाली का आविर्भाव संसार के किसी भी देश से पहले हो गया था।

9. भारतीय संसदीय प्रणाली ब्रिटिश संसदीय प्रणाली से इस बात में भिन्न है कि भारत में- [I.A.S. (Pre) 1998]

Correct Answer: (d) न्यायिक पुनर्विलोकन (Judicial Review) की प्रणाली है।
Solution:भारतीय संसदीय प्रणाली में न्यायिक पुनर्विलोकन की प्रणाली है, जबकि ब्रिटेन में यह प्रणाली नहीं लागू है। इस अर्थ में भारतीय संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से भिन्न है। इसके अतिरिक्त वास्तविक एवं नाममात्र दोनों प्रकार की कार्यपालिका, सामूहिक उत्तरदायित्व तथा द्विसदनीय विधायिका भारत एवं ब्रिटेन दोनों की संसदीय प्रणालियों में लागू है।

10. हमने ब्रिटिश मॉडल पर आधारित संसदीय लोकतंत्र को अपनाया है, किंतु हमारा मॉडल उस मॉडल से किस प्रकार भिन्न है? [I.A.S. (Pre) 2021]

1. जहां तक विधि-निर्माण का संबंध है, ब्रिटिश संसद सर्वोपरि अथवा संप्रभु है, किंतु भारत में संसद की विधि-निर्माण की शक्ति परिसीमित है।

2. भारत में, संसद के किसी अधिनियम के संशोधन की संवैधानिकता से संबंधित मामले उच्चतम न्यायालय द्वारा संविधान पीठ को भेजे जाते हैं।

नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।

Correct Answer: (c) 1 और 2 दोनों
Solution:ब्रिटिश मॉडल पर आधारित लोकतांत्रिक व्यवस्था में 'संसदीय संप्रभुता' (Parliamentary Sovereignty) के सिद्धांत को अपनाया गया है तथा वहां संसद ही सर्वोच्च विधि प्राधिकारी है, जो कि किसी विधि का सृजन या किसी विधि का समापन कर सकती है। दूसरी ओर, भारतीय मॉडल में 'संवैधानिक सरकार' (Constitutional Govern-

ment) की व्यवस्था है, जिसके तहत संसद की विधि-निर्माण की शक्ति लिखित संविधान द्वारा परिसीमित है। केशवानंद भारती वाद (1973) में दिए गए ऐतिहासिक निर्णय में उच्चतम न्यायालय ने यद्यपि संसद की संविधान में संशोधन की शक्ति को स्वीकार किया, तथापि यह भी निर्धारित किया कि संविधान की मूल संरचना या सांचे-ढांचे में परिवर्तन करने वाला कोई संशोधन संसद द्वारा नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार, कथन 1 सही है।

कथन 2 भी सही है, क्योंकि भारत में, संसद के किसी अधिनियम के संशोधन की संवैधानिकता से संबंधित मामले उच्चतम न्यायालय द्वारा संविधान के अनुच्छेद 145 (3) के तहत गठित की जाने वाली संविधान पीठ को भेजे जाते हैं। अनुच्छेद 145 (3) में प्रावधानित है कि जिस मामले में संविधान के निर्वचन के बारे में विधि का कोई सारवान् प्रश्न अंतवर्लित है, उसका विनिश्चय करने के प्रयोजन के लिए बैठने वाले न्यायाधीशों की संख्या न्यूनतम 5 होगी। इसे ही संविधान पीठ के रूप में अभिहित किया जाता है।