शासन प्रणाली (भारतीय राजव्यवस्था एवं शासन)

Total Questions: 50

41. कथन (A) : भारत में संघवादिता व्यवहारिक नहीं है। [U.P.P.C.S. (Pre) 1998]

कारण (R) : भारत एक संघीय राज्य नहीं है। नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए :

Correct Answer: (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
Solution:भारतीय संविधान एक संघीय प्रणाली का प्रावधान करता है, क्योंकि केंद्र और राज्यों के मध्य शक्तियों का स्पष्टतः विभाजन है। यद्यपि यह पूर्ण संघ नहीं है, क्योंकि इसके कई प्रावधान एक शक्तिशाली केंद्र की रचना करते हैं। अतः (A) और (R) दोनों सही हैं किंतु कारण, कथन का स्पष्टीकरण नहीं है।

42. भारतीय राज्य-व्यवस्था में, निम्नलिखित में से कौन-सी अनिवार्य विशेषता है, जो यह दर्शाती है कि उसका स्वरूप संघीय है? [I.A.S. (Pre) 2021]

Correct Answer: (a) न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुरक्षित है।
Solution:भारतीय राज्य-व्यवस्था के संघीय लक्षणों में प्रमुख हैंः लिखित एवं कठोर संविधान, संविधान की सर्वोच्चता, केंद्र एवं राज्यों में शक्तियों का वितरण, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, द्विसदनीय संसद आदि। इनमें से न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सुरक्षित होना संघीय प्रणाली की अनिवार्य शर्त है, क्योंकि न्यायपालिका के पास ही संविधान की व्याख्या की शक्ति होती है ताकि संघीय संरचना में संविधान के मूलभूत प्रावधानों को केंद्र द्वारा एकपक्षीय रूप से परिवर्तित न किया जा सके। भारतीय संविधान के तहत केंद्र एवं राज्यों के बीच विवादों के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय को आरंभिक अधिकारिता प्राप्त है। ज्ञातव्य है कि भारतीय संसद के उच्च सदन (राज्य सभा) में राज्यों (संघटक इकाइयों) के निर्वाचित प्रतिनिधि होना भी भारतीय राज्य- व्यवस्था के संघीय स्वरूप को दर्शाता है, तथापि न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिखित संविधान के तहत सुरक्षित होने को ही प्रश्नगत विकल्पों में भारतीय राज्य-व्यवस्था के संघीय स्वरूप को दर्शाने वाली अनिवार्य विशेषता मानना समुचित उत्तर है।

43. निम्न में से कौन एक भारत के संविधान का संघीय लक्षण नहीं है? [U.P.P.C.S. (Pre) (Re-Exam) 2015]

Correct Answer: (c) एकहरी नागरिकता
Solution:एकहरी नागरिकता भारत के संविधान का संघीय लक्षण नहीं है। भारतीय संविधान में एकात्मक और संघात्मक दोनों ही विशेषताएं मौजूद हैं। भारतीय संविधान के संघात्मक लक्षणों में लिखित संविधान कठोर संविधान, केंद्र तथा राज्यों में शक्तियों का वितरण, न्यायपालिका की सर्वोच्चता एवं स्वतंत्रता, द्विसदनीय विधानमंडल आदि हैं, जबकि एकात्मक लक्षणों के अंतर्गत एकल नागरिकता, राज्यपालों की राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति, आपातकाल की घोषणा, समझौतों को लागू करने में संसद की शक्ति आदि का उल्लेख किया जा सकता है।

44. भारतीय संघीय व्यवस्था में कौन-से एकात्मक तत्व पाए जाते हैं? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2017]

i. लिखित संविधान

ii. कठोर संविधान

iii. संविधान की सर्वोच्चता

iv. राज्यपाल की नियुक्ति

v. शक्तियों का विकेंद्रीकरण

vi. राज्य विधेयकों पर राष्ट्रपति की स्वीकृति

vii. संविधानिक संकट

viii. एक सर्वोच्च न्यायालय

Correct Answer: (d) iv vi vii
Solution:विकल्प (d) सही उत्तर है। दिए गए सभी 'तत्वों' में से, क्रम संख्या 'iv', 'vi' एवं 'vii' पर उल्लिखित तत्व ही भारतीय परिसंघीय व्यवस्था के एकात्मक तत्व (Unitary elements/features) हैं। क्रम संख्या 'i', 'ii' एवं 'iii' पर उल्लिखित सभी 'तत्व' 'परिसंघीय व्यवस्था' (Federal System) के अनिवार्य तत्व हैं। क्रम संख्या 'v' पर उल्लिखित 'तत्व' को यदि हम 'शक्तियों के विभाजन' के पर्यायवाची के रूप में लें तो वह 'तत्व', परिसंघीय व्यवस्था का कारक तत्व अर्थात सर्वाधिक आधारभूत तत्व है। परिसंघीय व्यवस्था के अन्य सभी 'तत्व' इसी 'तत्व' से निकले हैं।

हमारी राज्य-व्यवस्था आधारिक रूप से, परिसंघीय है, परंतु वह संघ सरकार (Union Government) की तरफ झुकी हुई है। राज्यपालों की नियुक्ति एवं अन्य कतिपय उपबंध, राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता संबंधी उपबंध (अनुच्छेद 356 एवं 357), समवर्ती सूची और उसमें प्रगणित विषयों पर संघ की अध्यारोही विधायी शक्ति (अनुच्छेद 254) राज्यों का नाम और भूगोल (राज्यक्षेत्र) बदलने की संसद की शक्ति (अनुच्छेद 3 एवं 4), राज्यों की कमजोर वित्तीय शक्तियां, संविधान संशोधन में राज्यों की अपेक्षाकृत निर्बल भूमिका (अनुच्छेद 368), अखिल भारतीय सेवा संबंधी संवैधानिक व अन्य विधिक उपबंध, राज्य सभा में राज्यों का असमान प्रतिनिधित्व और संबंधित राज्य का हित सुनिश्चित करने में राज्य सभा की कमजोर भूमिका जैसे संवैधानिक लक्षण हमारी राज्य-व्यवस्था के एकात्मक तत्व हैं, जिनके कारण हमारा संविधान पूर्ववर्ती परिसंघीय संविधानों से सुभिन्न हो जाता है।

45. इनमें से कौन-सा भारतीय संघीय व्यवस्था में एकात्मक तत्व है? [Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2015]

(i) शक्तियों का विकेंद्रीकरण

(ii) राज्यपालों की नियुक्ति

(iii) राज्य सभा में असमान प्रतिनिधित्व

(iv) न्यायिक पुनर्विलोकन

(v) अखिल भारतीय सेवाएं

(vi) द्विसदनात्मक व्यवस्थापिका

Correct Answer: (b) ii iii V
Solution:विकल्प (d) सही उत्तर है। दिए गए सभी 'तत्वों' में से, क्रम संख्या 'iv', 'vi' एवं 'vii' पर उल्लिखित तत्व ही भारतीय परिसंघीय व्यवस्था के एकात्मक तत्व (Unitary elements/features) हैं। क्रम संख्या 'i', 'ii' एवं 'iii' पर उल्लिखित सभी 'तत्व' 'परिसंघीय व्यवस्था' (Federal System) के अनिवार्य तत्व हैं। क्रम संख्या 'v' पर उल्लिखित 'तत्व' को यदि हम 'शक्तियों के विभाजन' के पर्यायवाची के रूप में लें तो वह 'तत्व', परिसंघीय व्यवस्था का कारक तत्व अर्थात सर्वाधिक आधारभूत तत्व है। परिसंघीय व्यवस्था के अन्य सभी 'तत्व' इसी 'तत्व' से निकले हैं।

हमारी राज्य-व्यवस्था आधारिक रूप से, परिसंघीय है, परंतु वह संघ सरकार (Union Government) की तरफ झुकी हुई है। राज्यपालों की नियुक्ति एवं अन्य कतिपय उपबंध, राज्यों में संवैधानिक तंत्र की विफलता संबंधी उपबंध (अनुच्छेद 356 एवं 357), समवर्ती सूची और उसमें प्रगणित विषयों पर संघ की अध्यारोही विधायी शक्ति (अनुच्छेद 254) राज्यों का नाम और भूगोल (राज्यक्षेत्र) बदलने की संसद की शक्ति (अनुच्छेद 3 एवं 4), राज्यों की कमजोर वित्तीय शक्तियां, संविधान संशोधन में राज्यों की अपेक्षाकृत निर्बल भूमिका (अनुच्छेद 368), अखिल भारतीय सेवा संबंधी संवैधानिक व अन्य विधिक उपबंध, राज्य सभा में राज्यों का असमान प्रतिनिधित्व और संबंधित राज्य का हित सुनिश्चित करने में राज्य सभा की कमजोर भूमिका जैसे संवैधानिक लक्षण हमारी राज्य-व्यवस्था के एकात्मक तत्व हैं, जिनके कारण हमारा संविधान पूर्ववर्ती परिसंघीय संविधानों से सुभिन्न हो जाता है।

46. भारत में संघीय व्यवस्था से संबंधित निम्न कथनों में से कौन-सा सही है? [U.P. P.C.S. (Mains) 2004]

1. संविधान शासन की मूल संरचना के लिए एक संघीय व्यवस्था की प्रस्तावना करता है।

2. एकात्मक झुकाव का उसमें सशक्त मिश्रण है।

3. दोनों संघ तथा राज्य विधायिकाएं प्रभुतासंपन्न हैं।

4. विधायिकीय, वित्तीय तथा न्यायिक शक्तियां संघ तथा उसकी इकाइयों के मध्य विभाजित कर दी गई हैं।

नीचे दिए गए कूटों से सही उत्तर का चयन कीजिए

Correct Answer: (b) केवल 1 तथा 2
Solution:भारतीय संविधान द्वारा शासन की मूल संरचना के लिए एक संघीय व्यवस्था की प्रस्तावना की गई है तथापि एकल नागरिकता और केंद्र की राज्यों की तुलना में अधिक शक्तियां इसे एकात्मक झुकाव प्रदान करते हैं। इस प्रकार कथन 1 एवं 2 सही हैं। कथन 3 एवं 4 गलत हैं, क्योंकि राज्य विधायिकाएं रक्षा एवं वैदेशिक मामलों सहित अनेक

संदर्भों में केंद्र से अलग नहीं हैं और साथ ही यहां न्यायिक शक्तियों का सोपानबद्ध क्रम है, संघ एवं राज्यों के मध्य विभाजन नहीं।

47. निम्नलिखित विशेषताओं में से केंद्रीय शासन व्यवस्था (Unitary form of Government) के लिए कौन-सी सही नहीं है? [65th B.P.S.C. (Pre) 2019]

Correct Answer: (c) बड़े देशों के लिए आदर्श
Solution:भारतीय संविधान द्वारा शासन की मूल संरचना के लिए एक संघीय व्यवस्था की प्रस्तावना की गई है तथापि एकल नागरिकता और केंद्र की राज्यों की तुलना में अधिक शक्तियां इसे एकात्मक झुकाव प्रदान करते हैं। इस प्रकार कथन 1 एवं 2 सही हैं। कथन 3 एवं 4 गलत हैं, क्योंकि राज्य विधायिकाएं रक्षा एवं वैदेशिक मामलों सहित अनेक

संदर्भों में केंद्र से अलग नहीं हैं और साथ ही यहां न्यायिक शक्तियों का सोपानबद्ध क्रम है, संघ एवं राज्यों के मध्य विभाजन नहीं।

48. कथन (A): भारत का राष्ट्रपति परोक्षतः निर्वाचित होता है। [R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]

कारण (R) : भारत में संसदीय प्रणाली को गणतंत्रवाद के साथ जोड़ा गया है।

Correct Answer: (a) दोनों (A) और (R) सत्य हैं तथा (R), (A) का एक मान्य स्पष्टीकरण है।
Solution:भारत का राष्ट्रपति परोक्षतः (अप्रत्यक्ष रूप से) निर्वाचित होता है। भारत की संसदीय प्रणाली को गणतंत्रवाद के साथ जोड़ा गया है, जिसमें कोई आनुवंशिक शासक नहीं होता है तथा राज्य के सभी प्राधिकारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा निर्वाचित होते हैं। इस प्रकार कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं और कारण, (R) इसकी सही व्याख्या भी प्रस्तुत करता है।

49. नीचे दो वक्तव्य दिए गए हैं : [U.P.P.C.S. (Pre) 2009]

कथन (A) : राजनीतिक दल लोकतंत्र के जीवन-रक्त हैं।

कारण (R) : लोग खराब शासन के लिए सामान्यतः राजनीतिक दलों को कोसते हैं।

उपर्युक्त के संदर्भ में निम्न में से कौन एक सही है?

Correct Answer: (a) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R) सही स्पष्टीकरण है (A) का।
Solution:राजनीतिक दलों को लोकतंत्र का जीवन रक्त कहा जाता है, क्योंकि राजनीतिक दल लोकतांत्रिक प्रणाली के अंतर्गत चुनाव में भागीदारी, सरकार का निर्माण व नागरिकों में राजनीतिक सहभागिता का प्रशिक्षण एवं अवसर प्रदान करते हैं। यह भी सत्य है कि लोग खराब शासन के लिए सामान्यतः राजनैतिक दलों को कोसते हैं। अतः प्रश्न में दिए गए कथन एवं कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन का सही स्पष्टीकरण कर रहा है।

50. भारत में 'दल विहीन प्रजातंत्र' किसने प्रस्तावित किया?

Correct Answer: (e) (c) & (d)
Solution:महात्मा गांधी और जयप्रकाश नारायण ने भारत में 'दल विहीन प्रजातंत्र' का समर्थन किया। ये दलीय व्यवस्था के दोषों के कारण दल विहीन लोकतंत्र एवं सहभागी लोकतंत्र के समर्थक थे।